; महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जैविक खाद की उपयोगिता पर दिया गया प्रशिक्षण
महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जैविक खाद की उपयोगिता पर दिया गया प्रशिक्षण

पवन पांडेय। आज दिनांक 06/02/2021 को महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा ग्राम नयागांव में “रबी फसलों में जैविक खाद की उपयोगिता” विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया l केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ संदीप प्रकाश उपाध्याय ने प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा करे जा रहे कार्यों के बारे में अवगत कराते हुए मृदा स्वास्थ्य की उपयोगिता को बताया तथा उर्वरकों के असंतुलित मात्रा के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ उपाध्याय ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा गत 3 वर्षों से जैविक खाद एवं जैव उर्वरकों के उपयोग से संबंधित किसानों के खेत पर प्रक्षेत्र परीक्षण एवं अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन कराई जा रहे हैं जिससे किसानों को विभिन्न जैविक खाद के उपयोग, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन एवं उनके लाभ के बारे में बताया जा रहा है तथा केंद्र के द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम का संचालन वर्ष 2017 से लगातार किया जा रहा है जिसमें किसानों के खेत की मिट्टी की जांच कर उनको मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं संतुलित उर्वरक प्रयोग की संस्तुति दी जा रही है l

पिछले 2 वर्षों से हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड, गोरखपुर के साथ महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र 35 से अधिक किसानों के क्षेत्र पर गेहूं की फसल पर केंचुआ खाद (वर्मी कंपोस्ट) की महत्ता का प्रक्षेत्र परीक्षण किया जा रहा है l मृदा में उपस्थित जीवाणु जैसे राइजोबियम, पीएसबी, एजोटोबेक्टर आदि की उपयोगिता को भी बताया कि किस प्रकार से मृदा में उपस्थित यह जीवाणु पोषक तत्वों को पौधों को ग्रहण कराते हैं बताते हुएजैविक खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहित किया l जैवांश की मात्रा बढ़ाने के लिए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन प्रणाली को अपनाने के बारे में विस्तार से बताया तथा जैव उर्वरकों की उपयोगिता तथा जैव उर्वरकों (राइजोबियम, एजोटोबेक्टर, माईकोराइजा, समुद्री शैवाल, तरल कंसोर्सिया एवं जिंक सॉल्युबलाइजिंग बैक्टीरिया) के लाभकारी प्रभावों, प्रयोग करने की विधियों, मृदा उपचार, बीज व कंद उपचार को भी विस्तार से बताया गया। वेस्ट डिकॉम्पोज़र से होने वाले लाभ से किसानों को अवगत कराया। साथ ही यह भी बताया कि फसलों की अच्छी पैदावार लेने के लिए उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की जांच के आधार पर ही करना चाहिए l इस अवसर पर 3 दर्जन से अधिक किसान उपस्थित रहे l

किसानों को महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित विभिन्न इकाइयों जैसे गुड प्रसंस्करण इकाई, ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस, शहद उत्पादन व मशरूम उत्पादन इकाई एवं इनसे संबंधित रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रमों कार्यक्रमों के बारे में भी बताया l साथ ही किसान बंधुओं को किसान उत्पादक संगठन के बारे में भी विस्तार से बताया गया एवं कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा बनाए जा रहे किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ने एवं अपने खेत की मिट्टी की जांच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित किया l इस अवसर पर किसानों को रिलायंस फाउंडेशन के माध्यम से प्राप्त निशुल्क मास्क का वितरण भी किया गया l

News Reporter
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