![जिम काॅर्बेट में अनियमितताओं पर भड़का हाईकोर्ट,कटघरे में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक](https://www.namamibharat.com/wp-content/uploads/2018/08/Uttrakhand-highcourt-on-jim-corbett-795x385.jpg)
संतोष नेगी। जिम काॅर्बेट पर उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने हिमालयन युवा ग्रामीण विकास संस्थान रामनगर की जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व लोकपाल सिंह की खण्डपीठ में अप्पर मुख्य सचिव द्वारा दूसरी बार भी अदालत को गुमराह करने वाला सपथपत्र पेश किया है जिसे नाराज होकर कोर्ट ने अप्पर मुख्य सचिव व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को कल शुक्रवार को तलब किया है और पूर्व में पारित आदेश का तोड़मरोड़ कर अदालत को गुमराह करने का सपथपत्र पेश किया है । 2 अगस्त को खण्डपीठ ने राज्य के मुख्य सचीव को शपथपत्र पेश कर बताने को कहा था
- कि कार्बेट पार्क में रिजॉर्ट किस एक्ट के तहत चल रहे हैं ।
- रात्री में पर्यटको को इन गेस्ट हाउसों में रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है।
- नेशनल पार्क में कितने गुज्जर परिवार रह रहे है उनको हटाने की व्यव्स्था क्या है।
- बाघो के सरक्षण लिए नेशनल पार्को में गठित स्पेशल टाइगर फोर्स अभी तक क्यों काम नही कर रही है ।
- कार्बेट के 6 रेंजो में कितनी गाडियो को चलाने की अनुमति दी जाती है ।
आदि प्रश्नो के जवाब देने को कहा था। जिस पर 6 अगस्त को राज्य के अप्पर मुख्य सचिव की तरफ से सपथपत्र पेस किया गया था जिसे अदालत संतुस्ट नही थी खण्डपीठ ने दुबारा से शपथपत्र पेश करने को कहा था । आज अप्पर मुख्य सचिव रणबीर सिंह द्वारा सपथपत्र पेश किया गया खण्डपीठ ने जब सपथपत्र को पढ़ा तो पाया कि जितने भी प्रशन पूछे थे उनके गोलमोल उत्तर दिए गए ।
कार्बेट में 6 जोन है जिसमे प्रत्येक ज़ोन 20 गाड़िया चलने के आदेश दिए थे परन्तु सपथ पत्र में प्रत्येक जॉन सौ -सौ गाड़िया चलाने का सपथपत्र पेश किया गया । अप्पर मुख्य सचिव ने अपने सपथपत्र में कहा है कि वे सारा रिकॉर्ड लेकर मालसी रेंज के फॉरेस्ट गार्ड अंकुर शर्मा के पास गए । अंकुर शर्मा ने सारा रिकॉर्ड की जाँच की और गार्ड ने ही अप्पर मुख्य सचिव को सत्यापित किया। शपथपत्र के पैराओ को रिकॉर्ड संगलन होने की बात कही गयी परन्तु कोई रिकार्ड उपलब्ध नही था। ये हाल प्रदेश को चलाने वाले अप्पर मुख्य सचीव की लापरवाही है। मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ नें अप्पर मुख्य सचिव रणबीर सिंह व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को व्यग्तिगत रूप से पेश होने को कहा है और पूर्व में पारित आदेश का सपस्टिकरण करने को कहा है ।