; क्या राजस्थान में अपने कद्दावर महिला नेता को कर रही साइडलाइन
क्या राजस्थान में अपने कद्दावर महिला नेता को कर रही साइडलाइन

नई दिल्ली। कुछ महीने बाद राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। प्रदेश में सभी प्रमुख पार्टियां चुनावी महौल बना रहीं हैं। राजस्थान में सभी दलों के राष्ट्रीय नेताओं के दौरे तेज हो गए है। बड़े नेता माहौल बनाने के लिए मैदान में उतरना शुरु हो चुके हैं। कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेता अपनी उपलब्धियां और दूसरों की कमियां गिनाने में लगे हुए हैं। राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी के नेता राहुल गांधी और केन्द्र में सत्ता पर आसीन पीएम मोदी यहां जनसभा करने वाले हैं। लेकिन इन सब तैयारियों के बीच सवाल यह उठता है कि आखिर बीजेपी के पास राजस्थान में ऐसा कौन सा मुद्दा है जो गहलोत सरकार से वोटरों का मोह भंग करा सके। जबकि बीजेपी अब भी अपने धुरंधर नेता वसुंधरा राजे को लेकर अपना रुख साफ नहीं कर रही है।

शायद इसीलिए विशेष सत्र बुलाकर केंद्र सरकार ने आनन फानन में महिला आरक्षण बिल पास करवा लिया और उसका फायदा इस चुनाव में लेना चाह रही है। एक तरफ बीजेपी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण ला रही है तो वहीं दूसरी तरफ अपनी ही पार्टी में एक महिला कद्दावर नेता को पीछे धकेल रही है क्योंकि राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए वसुंधरा राजे को आगे नहीं किया है।

राजनीति के जानकारों की मानें तो पीएम मोदी राजनीति में आरक्षण की बात तो कर रहे हैं। लेकिन राजस्थान में पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर गुटबाजी कर रहे हैं। राजस्थान में जिस तरीके से वसुंधरा राजे को इग्नोर किया जा रहा है। उससे केंद्र सरकार की महिला नेतृत्व को लेकर मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी ने पीएम मोदी की 25 सितंबर को जयपुर में होने वाली जनसभा का जिम्मा महिला मोर्चा को सौंपा है। लेकिन वसुंधरा राजे की अनदेखी की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राजस्थान में एक विशाल “परिवर्तन महासम्मेलन” रैली करेंगे। जयपुर में “परिवर्तन महासम्मेलन” कार्यक्रम से पहले, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर लौट आई हैं और पीएम मोदी के कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर एक कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुईं। अपने गृह क्षेत्र झालावाड़ में भाजपा की “परिवर्तन यात्रा” से राजे की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और पार्टी में आंतरिक विभाजन को सार्वजनिक कर दिया है। राज्य में वसुंधरा की वापसी से बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी की रैली से पहले एकजुटता का संदेश देना चाहती है. रविवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जिन्होंने सीएम पद के लिए राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का खुलकर समर्थन किया है, ने भी जयपुर में वसुंधरा राजे से उनके आवास पर मुलाकात की।

इस मुलाकात को राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के तौर पर देखा जा रहा है। शेखावत और राजे को भगवा पार्टी के भीतर एक-दूसरे का विरोधी माना जाता है। राजस्थान के पूर्व सीएम ने 2018 में शेखावत को राज्य भाजपा प्रमुख के रूप में नियुक्त करने पर भी आपत्ति जताई थी। तथ्य यह है कि बीजेपी ने अपने सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की है, इस बात को लेकर वसुंधरा राजे असहज हैं। सूत्रों के मुताबिक, वसुंधरा चाहती थीं कि पीएम मोदी की रैली से पहले बीजेपी राजस्थान चुनाव में अपनी भूमिका साफ कर दे और बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से उनकी अनुपस्थिति के पीछे यही एक वजह मानी जा रही थी. “परिवर्तन महासम्मेलन” कार्यक्रम जयपुर के पास दादिया में आयोजित किया जाएगा। रैली से पहले, पीएम मोदी के दादिया से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित दीन दयाल उपाध्याय के पैतृक धानक्या गांव का दौरा करेंगे।

भाजपा की मीडिया पैनलिस्ट निमिषा गौड़ कहती है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ ही सम्मानित नेता हैं। पार्टी की प्रदेश इकाई द्वारा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी के जयपुर दौरे के दौरान वसुंधरा जी भी मौजूद रहेगी। वसुंधरा राजे की अनदेखी के सवाल पर निमिषा गौड़ ने कहा कि पार्टी में उनकी कोई अनदेखी नहीं की जा रही हैं। वे पार्टी की सम्माननीय नेता है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में भी उनकी भूमिका रहेगी।

वसुंधरा राजे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा की प्रभावशाली नेता हैं वो दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। प्रदेश में उनका जबरदस्त प्रभाव माना जाता है खासकर महिला वोटर्स में उनकी पैठ है। लेकिन लगातार अनदेखी से वसुंधरा राजे असहज हैं।

अब देखना है कि जिस चेहरे की बदौलत भाजपा ने 2 बार राजस्थान फतेह किया उसको दरकिनार कर क्या फिर से सत्ता अपने पास रख पाएगी या फिर कांग्रेस फिर से जीत का परचम लहराएगी।

News Reporter
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.
error: Content is protected !!