; महिला के गर्भ में नहीं लिवर में पल रहा था बच्चा, ऐसा केस देख डॉक्टर भी रह गए दंग - Namami Bharat
महिला के गर्भ में नहीं लिवर में पल रहा था बच्चा, ऐसा केस देख डॉक्टर भी रह गए दंग

डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, क्योंकि ये धरती पर लोगों को नया जीवन देने का काम करते हैं, लेकिन कभी-कभी उनके सामने भी ऐसे मामले आ जाते हैं, जो उन्हें भी हैरान कर देते हैं. कनाडा में डॉक्टरों के सामने एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर पूरी दुनिया दंग रह गई है. वैसे आमतौर पर महिलाओं के गर्भ में बच्चे पलते हैं, उनका विकास होता है, लेकिन कनाडा में एक महिला के गर्भ में बच्चा न पलकर उसके लिवर में पल रहा था और बड़ा हो रहा था. डॉक्टरों ने इस मामले को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का ‘अति दुर्लभ’ मामला बताया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला की उम्र 33 साल है. बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल नार्वे ने महिला की इस अजीबोगरीब ‘गर्भावस्था’ के बारे में बताया कि महिला मासिक धर्म के रक्तस्राव के 14 दिनों के इतिहास और अपने अंतिम मासिक धर्म के 49 दिनों के बाद अस्पताल आई, जहां उसकी सोनोग्राफी की गई. इस सोनोग्राफी में हैरान करने वाली चीज दिखी. महिला के गर्भ में भ्रूण न होकर उसके लिवर में एक भ्रूण दिखाई दिया.

दरअसल, यह घटना कनाडा के मैनिटोबा स्थित एक अस्पताल की है। ‘द सन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के एक डॉक्टर माइकल नार्वे ने यह खुलासा किया है। उन्होंने एक सोशल स्पेस में बोलते हुए बताया कि एक 33 साल की महिला को शुरुआती प्रेग्नेंसी के दौरान लगातार दो हफ्तों तक ब्लीडिंग हो रही थी। इसके बाद वह अस्पताल पहुंची तो सोनोग्राफी कराया गया। सोनोग्राफी की रिपोर्ट में पाया गया कि उसके लीवर में भ्रूण नजर आया। डॉक्टर ने इसको दुर्लभ की श्रेणी में रखा।

डॉक्टर ने महिला के परिजनों को सुझाव दिया कि इस मामले में डॉक्टर महिला की जान तो बचा सकते हैं लेकिन लीवर में बढ़ते हुए भ्रूण की जान नहीं बचा सकते। चूंकि यह बच्चा महिला की बच्चेदानी में नहीं था इसलिए भी महिला को लगातार ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टर ने यह भी बताया कि ऐसा कैसे हुआ। उन्होंने बताया कि संबंध बनाने के दौरान ही स्पर्म किसी तरह से महिला के लीवर में चला गया था इसलिए भ्रूण भी महिला के लीवर में पलने लगा था।

रिपोर्ट के मुताबिक, इसे मेडिकल की भाषा में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कही जाती है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी तब होती है जब एग फैलोपियन ट्यूब में गलत दिशा में ट्रेवल करने लगती है और इस वजह से प्रेग्नेंसी ढंग से नहीं हो पाती। ऐसा कई बार पेट में देखा जाता है लेकिन यह दुर्लभ है कि इस बार लीवर के अंदर देखा गया है। फिलहाल डॉक्टरों की एक टीम ने निर्णय लिया कि इसे बाहर निकालना ही ठीक रहेगा।

डॉक्टरों ने महिला की सर्जरी के बाद भ्रूण को लीवर से बाहर निकाला। बताया गया कि महिला की जान बचा ली गई लेकिन भ्रूण पहले से ही लीवर के अंदर मर चुका था। डॉक्टर ने इसके बारे में एक वीडियो में बताया है। यह वीडियो एक टिकटॉक अकाउंट से वायरल हुआ है। इसके बाद यह पूरी दुनिया में वायरल हो गया। 

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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