नई आबकारी नीति के खिलाफ लगातार हो रहे प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि केजरीवाल की मनमानी अब नहीं चलेगी-आदेश गुप्ता
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल की सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ भाजपा और समाज के सभी वर्गों द्वारा हो रहे विरोध प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि भले ही सरकार इनका बिना परवाह किये अपनी जेब भरने के लिए मनमानी कर रही है लेकिन दिल्ली की जनता यह समझ चुकी है कि यह आबकारी नीति प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और अन्य सभी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का एक जरिया साबित होने वाला है। जंतर-मंतर पर आर्य समाज द्वारा इस नई आबकारी नीति के खिलाफ उपस्थित विरोध प्रदर्शनकरियों को सम्बोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि ईमानदारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ और शराब को बंद करने के वायदों के साथ केजरीवाल सरकार में आये थे लेकिन आज ये खुद के जेब भरने और दूसरे राज्यों में चुनाव जीतने के लिए हर वो काम कर रहे हैं जिसे ना करने का उन्होंने वादा किया था। विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख श्री नवीन कुमार जिंदल एवं कार्यक्रम के संयोजक श्री योगेंद्र खट्टर भी मौजूद थे।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर केजरीवाल ने 7 साल पहले अपनी खुद की लिखी ’स्वराज’ नामक किताब में कहा था कि एक शराब की दुकान खोलने के लिए नेताओं और अफसरों को घूस दिए जाते हैं इसलिए क्या आज केजरीवाल बताएंगे कि उन्होंने 850 शराब की दुकानें खोलने के लिए कितने करोड़ रुपये लिए हैं। उनकी पार्टी और उनके नेताओं ने कितने रुपये का बंदरबांट किया है? उन्होंने कहा कि मोहल्ला सभा और महिलाओं से बात कर शराब की दुकानें खोलने की बात करने वाले केजरीवाल दिल्लीवालों को बताए कि उन्होंने 850 शराब की दुकान खोलने से पहले किससे बात की है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि नई आबकारी नीति लागू करने के पीछे सरकार ने वजह बताई कि शराब का सामना वितरण एवं इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी जबकि हकीकत ये है 65,000 करोड़ रुपये का दिल्ली का बजट है। लगभग 40 प्रतिशत बजट का पैसा हर साल वापस चला जाता है। मतलब ये कि सालाना बजट का पूरा पैसा खर्च नहीं कर पाने वाले केजरीवाल को आखिर क्यों नई आबकारी नीति की जरुरत पड़ गई जबकि वे स्वयं विधानसभा में चीख-चीख कर कहते रहे हैं कि दिल्ली का सालाना बजट सरप्लस में है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वासी उन्हें विद्यालय, कॉलेज, सड़कें, बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए सत्ता में बैठाया था न कि पूरी दिल्ली को शराब के नशे में झोंकने के लिए। ऐसे में यह नई आबकारी नीति का विरोध हर उस इंसान की जरूरत है जो अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होना देखना चाहते हो।