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डिवाइन एजुकेशन  से बच्चे संस्कारवान बनते हैं- डा. जगदीश गाँधी

लखनऊ, 22 मार्च। ‘डिवाइन एजुकेशन’ से ही हम बच्चों को संस्कारवान बना सकते हैं। अतः विद्यालयों में प्रार्थना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए तभी घरों व विद्यालय में ईश्वरमय वातावरण बन सकता है। यह विचार सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस द्वारा विद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इससे पहले, डा. गाँधी ने दीप प्रज्वलित कर ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का विधिवत् उद्घाटन किया।

            इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत के माध्यम से ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि दर्शक व अभिभावक अभिभूत हो गये। छात्रों ने अभिभावकों के समक्ष न सिर्फ अपने ज्ञान-विज्ञान का अपितु गीत, संगीत व नृत्य द्वारा अपनी बहुमुखी प्रतिभा का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया, साथ ही विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक शिक्षा का शानदार प्रदर्शन किया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत कव्वाली, कोरियोग्राफी, एरोबिक्स, भारतीयम्, राइम्स, एलोक्यूशन आदि विभिन्न शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों को सभी ने खूब सराहा। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों एवं वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। समारोह के अन्त में अभिभावकों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती तृप्ति द्विवेदी ने कहा कि समाज में सार्थक और स्थायी परिवर्तन उत्पन्न करना है तो शिक्षा को सामाजिक विकास से जोड़ना ही होगा।

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