; यूपी चुनाव 2022: कैसा है गोण्डा जिले की मनकापुर विधानसभा सीट का हाल, जानिए पूरा इतिहास - Namami Bharat
यूपी चुनाव 2022: कैसा है गोण्डा जिले की मनकापुर विधानसभा सीट का हाल, जानिए पूरा इतिहास

आज हम बात करेंगे गोण्डा जिले की मनकापुर विधानसभा सीट की। मनकापुर विधानसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का राज रहा है। इस सीट पर कांग्रेस ने 11 बार विधानसभा का चुनाव जीता है। जबकि समाजवादी पार्टी का 1996 से 2012 तक लगातार चार बार कब्जा बना रहा। 2017 विधानसभा चुनाव में  भारतीय जनता पार्टी से रमापति शास्त्री जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे।

मनकापुर विधानसभा क्षेत्र में 2017 में 318835 मतदाता थे, निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार करीब 40 हजार मतदाताओं की बढोतरी हुई है। निर्वाचन आयोग के अनुसार इस बार मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख 50 हजार है। 

मनकापुर विधानसभा में जातीय समीकरण की बात करें तो ब्राह्मण मतदाता 1 लाख 10 हजार, 43 हजार क्षत्रिय, 50 हजार मुस्लिम, पिछड़ी जातियां 85 हजार, अनुसूचित जाति 37 हजार और अन्य 25 हजार मतदाता हैं।

1957 में मनकापुर विधानसभा  पहली बार विधानसभा का चुनाव हुआ…रजवाड़ा क्षेत्र होने के कारण इस सीट पर सबकी नजर बनी हुई थी। इस चुनाव में मनकापुर राजघराने से राघवेंद्र प्रताप सिंह ने जीत हासिल की। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने 34194 मत प्राप्त किए वह भी निर्दलीय चुनाव लड़कर…इन्होने ने कांग्रेस पार्टी के बृजनंदन को 170538 वोटो से शिकस्त दी।

1962 के विधानसभा चुनाव में राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दोबारा जीत दर्ज की लेकिन इस बार वह निर्दलीय नहीं बल्कि स्वतंत्र पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े, इस बार इन्होनें कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र नाथ मिश्रा को 7931 वोटो से हराया। 

1967 विधानसभा चुनाव में मनकापुर राजघराने के कुँवर आनंद सिंह ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा…कुँवर आनंद सिंह ने 41510 वोट हासिल करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी एस नाथ को 32691 वोट से हराया। 

1969 में मनकापुर विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दोबारा जीत हासिल की। इस बार इन्होंने ने जनसंघ उम्मीदवार अवधपति सिंह को 33269 मतों से शिकस्त दी। कुँवर आनंद सिंह को 1969 के चुनाव में 40225 वोट मिले थे।

वर्ष 1974 में चुनाव आयोग ने मनकापुर विधानसभा की सीट को रिजर्व कर दिया गया। इसलिए  इस बार मनकापुर राजघराने या यूं कहें कोई भी सवर्ण या ओबीसी का यहाँ से विधायक बनने का सपना चकनाचूर हो गया । इस बार कांग्रेस पार्टी के दलित उम्मीदवार राम गरीब ने जीत दर्ज करते हुए जनसंघ के प्रत्याशी लल्लू को हराया। राम गरीब ने 23668 हासिल करते हुए मनकापुर सीट को 8888 वोटो जीत लिया।

1977 में भी यह सीट कांग्रेस पास ही रही। जनसंघ के उम्मीदवार लल्लू को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले गंगा प्रसाद को 1235 वोट से जीत दर्ज की। गंगा प्रसाद को 20011 मत प्राप्त हुए थे। 

1980 के चुनावों में मनकापुर सीट से छेदी लाल ने कांग्रेस के टिकट से लड़ते हुए भारतीय जनता पार्टी के जगदंबा प्रसाद को हराया। छेदीलाल ने 30970 वोट हासिल करते हुए रिकॉर्ड 26122 वोट से एक तरफा जीत दर्ज की।

