लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद राहुल गांधी के साथ विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है। विपक्ष जहां लगातार सरकार पर इस्तीफे का दबाव बनाने की कोशिश में लगा है वहीं सरकार भी सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर मांग मानने को तैयार नहीं है। इस बीच विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कल यानी शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है विपक्ष लगातार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
राहुल गांधी का कहना है कि लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय देने के लिए सरकार को अजय मिश्रा को कैबिनेट से बाहर निकालना होगा। हालांकि, मिश्र को कैबिनेट से बाहर किए जाने को लेकर सरकार की तरफ से अभी कोई संकेत नहीं दिए गए हैं। बुधवार को एक गैस प्लांट संयंत्र का उद्घाटन करने पहुंचे गृह राज्य मंत्री टेनी विवादों में आ गए। यहां सवाल पूछे जाने पर वह मीडिया पर भड़क गए और उनके साथ बदसलूकी की। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के समय में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को चर्चा से नहीं भागना चाहिए। जोशी ने कहा कि विपक्ष महंगाई सहित कई मुद्दों पर चर्चा कराना चाहता है लेकिन वह खुद सदन से भाग जा रहा है।
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी है। लोकसभा की कार्यवाही दो बजे जब दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने मिश्र का तत्काल इस्तीफा लेने की मांग की। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही 17 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई।
वहीं, इस पूरे मामले पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पुलिस ने एक नई चार्जशीट फाइल की है। इस मामले की जांच उचित तरीके से चले यह सुनिश्चित करने के लिए एक रिटायर्ड जज इसकी निगरानी कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्य मंत्री का लड़का शामिल है और वह खुद साजिशकर्ता है। राज्य मंत्री का लड़का और उसके 13 दोस्तों ने किसानों की हत्या की। कांग्रेस नेता ने कहा कि लखीमपुर खीरी घटना पर चर्चा के लिए उन्होंने राज्यसभा में चर्चा कराए के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम इस घटना पर चर्चा करना चाहते थे क्योंकि एसआईटी की रिपोर्ट में साजिश की बात कही गई है।’
अजय मिश्र टेनी के बारे में जानिए- बीजेपी के जिला महासचिव से राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ की पहचान एक ब्राह्मण नेता के रूप में है। टेनी लखीमपुर खीरी से दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वे पहली बार 2012 में निघासन सीट से विधायक बने थे। इलाके में अजय मिश्र ‘टेनी’ को लोग ‘टेनी महाराज’ के नाम से संबोधित करते हैं।
आखिर कार्रवाई से क्यों हिचकिचा रही है बीजेपी हाईकमान- लखीमपुर खीरी हिंसा में शुरूआती जांच में अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के नाम आने के बाद भी बीजेपी हाईकमान उन्हें हटाने से क्यों हिचकिचा रही है? सियासी गलियारों में रह सवाल मौजूं हो गया है।वहीं बीजेपी हाई कमान के चुप्पी पर भी विपक्ष सवाल उठा रही है।
दरअसल, टेनी को हटाने को लेकर बीजेपी आलाकमान नफा-नुकसान का आकलन कर रही है। बताया जा रहा है कि हाई कमान को चुनावी साल में टेनी की बर्खास्तगी से तराई इलाकों में सीट खिसकने का डर सता रहा है। इतना ही नहीं, चुनाव से पहले ब्राह्मण वोट बैंक पर भी असर हो सकता है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस इलाके से अजय मिश्र ‘टेनी’ आते हैं। वो नेपाल से सटा इलाका माना जाता है। इसे यूपी में तराई बेल्ट कहा जाता है। तराई के अन्तर्गत पीलीभीत, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और शाहजहांपुर जिले आती है। इन जिलों में विधानसभा की करीब 42 सीटें हैं, जिसमें बीजेपी को पिछले चुनाव में 37 सीटों पर जीत मिली थी।
इतना ही नहीं, तराई बेल्ट में ब्राह्मणों की आबादी सबसे अधिक है। बताया जाता है कि यहां पर आजादी के बाद पलायन हुआ, तो सिख भी आ बसे। जिसके बाद से इस इलाके में सिख वर्सेज ब्राह्मण की राजनीति चलती है। ऐसे में बीजेपी आलाकमान को डर है कि अगर अजय मिश्र ‘टेनी’ पर कार्रवाई की गई, तो ब्राह्मण नाराज हो सकते हैं।