; सावन के अंतिम सोमवार को तुंगनाथ में उमड़े शिवभक्त
सावन के अंतिम सोमवार को तुंगनाथ में उमड़े शिवभक्त

सन्तोष सिंह / तुंगनाथ में  शिव भक्तो ने अन्तिम सोमवार को भारी बारिश के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नही हुआ बाबा तुंगनाथ मंदिर में जलाभिषेक के साथ भोले के जयकारों से गुजयमान रही। तुंगनाथ मंदिर विश्व  का सब ऊंचा मंदिर है और यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित व चमोली सीमा से सठा हुआ है।

तुंगनाथ मन्दिर समद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है।यह मंदिर हजारों वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है और भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर में भगवान शिव को “पंचकेदार” रूप में पूजा जाता है  तुंगनाथ मंदिर यह मंदिर पंचकेदार के क्रम में दुसरे स्थान पर है हिमालय पर्वत की खूबसूरत प्राकर्तिक सुन्दरता के बीच बना यह मंदिर तीर्थयात्रियो और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है चारधाम की यात्रा करने वालो यात्रियों के लिए यह मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण है मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव के परम भक्त “नंदी” की मूर्ति निर्मित है , जो कि पवित्र स्थान का दर्शन कर रहा है

प्राचीन तथ्य क्या है।

इस मंदिर में पुजारी मक्कामाथ गांव के एक स्थानीय ब्राह्मण हैं। यह भी कहा जाता है कि मैथानी ब्राह्मण इस मंदिर में पुजारी के तौर पर काम करते हैं। सर्दियों के मौसम के दौरान, मंदिर बंद हो जाता है।

तुंगनाथ

कथा कहती है कि महाभारत युद्ध के दौरान जब पांडवोंने अपने चचेरे भाई की हत्या की थी, तब व्यास ऋषि ने पांडवों को सलाह दी थी कि उनका यह कार्य केवल भगवान शिव द्वारा माफ़ किया जा सकता था। इसलिए पांडवों ने शिव से माफ़ी मांगने का निर्णय लिया लेकिन भगवान् शिव उनसे बहुत नाराज थे इसलिए उन्हें माफ़ नहीं करना चाहते थे। इसलिए पांडवों को दूर रखने के लिए, शिव ने एक बैल का रूप ले लिया और हिमालय को छोड़ कर गुप्तकाशी चले गए लेकिन पांडवों ने उन्हें पहचान कर वहा भी उनका पीछा किया था।

तुंगनाथ

तुंगनाथ को उस जगह के रूप में पहचाना जाता है जहां बाहू (हाथ) देखा गया था, कूल्हे केदारनाथ में देखा गया, रुद्रनाथ में सिर दिखाई दिया, उनकी नाभि और पेट मध्यमाहेश्वर में सामने आए और कल्पेश्वर में उनके जाट। पौराणिक कथा में यह भी कहा गया है कि रामायण महाकाव्य के मुख्य प्रतीक भगवान राम, चंद्रशेला शिखर पर ध्यान लगाते हैं, जो तुंगनाथ के करीब है। यह भी कहा जाता है कि रावण ने यहां भगवान् शिव की तपस्या की थी।

News Reporter
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.
error: Content is protected !!