दिल्ली के बाहरी क्षेत्र नजफगढ़ में पहला राहगीरी कार्यक्रम आयोजित हुआ

*- ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत आयोजित राहगीरी में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह शामिल हुए*

*- इस कार्यक्रम के जरिए संदेश दिया गया कि यदि हम प्रदूषण को कम करना चाहते हैं तो निजी वाहनों पर निर्भर रहना बंद करना होगा, इनकी जगह पर साइकिल चला सकते हैं- कैलाश गहलोत*

*- सड़कें केवल वाहनों के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के आनंद के लिए हैं- जस्मिन शाह*

दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) ने राहगीरी फाउंडेशन और डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से दिल्ली के बाहरी क्षेत्र नजफगढ़ में आज पहला ‘राहगीरी दिवस’ आयोजित किया। ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत आयोजित राहगीरी में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह शामिल हुए।

इस  कार्यक्रम का आयोजन सुबह 7:30 बजे से 10:30 बजे तक आरसी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मित्रांव की ओर जाने वाली सड़क पर नजफगढ़ में किया गया। जहां सड़कें पूरी तरह से वाहनों के आवागमन से मुक्त कर जनता के लिए खोल दी गईं। नजफगढ़ के हजारों स्कूली बच्चों और लोगों ने कोविड नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम में भाग लिया। लोगों ने पैदल चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना रैली, स्केटिंग, नुक्कड़ खेल, नुक्कड़ नाटक, संगीत बैंड, पेंटिंग, नृत्य, प्रदर्शन कला, योग, एरोबिक्स, जुंबा आदि कई गतिविधियों में भाग लिया। इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की 80 वर्षीय मां सहित नजफगढ़ के सैकड़ों वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों, कलाकार, फिटनेस विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। एनजीओ जागोरी ने भी भाषण, गीत और नुक्कड़ खेल के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया।

मंत्री कैलाश गहलोत अपनी दो बेटियों और नजफगढ़ वासियों के साथ साइकिल रैली से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने ‘राहगीरी दिवस’ के लिए नजफगढ़ का नाम अगले स्थान के रूप में सुझाया तो मैं तुरंत सहमत हो गया। क्योंकि इस क्षेत्र में ऐसा कोई आयोजन कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि नजफगढ़ के लोगों की ऊर्जा और उत्साह अद्वितीय है। ऐसे कार्यक्रम दिल्ली के अंदरूनी इलाकों तक ही सीमित रह गए थे। लेकिन डीडीसी दिल्ली और राहगीरी फाउंडेशन के प्रयासों से उनका आनंद अब नजफगढ़ में भी लिया जा रहा है। अगर हमें दिल्ली को बदलना है तो हमें दिल्ली के सभी इलाकों को साथ लेकर चलना होगा।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए संदेश दिया गया कि यदि हम प्रदूषण को कम करना चाहते हैं तो निजी वाहनों पर निर्भर रहना बंद करना होगा। इनकी जगह पर हम साइकिल चला सकते हैं। दिल्ली सरकार पैदल राहगीरों के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राजघाट पर यातायात चौराहे को पैदल यात्रियों के अनुकूल क्षेत्र में बदलने का हमारा प्रयास इसका ताजा उदाहरण है।

अपने बचपन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह दोस्तों के साथ दिन में कई बार साइकिल से बाजार जाते थे। नजफगढ़ के विधायक के रूप में मोटर वाहनों के बजाय साइकिल से आस-पास के क्षेत्रों में चलने की अपील की। उन्होंने कहा कि राहगीरी के जरिए लोगों को जागरुक कर प्रदूषण मुक्त दिल्ली की दिशा में काम कर सकते हैं।

इस अवसर पर डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि सड़कें केवल वाहनों के उपयोग के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के आनंद के लिए हैं। हम सभी ने दिल्ली के प्रदूषण को देखा है, ऐसे में यह समझ सकते हैं कि अपने हिस्से के प्रदूषण को कम करने के लिए निजी मोटर वाहनों के उपयोग को कम करने की आवश्यकता क्यों है। दिल्ली के बाकी हिस्सों के लिए नजफगढ़ एक उदाहरण स्थापित करेगा, कि कैसे प्रदूषण को एक साथ कम किया जाए।

राहगीरी फाउंडेशन की संस्थापक सारिका पांडा भट्ट ने कहा कि इस तरह के आयोजन लोगों को स्थानों से और आपस में जोड़ रहे हैं। हमारे शहर की सड़कों को बेहतर बनाने का इस‌से बेहतर कोई तरीका नहीं है। नजफगढ़ में आज का ‘राहगीरी दिवस’ एक ऐसा उदाहरण है। हम  मंत्री कैलाश गहलोत और डीडीसी वीसी जस्मिन शाह को इसे संभव बनाने के लिए आभार प्रकट करते हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू किए गए ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत किया जा रहा है। जिससे की लोगों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। जिसमें निजी वाहनों का उपयोग सप्ताह में कम से कम एक बार नहीं करने सहित अन्य गतिविधियों के लिए प्रेरित किया जा सके।

प्रदूषण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत राहगीरी का‌ आयोजन किया जा रहा है। दिल्ली में तीन महीने में आयोजित किए जाने वाले छह राहगीरी दिवसों में से यह दूसरा आयोजन था। जिसका विषय ‘युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध’ है। इस तरह का पहला आयोजन बाल दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को पटपड़गंज में हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शामिल हुए थे।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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