; जनऔषधि पोषण और आयुष्मान विषय पर हुआ राष्ट्रीय परिसंवाद
जनऔषधि पोषण और आयुष्मान विषय पर हुआ राष्ट्रीय परिसंवाद

नई दिल्ली/ जिस समय दिल्ली के रामलीला मैदान में राम मंदिर की चर्चा जोर-शोर से चल रही थी, ठीक उसी समय दिल्ली के गांधी-शांति प्रतिष्ठान में स्वस्थ भारत की अगुवाई में स्वास्थ्य पत्रकारों की एक टोली स्वस्थ भारत की चर्चा में कर रही थी। स्वस्थ भारत एवं प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस परिसंवाद का मुख्य विषय था ‘स्वस्थ भारत के तीन आयामः जनऔषधि पोषण और आयुष्मान’। स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वस्थ भारत के चेयरमैन एवं सीनीयर स्वास्थ्य पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह की पुस्तक ‘जेनरिकोनॉमिक्स’ का लोकार्पण किया जा रहा था तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी लेखनी के माध्यम से आम लोगों को जागरूक कर रहे स्वास्थ्य पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों को सम्मानित जा रहा था। जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह, नेशनल हेल्थ एजेंसी के इडी अरूण गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, प्रसिद्ध गांधीवादी पत्रकार प्रसून लतांत, प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता ठाकुर, इंटरनेशनल हिलर एवं लाइफ कोच डॉ. अभिलाषा द्विवेदी एवं मेवाड़ विश्वविद्यालय के निदेशक (प्रकाशन) शशांक द्विवेदी के मंचीय उपस्थिति ने स्वास्थ के इस आयोजन जनमानस तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

जेनरिक दवाइयों की जरूरत पर बोलते हुए प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के सीइओ सचिन कुमार सिंह ने कहा कि भारत जैसे देश में जहां पर गरीबी के कारण महंगी दवाइयों को आम लोगो वहन नहीं कर पा रहे हैं वहां पर जेनरिक दवाइयों की बहुत जरूरत है। सचिन कुमार सिंह ने आगे कहा कि आयुष्मान भारत योजना एवं जनऔषधि के एक दूसरे के पूरक हैं। उनके इस बात को आगे बढ़ाते हुए आयुष्मान भारत योजना के कार्यकारी निदेशक अरूण गुप्ता ने कहा कि भारत में जहां हर साल 6 करोड़ लोग बीमारी पर ईलाज के खर्च के चलते गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं, उनके लिए आयुष्मान भारत एक वरदान है। उन्होंने आगे कहा कि समाज का वह वर्ग जो सबसे कमजोर है उसके अपने ईलाज के खर्चे की चिंता करने की आवश्यकता अब नहीं है। वह वर्ग देश भर में कहीं भी चिन्हित अस्पताल में गुणवत्तायुक्त चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ उठा सकता है। इस योजना के अंतर्गत १३९३ तरह की बीमरियों का ईलाज किया जा रहा है।