1985 विधानसभा चुनाव में मनकापुर सीट से कांग्रेस पार्टी ने लगातार तीसरी बार अपना सिटिंग MLA का टिकट काट दिया…यहां से कांग्रेस पार्टी के राम बिशुन आज़ाद ने 69669 वोटो से जीत हासिल की, जबकि इनके प्रतिद्वंद्वी को लोकदल से दुखहरन को 4455 वोट यहां की जनता दिया। 

1989 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी की राम बिशुन आज़ाद को दोबारा जीत मिली…77915 वोट राम बिशुन आजाद को मिले, इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के  समपूरन को 64631 वोट से हराया। 

1991 में छेदी लाल ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के सीटिंग विधायक राम बिशुन आज़ाद को हराया, और इस सीट से अजेय दिख रही कांग्रेस पार्टी को हार का स्वाद चखाया। छेदीलाल ने 37876 वोट से हासिल करते हुए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को 9982 वोट से शिकस्त दी 

कांग्रेस पार्टी ने 1993 में मनकापुर सीट पर जीत दर्ज करते हुए वापस अपने खाते में डाल लिया। कांग्रेस पार्टी के राम बिशुन आज़ाद ने तीसरी बार जीत दर्ज करते हुई भाजपा के छेदीलाल को हराया। 

1996 में मनकापुर सीट से राम बिशुन आज़ाद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, और चौथी बार विधायक बने। इस बार राम बिशुन आज़ाद को 63439 वोट मिले जो बीजेपी प्रत्याशी जगदीश्वर प्रसाद से 33448 अधिक थे। 

2002 विधानसभा चुनाव में राम बिशुन आज़ाद ने सपा के टिकट पर लड़ते हुए पांचवी बार मनकापुर सीट से जीत दर्ज की। 2002 में बीजेपी ने इस सीट से पहली बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था, बीजेपी की महिला प्रत्याशी सुमित्रा देवी ने 30109 वोट हासिल किया और 22406 वोट से पांच बार के विधायक राम बिशुन आज़ाद से हार गई। 

2007 में राम बिशुन आज़ाद का जीत का सिलसिला जारी रहा, छठी बार जीत दर्ज करते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता पलटू राम को हराया। इस बार राम बिशुन आज़ाद को मनकापुर की जनता ने 43256 वोट दिया, इन्होंने ने बीएसपी उम्मीदवार को 4622 वोट से शिकस्त दिया। जबकि बीजेपी उम्मीदवार तीसरे नंबर रहे।

2012 विधानसभा चुनाव में मनकापुर सीट से समाजवादी पार्टी ने बाबुलाल को मैदान में उतारा, बाबू लाल समाजवादी पार्टी से विजयी बने, बाबूलाल ने बसपा के पत्याशी रमेश चन्द्र को 27110 वोटो से हराया, बाबुलाल को कुल 78311 वोट मिले।

देश प्रदेश में बीजेपी की लहर थी इसका असर मनकापुर सीट पर भी दिखाई दिया, जीत के लिए तरस रही बीजेपी को 2017 में यहां से सफलता हाथ लगी, बीजेपी के टिकट पर रमापति शास्त्री ने जीत दर्ज की और बहुजन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रमेश चन्द्र को 60161 वोट से हराया। बीजेपी के रमापति शास्त्री ने 102862 वोट हासिल किया था। रमापति शास्त्री इस समय यूपी सरकार में समाज कल्याण मंत्री पद पर है।

मनकापुर सुरक्षित सीट है जिसके कारण यहां पर बसपा भी अपना असर दिखा सकती है लेकिन कांटे की लड़ाई एक बार फिर सपा और भाजपा के बीच की होनी तय है।

News Reporter
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.
error: Content is protected !!