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26/11 Mumbai Terror Attack: वो 3 दिन का खुनी खेल चलते रहे और लोगों के चीथड़े उड़ते रहे

सोशल मीडिया प्लेटफार्म Koo पे बयां हो रहा है आम आदमी का दर्द, हैश टैग ट्रेंड हो रहा है  #MumbaiTerrorAttack #KooPekaho अपना सचअपनी ज़ुबानी 

26 नवंबर 2008 की खौफनाक और दर्दनाक रात थी। मुंबई के गिरगाम चौपाटी इलाके में पुलिस की एक टीम को नाकेबंदी का आदेश मिला था । रात करीब 12.30-1 बजे उन्हें एक संदिग्ध स्कोडा गाडी नजर आई थी । जैसे ही पुलिस के जवान उसकी तरफ बढ़े, गाड़ी डिवाइडर पर चढ़कर दूसरी तरफ चलने लगी लगी। दोनों तरफ से एक दम से फायरिंगहोना शुरू  हुई  और इसमें स्कोडा गाड़ी  के ड्राइवर की  मौत हो गयी थी |  गाड़ी  में आतंवादी ड्राइवरइस्माइल खान था।

कार की दूसरी तरफ से कसाब  बैठा था जिसके पास AK -47 के साथ बहार निकला |  जैसे ही कसाब ने AK -47 का   ट्रिगर दबायाअसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले ने दबोच लिया  और उसकी बंदूक का बैरल पकड़ लिया। ओंबले के सीने में 6 -7 गोलियां के साथ हमला हुआ और उनकी वारदात में मौत हो गयी |  इस मंज़र के बाद तब तक पुलिस टीम पहुंच गई और कसाब पर लाठी-डंडों से हमला कर पकड़ लिया था और पूरा मुंबई दहशत में था 

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याद है हमें… हम भूले नहीं हैं वह 26/11 का अटैक जिसकी आज 13वीं बरसी है. 2008 में आज के ही दिन मुंबई के ताज होटल में आतंकी हमला हुआ था. समुद्री रास्ते से आए पाक आतंकियों ने 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और इस हमले में करीब 600 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान देने वाले भारतवासियों को हमारा आभार और प्रणाम ?? #2611 #terrorattack #mumbaiblast #tribute #thankyou Archana Puran Singh (@archanapuransingh) 26 Nov 2021

मुंबई आतंकी हमले को आज 13  साल हो चुके है लेकिन आज भी वो दर्दनाक और खौफनाक हादसे को कोई भूला नही है | और यही दर्द आज सोशल मेडीया पर Koo पर आम जनता/ यूज़र्स अपना दर्द अपनी ज़ुबानी के बता रहे है की उस हादसे को लेकर उन पर क्या बीती है | इसी के साथ साथ  #MumbaiTerror Attack #KooPeKaho  20 तस्वीरों में उस खौफनाक दिन की कहानी लेकर आए हैं, जिसे याद करके आज भी सिहरन दौड़ जाती है…

कसाब और उसके सभी साथियों को मछली पकड़ने, मैप्स, GPS के इस्तेमाल की पूरी ट्रेनिंग मिली हुई थी | कसाब ने अपने बयान में बताया था कि उससे मरीन की ट्रेनिंग दी जा रही है और इसके बाद उसको एक अछि नौकरी मिलेगी। हमले के बाद जांच एजेंसियों ने उनके पास से कई फर्जी पहचान पत्र जुटाए और जिसमें  लिखा था कि  वो हैदराबाद के किसी कॉलेज के स्टूडेंट्स हैं। ऐसा सब उनकी चाल थी कि वो  लोगों को कंफ्यूज कर सके | 

26 नवंबर 2008 को हुआ मुंबई आतंकी हमला करने वाले आतंकी पहले भी दो बार कोशिश कर चुके थे। एक बार तो उनकी नाव पत्थर से टकरा गई और वो डूबते-डूबते बचे। हमले में शामिल 10 आतंकियों के नाम थे- अजमल आमिर, अबु इस्माइल डेरा, हफीज अरशद, बाबर इमरान, जावेद, शोएब, नाजिर अहमद, नासिर, अब्दुल रहमान, फहदुल्लाह और अजमल कसाब। इसमें 9 आतंकी मारे गए थे और सिर्फ कसाब जिंदा पकड़ा गया।

मुंबई हमले में एक घायल पत्रकार अपने साथियों के साथ कवर लेता हुआ। हमलों की लाइव मीडिया कवरेज ने भी आतंकवादियों की खासी मदद की। कहां क्या हो रहा है, सब उन्हें अंदर टीवी पर दिख रहा था 27 नवंबर 2008 की अलसुबह मुंबई के कोलाबा इलाके में अपनी पोजिशन लेता एक पुलिस ऑफिसर। ताज, ओबेरॉय और नरीमन हाउस पर आतंकियों ने कई लोगों को कैद कर रखा था। सुरक्षा बलों ने 60 घंटे चले ऑपरेशन के बाद सभी आतंकियों को मार गिराया।

हमले के वक्त ताज होटल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर यूरोपीय संघ की संसदीय समिति के कई सदस्य भी शामिल थे, हालांकि इनमें से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।ओबेरॉय में मौजूद लोगों में भी कई जाने माने लोग थे। इनमें भारतीय सांसद एनएन कृष्णादास भी शामिल थे जो ब्रिटेन के जाने माने कारोबारी सर गुलाम नून के साथ डिनर कर रहे थे। ये तस्वीर नरीमन हाउस पर ऑपरेशन के लिए उतरे कमांडो की है।26 नवंबर के हमले के बाद मुंबई के जुहू स्थित फाइव स्टार होटल जेडब्ल्यू मैरिएट के बाहर खड़े सेना के जवान। हमले के बाद मुंबई के तमाम बड़े होटलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

ताज होटल में बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के दौरान स्निफर डॉग के साथ ताज होटल से बाहर आता कमांडो।

कसाब को 4 साल जेल में रखा गया। यहां उसने मराठी सीख ली थी। उसकी हर सुनवाई में टैक्सपेयर्स का 1 लाख रुपए खर्च होता था। कसाब की सिक्योरिटी और ट्रायल में करीब 43 करोड़ रुपए खर्च हुए। 21 नवंबर 2012 को उसे फांसी पर लटका दिया गया।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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