; कानून के राज में नेताओं की कठपुतली बने प्रशासनिक अधिकारी
कानून के राज में नेताओं की कठपुतली बने प्रशासनिक अधिकारी

एस एल शुक्ल मनकापुर(गोंडा)। कानून के राज में नेताओं की कठपुतली बने प्रशासनिक अधिकारी ।देश और प्रदेश में विधि का शासन है फिर भी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी कानून को नजरअंदाज कर नेताओं के इशारों पर प्रशासनिक फैसले कर रहे हैं प्रशासन की हद तब पार हो जाती है कि अपने ही आदेश को अधीनस्थ कर्मचारियों से पालन नहीं करा पाते।

मनकापुर तहसील में लेखपालों, राजस्व निरीक्षकों की तैनाती में यह खेल हो रहा है। अभी ताजा मामला आया कि पिछले दशकों से छपिया क्षेत्र में जमे लेखपाल का स्थानांतरण उप जिलाधिकारी मनकापुर ज्ञान चंद्र गुप्ता ने छपिया से मनकापुर के भिठौरा क्षेत्र पर कर दिया गया तथा तत्काल स्थानांतरित क्षेत्र में योगदान करने का निर्देश दिया गया, लेकिन सूत्र बताते हैं कि लेखपाल रमेशचंद्र ने न तो नई तैनाती स्थल पर योगदान दिया न पुराने क्षेत्र से अवमुक्त किया जा सका। अंदर खाने की बात मानें तो जिस नेता ने ट्रांसफर कराया वही रोक रहा है।

प्रशासनिक ही नहीं, पुलिस विभाग भी नेतागीरी का शिकार है। प्रभारी चौकी इंचार्ज गौराचौकी का स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक गोंडा ने किया फिर वापस लेना पडा ।आखिर सुशासन के राज में हो क्या रहा है। आम जनता का विश्वास कानून से हटता जा रहा है प्रशासन व पुलिस विभाग की कार्यशैली से इमानदार मुख्यमंत्री योगी कि छवि धूमिल हो रही है जिसका असर आसन्न विधानसभा चुनाव पर पडेगा।

सरकार के मंत्री व संगठन के लोगों की समीक्षा में अपने दल के नेताओं के क्रिया कलापों की समीक्षा न करके अधिकारियों द्वारा योजनाओं का कागजी पालन किया जाना स्वयं और अपने दल को धोखा देना है समय रहते सरकार को चेतना होगा ।

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