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दिल्ली बॉर्डर खाली करने पर सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की सीमाओं से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा की किसान संगठनों को तीन सप्ताह के  अंदर  जवाब दाखिल करने को कहा गया है । न्यायालय ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना किसानों का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते।

 बता दें शीर्ष अदालत ने नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया की  याचिका में किसानों के विरोध के कारण सड़क की नाकेबंदी से दैनिक आवागमन में देरी की शिकायत की गई थी। किसान संगठन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब एक साल से डेरा डाले हुए हैं।

अदालत ने मामले में पक्षकार के रूप में शामिल किसान संघों को इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।  वहीं इस याचिका पर अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी।

 बताते चलें इस मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने किसान संगठनों से कहा, “न्यायालय विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं है, लेकिन समस्या का कोई न कोई समाधान निकलना चाहिए। किसानों के पास विरोध का अधिकार है, लेकिन वे सड़कों को अनिश्चित काल के लिए नहीं बंद कर सकते हैं। आपको किसी भी तरह का प्रदर्शन करें, लेकिन सड़क से हटिए। सड़कों पर चलने का लोगों को अधिकार है। इसे बंद नहीं किया जा सकता है।”

तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले करीब एक साल से चल रहा आंदोलन अब और बढ़ता जा रहा है। आंदोलनकारी किसानों की पहले मांग थी कि तीनों कृषि कानून खत्म किए जाएं, एमएसपी पर गारंटी दें और किसानों के हित वाले कानून बनाएं, लेकिन इसमें एक और मांग जुड़ गई है वह चाहते हैं की गृहराज्य मंत्री अजय कुमार टेनी को जेल भेजने की।

फिलहाल किसानों ने दिल्ली बार्डर खाली करने को लेकर कोई भी आश्वासन नहीं दिया है। वे अपनी मांग पर अडे़ हैं। साथ ही  उनका कहना है कि जब तक सभी मांगे नहीं मान ली जाती हैं,तब तक वे वहां से  वे नहीं हटेंगे।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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