; खुश रहकर कार्य करना सफलता की कुंजी- डॉ. एनके आहूजा - Namami Bharat
खुश रहकर कार्य करना सफलता की कुंजी- डॉ. एनके आहूजा

मेरठ। स्वामी विवेकानंदसुभारती विश्वविद्यालय के गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता एवं जनसंचारमहाविद्यालय में बीजेएमसी और एमजेएमसी कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के विदाई समारोह गोडस्पीड 2019 का भावपूर्ण आयोजन किया गया।इस मौके पर स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एनकेआहूजा मुख्य अतिथि एवं अभिभावक के तौर पर मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के दौरान जूनियर छात्रों ने संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, साथ ही तीन साल के सफर पर आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

बीजेएमसी और एमजेएमसी के छात्रों ने अपने सीनियर्स के लिए विदाई समारोह का आयोजन कर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। बीजेएमसीफाइनल की छात्रा प्राची राठीमिस फेरवलऔर छात्र रोहित कुमार को मिस्टर फेयरवेल चुना गया। इस मौके पर छात्र-छात्राएं पुराने दिनों की यादों को याद कर भावुक हो उठे।

इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. एनकेआहूजा ने कहा कि अब आपके जीवन का एक नया सफर शुरु होने वाला है। यही उम्र हैं जब आप कुछ नया करने के लिए उत्साहित होते हैं। इस उम्र में आपने जो करने की ठान ली तो वह आप करने में सफल होंगे। जीवन का प्रथम उद्देश्य होना चाहिए कि पहले आप खुश रहें। जबतक आप अपने काम को इंज्वाय नहीं करेंगे तबतक आपकी उसके प्रति न रुची बनेगी और न ही उसको करने में आप अपना शत-प्रतिशत दे सकेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को आगे पढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि शिक्षा हम जीवनभर ग्रहण करते है। कुछ घर में, कुछ शिक्षा संस्थानों में और कुछ कार्यक्षेत्र में। शिक्षा संस्थानों की शिक्षा की एक उम्र होती हैं इसलिए आप जबतक मुमकिन हो तबतक आप अपनी शिक्षा ग्रहण करें। इसका मौका फिर नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता महाविद्यालय आपकी शिक्षा की नींव है। इस नींव पर इमारत आप खड़ी करेंगे।

सुभारतीजनसंचार एवं पत्रकारिता महाविद्लायलके प्राचार्य डॉ. नीरज कर्ण सिंह ने विश्वविद्यालय के प्रबंधकों, समस्त शिक्षकों, प्रशासन की तरफ से छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए बच्चों के साथ बिताएं तीन सालों को याद किया और कहा कि आपको चार चीजों से प्रेम होना चाहिए वो चार चीजें हैं कलम, माइक, स्टेज और खुद। अगर पत्रकारिता के विद्यार्थी इन चार चीजों से लगाव रखेंगे तो वो जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकते है।उन्होंने आगे कहा कि मैं कामना करता हूं कि मेरे छात्र हमेशा जीवन में आगे बढ़ेऔर हमारा नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि मेरी दो बातें गुरुमंत्र के रुप में अपने पास रखना। पहला हैं कुल की मर्यादा और दूसरा हैं कि गुरुकुल की मर्यादा। यह दो ऐसे चीजें हैं जो जीवन में अपने साथ हमेशा रहती है। और दोनों की ही मर्यादाओं को बनाए रखना आपका दायित्व होना चाहिए।

इस मौके पर बीजेएमसी और एमजेएमसी कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को यादगार के तौर पर तीन साल के दौरान की खूबसूरत और यादागारफोटो फ्रेम तथा उनके तीन साल के कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशस्ती पत्र दिया गया।

कार्यक्रम में मंच संचालन बीजेएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा लक्की शर्मा, सलोनी कश्यप, नेहा पाठक, अंजु यादव, आकृति तथा प्रथम वर्ष की छात्रा पूजा तथा साक्षी ने किया। विदाई समारोह का संयोजन प्रीति सिंह और यासिरअरफात ने संयुक्त रुप से किया। इस दौरान प्रोफेसर अशोक त्यागी, प्राध्यापक डॉ. गुंजन शर्मा, डॉ. मुद्दसिर सुलतान, बीनम यादव, प्रिंसचौहान, संजय जुगरानका अहम योगदान रहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में सीकेबमजीद, यश शर्मा, संदीप सिंह, शारिकदेशवाल, वृंदा चौधरी, पूजा, ऋषभ, रोहित, स्वप्निल, शुभम, शाक्षी, प्रिंस, वर्षा, जोया, अंजु तोंगर ने अहम भूमिका अदा की।

News Reporter
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