
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुगलसराय, इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदले जाने के बाद योगी सरकार अब बस्ती जिले का भी नाम बदलने जा रही है। बहुत दिनों से बस्ती जिले में उसके पौराणिक नाम के लिए हस्ताक्षर अभियान, नाटक-नुक्कड़ व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से चलाया जा रहा था। नाम बदलने के लिए डॉ आलोक मिश्र के नेतृत्व में लंबा अभियान प्रारंभ हुआ था। जिसको पूर्वांचल विद्वत परिषद के अध्यक्ष राजेन्द्र नाथ तिवारी, मुंबई के समाजसेवी आदित्य दुबे, अनुराग शुक्ल का साथ मिला तो मांग को मूर्ति रूप मिलने की संभावना बढ़ी। बस्ती महोत्सव में यह मांग जोर-शोर से उठा उसके बाद योगी सरकार बस्ती जिले को उसका पौराणिक और प्रचीन नाम वशिष्ठ नगर लौटाने का रोडमैप तैयार कर दिया। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बस्ती जिले का नाम वशिष्ठनगर करने के लिए प्रस्ताव बना कर राजस्व परिषद को भेज दिया है। योगी सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर वशिष्ठनगर नाम पर फाइनल मुहर लगा देगी। योगी सरकार के इस फैसले को लेकर जहां सियासत शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियां भाजपा पर नाम बदलने की राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं। प्रयागराज के माघ मेले में आये साधु-संतों ने बस्ती जिले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर किए जाने के योगी सरकार से फैसले का स्वागत किया है।राममंदिर निर्माण के लिये भारत सरकार ने अयोध्या में “श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट” के नाम से ट्रस्ट बनाया है। ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों की मानें तो पर्यटन को बढ़ाने के लिए पौराणिक अयोध्या से जुड़े स्थानों को भी अयोध्या से जोड़ कर विकसित किया जाएगा। इसी कड़ीं में बस्ती को वशिष्ठनगर करने में जल्दबाजी की जा रही है।