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योगी पूरी कर रहे भ्रष्टाचार को भस्म करने की प्रतिज्ञा, जिलाधिकारी को किया सस्पेंड

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है।जिसके चलते शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव के जिलाधिकारी देवेन्द्र पाण्डेय को निलंबित कर दिया है। देवेंद्र पाण्डेय पर कम्पोजिट स्कूल ग्रांट के क्रियान्वयन व उपभोग में अनियमितता का आरोप है।उन्नाव के जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु प्रेषित धनराशि के संबंध में त्रुटिपूर्ण निर्णय लेकर कार्य करते हुए कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के कियान्वयन व उपभोग में अनियमितता की है। लखनऊ के मण्डलायुक्त की जाँच में अनियमितता पायी गई। जिस पर जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय को प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया। जिसके दृष्टिगत उन्हें निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1969 के नियम-8 के अन्तर्गत वृहद् दण्ड दिए जाने के उद्देश्य से अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की गयी है।पिछले ढ़ाई साल में योगी अलग-अलग विभागों के 250 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुके है। इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 500 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए कुछ दिन पहले प्रांतीय पुलिस सेवा(पीपीएस) अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की थी। सात पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी गई थी। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं।ग्राम विकास अधिकारी पद पर नियुक्ति में नियमों की अवहेलना करने वाले जनपद बदायूं, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी एवं कासगंज के तत्कालीन जिला विकास अधिकारियों को निलंबित किया है। मुख्यमंत्री ने 44 करोड़ की गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपी लो.नि.वि. प्रांतीय खण्ड बस्ती अधिशाषी अभियंता को बर्खास्त किया। मुख्यमंत्री ने उ.प्र. राज्य पर्यटन विभाग, लखनऊ के पूर्व मुख्य लेखाधिकारी द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर उनके विरुद्ध अभियोग चलाने का निर्देश दिया है। जनपद आगरा के पूर्व तहसीलदार, सदर (संप्रति, उप जिलाधिकारी, सिकंदराबाद, जनपद बुलंदशहर) व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले बाह, जनपद आगरा) के तत्कालीन निबंधक लिपिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश।मुख्यमंत्री ने जिला प्रयागराज की बैंक आफ इण्डिया, सुलेमसराय, धूमनगंज शाखा के करेंसी चेस्ट में पाए गए 4 करोड़ 25 लाख के गबन मामले की विवेचना सीबीआई को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। अनुशासनहीनता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए बिना सूचना लंबे समय से अनुपस्थित, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय, इसौली, जनपद सुल्तानपुर के चिकित्साधिकारी को बर्खास्त करने का आदेश। जनपद अमेठी के डीडीओ को मिर्जापुर में डीडीओ के पद पर रहते हुए दायित्वों की अनदेखी व नियुक्ति में अनियमितता के कारण सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया हैै। दायित्वों का निर्वहन न करने के कारण पीटीएस मेरठ के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने पर खनन अधिकारी, चित्रकूट के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने के आदेश किया है। उक्त खनन अधिकारी पर यह कार्यवाही जनपद में संचालित खनन पट्टों, स्टोन क्रेशरों व उप खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच/ माप में शिथिलता बरतने, खनिजों के अवैध खनन/परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु समुचित प्रयास न करने के कारण की गई है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व कुलपति, कुलसचिव तथा अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोग चलाने की स्वीकृति दी गई है। इन पर अनियमितता की धाराओं में अभियोग चलेगा। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, कुमारगंज, फैजाबाद के पूर्व कुलपति व 3 अन्य के विरुद्ध धारा 420, 467, 468, 471,120 बी के अंतर्गत अभियोग पंजीकरण की स्वीकृति दी गई। अधिशासी अभियंता सिविल, सिंचाई विभाग फैजाबाद एवं तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गंडक, बाढ़ मंडल बस्ती के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में अभियोग चलाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। जनपद कानपुर के केस्को मुख्यालय में पदस्थ अधिशासी अभियंता व एक लिपिक के विरुद्ध धारा 420/467/468/471, भा.दं.वि.13(1) व भ्रष्टाचार निवारण अधि. के तहत अभियोग चलाने की स्वीकृति दी गई। पूर्व निदेशक पंचायतीराज को पद पर रहते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन व शासनादेशों की अनदेखी कर अपात्र ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट प्रदान करने के प्रकरण में अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में कार्यरत सहायक निदेशक स्तर के एक अधिकारी को अनुशासनिक जांच में दोषी पाए जाने पर सेवा के मूल पद पर पदावनत करने के निर्देश दिए। एसडीएम फर्रुखाबाद को भ्रष्टाचार में लिप्तता के कारण पद से बर्खास्त किया गया। उक्त अधिकारी पर वाराणसी में तैनाती के दौरान सरकारी भूमि को खुर्द-बुर्द करने के प्रयास का आरोप था। संभाग मिर्जापुर के असिस्टेंट कमिश्नर, वाणिज्य कर को भ्रष्टाचार में लिप्तता के कारण निलंबित किया गया। उक्त अधिकारी पर कानपुर तैनाती के समय व्यापारी को धमकाने व वसूली का आरोप है। जनपद बलिया के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों के डीपीएफ मद की धनराशि से फर्जी शिक्षकों के भुगतान की सतर्कता जांच का अनुमोदन किया गया।  मानकों की अनदेखी कर अग्निशमन व्यवस्थाओं की कार्यशीलता प्रमाणित करने के आरोप में मथुरा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी व अग्निशमन अधिकारी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिए। भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों की जांच के बाद आगरा के जिला विकास अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। बदायूं कोषागार में स्टाम्प मैनुअल के अनुपालन न करने एवं कार्य में शिथिलता के आरोप में 13 अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिये हैं।

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