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केजरीवाल सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से वन्य जीव संरक्षण अभियान चलाया जाएगा

*- असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में 2 अक्टूबर से वन्य जीव संरक्षण जागरूकता अभियान चलाया जाएगा- गोपाल राय

*- वन्यजीवों का प्रकृति के संतुलन में काफी योगदान होता है, प्रकृति ने जो सिस्टम बनाया वो धीरे-धीरे टूट रहा है, यह संतुलन बना रहे इसके ‌लिए‌ वन्यजीवों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा- गोपाल राय

*- पिछले 7 साल में केजरीवाल सरकार द्वारा 1.70 करोड पौधे लगाए जा चुके हैं, इस साल अभी तक 22 लाख से अधिक पौधे लगाए जा ‌चुके हैं- गोपाल राय

*- दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है, इसमें से 2019 तक 325 वर्ग किलोमीटर में ग्रीन कवर विकसित हो चुका है जो कि करीब 21.88 फीसदी है- गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि केजरीवाल सरकार अब वृक्षारोपण के साथ-साथ वन्यजीवों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देगी। असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में 2 अक्टूबर से वन्य जीव संरक्षण जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। वन्यजीवों का प्रकृति के संतुलन में काफी योगदान होता है, प्रकृति ने जो सिस्टम बनाया वो धीरे-धीरे टूट रहा है। यह संतुलन बना रहे इसके ‌लिए‌ वन्यजीवों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में केजरीवाल सरकार द्वारा 1.70 करोड पौधे लगाए जा चुके हैं। इस साल अभी तक 22 लाख से अधिक पौधे लगाए जा ‌चुके हैं। दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 1483 वर्ग किलोमीटर है, इसमें से 2019 तक 325 वर्ग किलोमीटर में ग्रीन कवर विकसित हो चुका है जो कि करीब 21.88 फीसदी है।

वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण को कम करने में तमाम निगरानी, कार्रवाई के साथ वृक्षारोपण का भी महत्वपूर्ण रोल रहा है। पौधों के द्वारा पर्यावरण को बेहतर करने के लिए नेचुरल बैलेंस सिस्टम विकसित होता है, उसके लिए सरकार पिछले सात साल से काम कर रही है।

 जिसमें इस साल 33 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा हुआ है। वन महोत्सव से अभियान शुरू किया था और अभी तक 22 लाख 32 हजार पौधे को लगाने का काम पूरा कर दिया है। यह वृक्षारोपण का महाअभियान दिल्ली के अंदर चल रहा है। उसमें वन विभाग डीडीए एनडीएमसी लोक निर्माण विभाग दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, शिक्षा विभाग, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, डीआईआईडीसी सहित 19 विभागों के जरिए संयुक्त अभियान से दिल्ली के अंदर वृक्षारोपण का काम किया जा रहा है। जिसमें 33 लाख में से 22.32 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। इस लक्ष्य को मार्च तक पूरा कर देंगे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर सरकार बनने के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में प्रदूषण के खिलाफ अभियान शुरू हुआ। 2015-16 में 16.51 लाख,

2016-17 में 24.75, लाख, 2017-18 में 16 लाख, 2018-19 में 28 लाख, 2019-20 में 28.95 हजार पौधे लगाए थे। केजरीवाल सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में 1.15 करोड़ पौधे दिल्ली के अंदर लगाए गए थे। दूसरे कार्यकाल में पिछले साल 32.40 लाख और इस साल 22 लाख पौधे सरकार की तरफ से लगाए जा चुके हैं। पिछले 7 साल में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा 1.70 करोड पौधे लगाए जा चुके हैं।

श्री गोपाल राय ने कहा कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार दिल्ली मैदानी राज्यों की श्रेणी में आता है। पहाड़ी राज्यों में  60 फीसदी ग्रीन बेल्ट होना चाहिए। जबकि मैदानी इलाकों में उस राज्य के कुल क्षेत्रफल का 20 फ़ीसदी की ग्रीन क्षेत्र होना चाहिए। मैदानी राज्य के मापदंड के हिसाब से दिल्ली ने बीस फीसदी के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। बल्कि उससे ज्यादा ग्रीन कवर विकसित कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 2019 की फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के अंदर 21.88 ग्रीन कवर क्षेत्र विकसित हो चुका है। दिल्ली का कुल क्षेत्रफल की 1483 वर्ग किलोमीटर है। इसमें से 2019 में ग्रीन कवर 325 वर्ग किलोमीटर में विकसित हो चुका है। ग्रीन क्षेत्र के विकास क्रम को देखेंगे तो 2015 में ग्रीन कवर 299 वर्ग किलोमीटर था जो कि करीब 20.2 फ़ीसदी था। 2017 में यह बढ़कर 305 वर्ग किलोमीटर हो गया जो कि 20.5 9 फ़ीसदी था। इसके बाद 2019 में यह बढ़कर 325 वर्ग किलोमीटर हुआ है जो कि 21.88 फ़ीसदी है।

गोपाल राय ने कहा कि 2019 के बाद से ग्रीन कवर बढ़ाने का काम हुआ है। ऐसे में 22 फ़ीसदी से भी ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में हो चुका है। दिल्ली में 2015 में जो ग्रीन कवर था उसमें अभी तक करीब ढाई हजार हेक्टेयर ग्रीन कवर की बढ़ोतरी हुई है। इसकी रिपोर्ट को लेकर हमने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है।

उन्होंने कहा कि सभी विभागों का अलग-अलग एजेंसियों से थर्ड पार्टी ऑडिट का काम चल रहा है। हमने लक्ष्य रखा है कि 1 महीने के अंदर इन सभी की प्राइमरी रिपोर्ट विभाग सौंपे। उससे अंदाजा लगेगा कि जो पौधे लगाए गए उनमें से कितने फ़ीसदी, किस क्षेत्र में जीवित हैं। 

अभी वन विभाग की फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने एक प्राइमरी रिपोर्ट भेजी है उसमें किसी भी एरिया में 90 फ़ीसदी सक्सेस रेट है और किसी एरिया में 65 फीसदी है। इसके अलावा किसी क्षेत्र में पचास से भी कम सर्वाइवल रेट है। इसकी अंतिम रिपोर्ट 1 महीने के अंदर भेजेंगे, जिससे अंदाजा लगेगा कि किस क्षेत्र में ज्यादा वृक्षारोपण करने से सर्वाइवल रेट बेहतर हो सकता है।

पर्यावरण मंत्री श्री  गोपाल राय ने कहा कि ग्रीन बेल्ट के साथ-साथ जो वन्यजीव हैं उनका नेचर के बैलेंस में काफी योगदान होता है। इंसान जो प्रदूषण पैदा करता है उसमें से बहुत सारे प्रदूषण को पौधे ऑब्जर्व कर लेते हैं। बहुत सारे प्रदूषण को वन्यजीव की चैन ऑब्जर्व करती है। प्रकृति ने जो सिस्टम बनाया वो धीरे-धीरे टूट रहा है।

 प्राकृतिक संतुलन बना रहे इसलिए दिल्ली वन विभाग की तरफ से 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक 1 हफ्ते का वन्य जीव संरक्षण जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक असोला भाटी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिससे लोगों को संवेदनशील बनाया जा सके। दिल्ली सर्दियों के समय में प्रदूषण से जूझती है, उसका प्राकृतिक समाधान कैसे हो सकता है। इसके लिए वृक्षारोपण के साथ-साथ वन्यजीवों के संरक्षण की तरफ भी  सरकार फोकस करेगी। इसके लिए 2 अक्टूबर से जागरूकता अभियान‌असोला भाटी में शुरू होगा।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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