![पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का निधन, 2 महीने से एम्स में चल रहा था इलाज](https://www.namamibharat.com/wp-content/uploads/2018/08/atal-bihari-bajpai-died-in-aiims-Delhi-795x385.jpg)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया 15 अगस्त से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। कल से ही उनको लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर एम्स में रखा गया था। पिछले 16 घंटों में पीएम मोदी 2 बार अटल बिहारी वाजपेई की हालत जानने के लिए खुद एम्स पहुँचे थे। और आज सुबह से ही एम्स में अटल बिहारी को देखने के लिए सभी दलों के नेता एम्स पहुँच रहे थे। उनको देखने के लिए अमित शाह जेपी नड्डा विजय गोयल और कई केन्द्रीय मंत्रियों के अलावा अरविंद केजरीवाल मनीष सिसौदिया और कई अन्य नेता पहुँचे थे।
एम्स की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में उनकी हालात और बिगड़ गई थी। मोदी कैबिनेट के अधिकतर मंत्री एम्स में मौजूद हैं. अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म: 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। वे पहले 16 मई से 9 जून 1996 तथा फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व प्रखर वक्ता भी थे। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले में से एक हैं और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया।
वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने गैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए। उन्होंने 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें 81 मन्त्री थे। कभी किसी दल ने आनाकानी नहीं की। इससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चलता है।
सम्प्रति वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और नई दिल्ली में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते हैं।