पीयूष जैन की आज कोर्ट में पेशी, ASI की मदद से होगी घर में खुदाई, छापेमारी में अब तक 281 करोड़ कैश बरामद

उत्तर प्रदेश  के कानपुर  में परफ्यूम कारोबारी पीयूष जैन  को गिरफ्तार किया गया है और शुक्रवार तड़के उसे हिरासत में ले लिया गया. जानकारी के मुताबिक जैन को जीएसटी कार्यालय में रखा गया है और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि अहमदाबाद के जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की टीम की जांच में रविवार रात तक करीब 104 घंटे पूरे हो चुके हैं और उसके दोनों बेटे भी हिरासत में हैं. वहीं कहा जा रहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के इतिहास में इस सबसे बड़ी नकदी जब्ती है ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. क्योंकि आशंका है कि तहखाने में भी पैसा छिपा कर रखा गया है और इसके लिए जीएसटी टीम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम की मदद से खुदाई करेगी.

कानपुर के परफ्यूम कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौन के ठिकानों में बताया जा रहा है कि अब तक जीएसटी टीम को 280 करोड़ रुपये की नगदी मिली है. इसके साथ ही सोना चांदी भी वहां पर भारी मात्रा में मिला है. हालांकि जीएसटी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. क्योंकि वहां पर अभी भी जांच चल रही है और बताया जा रहा है कि जांच में नगदी की रकम बढ़ सकती है. फिलहाल आनंदपुरी में पीयूष के आवास के बाद कन्नौज स्थित उनके पुश्तैनी मकानों में भी नोटों का जखीरा मिल रहा हैऔर रविवार दोपहर तक 23 करोड़ और मिले थे. इसी तरह अब तक कन्नौज में जब्ती 103 करोड़ रुपये हो गई है जबकि कानपुर में अब तक 177 करोड़ मिले हैं. जिसके बाद 280 करोड़ की वसूली हो चुकी है.

बता जा रहा है कि अब दीवारों और फर्श की सुरक्षित खुदाई के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम की मदद ली जा रही है और टीम ने दीवारों, फर्श, तहखाने और सुरंग के आकार की अलमारियों को मापा है. वहीं कंक्रीट की दीवार के साथ खड़ी प्लाई की दीवार तोड़ने के बाद नोटों का जखीरा मिला है. इसके साथ ही टनल अलमीरा में बोरे में नोटों के बंडल भी मिले हैं. इन बंडल पर कागज के बाद ऊपर से पीला टेप लगा हुआ है. वहीं जैन के घर से ड्रमों में सोने-चांदी के गहने भी मिले हैं.

असल में जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम को हाल ही में गुजरात में पान मसाला ले जा रहे गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी के चार ट्रकों के जरिए पीयूष जैन की लीड मिली थी और इसके बाद जांच शुरू की गई और वहां अब तक 280 करोड़ रुपये मिलने की जानकारी सामने आयी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष जैन के घर में मिले लॉकरों में फिंगर प्रिंट लॉक लगा था और विशेषज्ञ उन्हें नहीं खोल पाए थे. जिसके बाद टीम ने गैस कटर के जरिए उन्हें काटा और आशंका जताई जा रही है कि व्यापारियों की दीवारों और फर्श के अंदर पुरातात्विक धरोहर भी हो सकती है. लिहाजा अब एएसआई की टीम बुलाने की तैयारी चल रही है.

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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