अपने अध्यक्षीय संबोधन में आयुष्मान एवं जनऔषधि योजना के क्रियान्वयन को और मजबूत किए जाने पर बल देत हुए वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी ने कहा कि इस तरह की योजनाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है लेकिन इनका क्रियान्वयन उस स्तर पर नहीं हो पा रहा है, जिस स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए जनजागरूकता पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत पर बल दिया। इस आयोजन में सम्मानित हुए स्वास्थ्य पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल एवं कॉर्पोरेट कंपनियों रिपोर्टिंग से ज्यादा जरूरी है कि आम जन की सेहत को रिपोर्ट किया जाए साथ ही सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को आम जनतक पहुंचाने का काम किया जाए, जिससे आम लोगों को फायदा हो।
इस अवसर पर देश-दुनिया के जाने माने न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि भारत के स्वस्थ भविष्य के लिए यह जरूरी है कि स्वास्थ्य एक सामाजिक आंदोलन के रूप में उभरे। जनऔषधि एवं आयुष्मान योजना इस आंदोलन में एक मजबूत धूरी के रूप में सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि जबतक देश का प्रत्येक नागरिक स्वास्थ्य के प्रति सजग एवं जागरूक नहीं हो जाता आर्थिक अथवा किसी भी तरह के विकास की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। इस अवसर पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता ठाकुर ने कहा कि जनऔषधि एवं आयुष्मान जैसी योजनाएं घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इस कैंसर का टीका आज उपलब्ध है, वह भी निःशुल्क। दिल्ली सरकार निःशुल्क सर्वाइकल कैंसर के टीके को लगवा रही है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने बच्चियों को यह टीका जरूर लगवाएं।
लाइफ कोच एवं इंटरनेशनल हिलर डॉ. अभिलाषा द्विवेदी ने कहा कि भारत में कुपोषण की वजह से जीडीपी में 13 फीसद का नुक्सान हर साल होता है। भारत अभी भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में साउथ एशिया प्रोग्रेस रपट के हिसाब से ९० देशों से भी पीछे है। उन्होंने आगे कहा कि, एक ओर हम कुपोषण की पारंपरिक चुनौति को समाप्त नहीं कर पाएं हैं वही दूसरी ओर अतिपोषण की समस्या आकर जुड़ गई है। जिसके ऑटो इम्यून बीमारियां हो रही है। उन्होंने कहा कि पोषण संबंधित राष्ट्रीय औसत आंकड़ों को देखेंगे तो पूरी तस्वीर समझ में नहीं आ पाएगी, क्योंकि राज्यों एवं जिलों के स्तर पर पोषण की प्रगति की दर में बहुत भारी अंतर है।
मेवाड़ विश्वविद्याल के निदेशक (प्रकाशन) शशांक द्विवेदी ने जेनरिकोनॉमिक्स पुस्तक की जरूरत पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इस तरह की पुस्तकों की आज जरूरत है। सेहत के क्षेत्र में स्वस्थ भारत द्वारा किए जा रहे कार्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि सेहत के क्षेत्र में बहुत जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत है। मेवाड़ विश्वविद्यालय के चेयरमैन अशोक कुमार गदिया भेजे संदेश को पढ़ते हुए श्री द्विवेदी ने कहा कि जेनरिक दवाइयों की चर्चा अकादमिक स्तर पर होनी चाहिए। इसके लिए मेवाड़ विश्वविद्यालय हर संभव सहयोग करेगा।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप्रज्वलन एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन स्वस्थ भारत अभियान के सहसंयोजक धीप्रज्ञ द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रसून लतांत, डॉ. सोम, अनुज अग्रवाल, ऐश्वर्या सिंह, प्रियंका सिंह, अनिता सिंह, संतोष कुमार सिंह, वंदन कुमार, श्री राजेश सहित सैकड़ों स्वास्थ्य पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

जेनरिकोनॉमिक्स पुस्तक का हुआ लोकार्पण
जेनरिक दवाइयों को लेकर पिछले ७ वर्षों से देश में अलख जगा रहे स्वास्थ्य पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह की पुस्तक जेनरिकोनॉमिक्स का लोकार्पण गांधी शांति प्रतिष्ठान स्थित सभागार में किया गया। इस पुस्तक में जेनरिक दवाइयों के अर्थशास्त्र को समझाने का प्रयास लेखक ने किया है। इस किताब के बारे में बात करते हुए श्री आशुतोष ने कहा कि जेनरिक दवाइयों को लेकर प्राथमिक समझ विकसित करने में यह पुस्तक सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि अगर देश के लोग जेनरिक दवाइयों का सेवन करना शुरू कर दें और चिकित्सकों पर यह दबाव रहे कि उन्हें जेनरिक दवा ही लिखनी है, साथ ही सरकार पर यह दबाव रहे कि जेनरिक दवाइयों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करती रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इस देश को ९० हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। इतना ही नहीं महंगी दवाइयों से गरीब हो रहे लोगों के लिए दवाइयां महंगी नहीं रह जाएंगी। भारत के स्वास्थ्य की तस्वीर बदल जाएगी।

स्वास्थ्य पत्रकार हुए सम्मानित

पीएमबीजेपी के सहयोग से स्वस्थ भारत (न्यास) द्वारा आयोजित इस परिसंवाद में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार धनंजय, डीडी न्यूज से जुड़े नितेन्द्र सिंह, युगवार्ता के संपादक संजीव कुमार, अमर उजाला के संवाददाता परीक्षित निर्भय, दैनिक जागरण से सबद्ध रणविजय सिंह, दैनिक हिन्दुस्तान से सबद्ध हेमवति नंदर राजौरा, संडे गार्डियन से नवतन कुमार, सूर्या टीवी से अमिताभ भूषण, सेहत३६५ से निशि भाट, राज एक्सप्रेस से सुशील देव एवं इंडिया टूडे से जुड़ी वरिष्ठ पत्रकार संध्या द्विवेदी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर नई उम्मीद पत्रका के संपादक निर्भय कुमार कर्ण, इंडिया न्यूज के सीनियर प्रोड्यूसर कुलभाष्कर ओझा एवं नमामि भारत अखबार के संपादक दिग्विजय चतुर्वेदी को विशेष तौर से सम्मानित किया गया।

News Reporter
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.
error: Content is protected !!