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शिक्षा मंत्री के इलाके में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते बच्चे

झारखंड के गिरिडीह जिले में स्कूली बच्चों को पढ़ाई करने  के लिए जान जोखिम में डालते देखा गया है बता दें स्कूल जाने की जल्दी में बच्चों को परवाह  ही नहीं है कि वे जिस तरह से घर से स्कूल जाते हैं, वह बहुत  खतरनाक  है. जान जोखिम में डालने वाली यह तस्वीर मीडिया के कैमरा में कैद हुई है जो हैरान करने वाला है।   

दरअसल, शुक्रवार की सुबह डुमरी प्रखंड के चैनपुर के पास एक बस की छत पर दर्जनों बच्चें बैठे नजर आए. यह बस गिरिडीह से रांची जा रही थी. बस की छत पर बिना किसी सहारे के बच्चों के बेखौफ बैठने यह दृश्य काफी डराने वाला था। 

गौरतलब है कि डुमरी प्रखंड डुमरी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ही इस क्षेत्र के विधायक हैं. जिस चैनपुर में बच्चे बस की छत पर सवार हुए वह इलाका भी डुमरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है, जबकि विद्यालय भी डुमरी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है।  

इधर, इस मामले पर बस के ड्राइवर बासुदेव से बात की गई तो उसका अपना ही तर्क था. उसका कहना था कि यदि वो बस को नहीं रोकेगा तो अगले दिन से बस को चलने नहीं दिया जाएगा. लोग लड़ाई करने आ जाएंगे. उसने कहा कि लड़ाई करने से अच्छा है कि बच्चों को बस पर चढ़ा लिया जाए।  

दरअसल, बस की छत पर मासूमों की सवारी और इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जाना, बड़ा सवाल बना हुआ है।  

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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