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जातीय समीकरण बैठाने में लगी योगी सरकार, सरकार को मिले 9 नए मंत्री

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 26 सितम्बर को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सात नए चेहरों को शामिल किया। इसमे जाती समीकरण के हिसाब से देखें तो 3 मंत्री ओबीसी, दो एससी, एक ब्राह्मण और एक एसटी समुदाय से आते हैं। इस विस्तार को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है की जाति के हिसाब से मंत्री बनाने से उस जाति की मूल समस्याओं का हल नहीं होगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने  कहा की जब तक योगी जी के नए मंत्री मंत्रालय समझेंगे तब तक चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्या कहा?

भाजपा ने यूपी की योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए जीतेन्द्र प्रसाद समेत 7 लोगों को मंत्री मंडल में जगह दी है  अखिलेश जी ने कहा की जिन मंत्रियों के पास बजट ही नहीं पहुंचेगा तो उन्हें किसलिए मंत्री बना रहें हैं। जाति के मंत्री बनाने से उस जाति के लोगों  के समस्याओं का हल नहीं होगा। पिछले वर्ग के लोग चाहतें हैं की उनकी जातीय जनगणना हो तो क्या इन लोगों के मंत्री बन जाने से जातीय जनगणना हो जाएगी। साथ ही अखिलेश यादव ने सवाल किया की, इस सरकार में बड़ी-बड़ी सरकारी कंपनियों को प्राइवेट किया जा रहा है, तो क्या प्राइवेट कंपनियों में इन जातियों के लिए आरक्षण होगा?

बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार पर साधा निशाना

मायावती ने सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कर ट्वीट पर कहा की बीजेपी ने कल 26 सितंबर को यूपी में जाती के आधार पर वोटों को पाने के लिए जिनको मंत्री बनाया है, इससे बेहतर होता की वो लोग इसे  स्वीकार नहीं करते क्योंकि जबतक वे अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहां चुनाव अचार संहिता लागू हो जाएगी। वहीं एक और ट्वीट कर मायावती जी ने लिखा की इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे उन्हें भी बन्द करा दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गाें को सावधान रहने की जरुरत है।

वहीं इसके पहले योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार पर अखिलेश यादव ने कहा था की भाजपा सरकार ने यूपी में साढ़े चार साल जिन लोगों को हक़ नहीं दिया लेकिन अब उन्हे टिकट देने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि, भाजपा के नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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