पंकज मलिक
जनपद में अब जिला हॉस्पिटल में पहुंचने वाले इमरजेंसी मरीजों को ब्लड की सुविधा उपलब्ध नहीं मिल पाएगी। क्योंकि शामली जिला हॉस्पिटल में ब्लड संग्रहालय पर विभागीय ताला लटक चुका है। अब ऐसी स्थिति में जब हॉस्पिटल में मरीजों के लिए ब्लड ही नहीं होगा तो कैसे जच्चा-बच्चा महिलाओं और इमरजेंसी केस में आने वाले मरीजों को ब्लड सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी? यह एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है।
क्योंकि यहां के डॉक्टरों ने सारा ठीकरा डायग्नोस्टिक इंचार्ज पर फोड़ा है। क्योकि 29 जनवरी को हॉस्पिटल में बने ब्लड संग्रह केंद्र बैंक को कैंसिलेशन सर्टिफिकेट दिया गया है। वही ब्लड संग्रह पर ताला ब्लड बैंक के रिन्यूअल ना होने की वजह से लटका है। अब यहाँ डीआई ओर हॉस्पिटल अधिकारियों की तनातनी से मरीजों को ब्लड नही दिया जाएगा।
दरअसल आपको बता दें कि जनपद शामली के सर शादीलाल मेमोरियल स्वास्थ्य केंद्र पर बने ब्लड संग्रह केंद्र पर विभागीय ताला लटक चुका है। क्योंकि इस जिला हॉस्पिटल में मरीजो को ब्लड देने के लिए ब्लड संग्रह केंद्र वर्ष 2017 में खोला गया था। जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीजों व इमरजेंसी केस में ब्लड की आवश्यकता पड़ने वाले मरीजों को ब्लड दिया जाता था। लेकिन अब यहां पर एडमिट होने वाले किसी भी प्रकार के मरीज को ब्लड की सुविधा नहीं दी जाएगी। क्योंकि वर्ष 2017 से वर्ष 2019 तक ब्लड संग्रह में ब्लड के रखरखाव की सुविधा उपलब्ध थी।
जिस पर अब ताला लटका चुका है फिर भी शामली स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह ब्लड संग्रह केंद्र बिना सर्टिफिकेट के ही चलाया जा रहा था। वहीं जिला हॉस्पिटल के अंदर बने ब्लड संग्रहालय में अब डीआई के आदेश के बाद विभागीय कार्यवाही के चलते ताला लटक चुका है। क्योंकि इस ब्लड संग्रहालय का रिन्यूअल नहीं हुआ है।
अब देखा जाए तो डीआई और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच में चल रही तनातनी से यहां के मरीजों को ब्लड की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाएगी। क्योंकि यहां के स्वास्थ्य अधिकारी अब अपने हाथ खड़े कर चुके हैं। यहाँ शामली जिला चिकित्सा प्रभारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को अब ब्लड की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है क्योंकि यहां पर ब्लड संग्रहालय पर ताला लटक चुका है।
पहले तो यह ब्लड संग्रह वर्ष 2017 से 2019 तक सर्टिफिकेट के आधार पर चल रहा था लेकिन उसके बाद जैसे तैसे करके वर्ष 2019 से 2020 तक या ब्लड संग्रहालय बिना लाइसेंस के चलाया जा रहा था। वही इस ब्लड संग्रह केंद्र के रिन्युअल ना होने के कारण अब इस पर विभागीय ताला लटक चुका है।