![अयोध्या, वाराणसी एवं नैमिषारण्य में पर्यटन हेलीपोर्ट संचालन पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से कराया जायेगा-जयवीर सिंह](https://www.namamibharat.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20231014-WA0037-720x385.jpg)
वाराणसी, अयोध्या तथा नैमिषारण्य को महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय गन्तव्य के रूप में होगा स्थापित
लखनऊ।पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या, वाराणसी एवं नैमिषारण्य जनपद सीतापुर में हेलीकाप्टर सेवा के लिए हेलीपोर्ट का विकास एवं संचालन पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से राज्य सरकार पर कोई व्यय भार नहीं आयेगा। हेलीपोर्ट्स को शुरूआती दौर में तीस वर्षों की अवधि के लिए लीज पर दिया जायेगा।
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यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर दिये जाने वाले हेलीपोर्टों के लिए जमीन चिन्हित कर ली गयी है। इसमें डोमरी, वाराणसी स्थित पर्यटन विभाग की 31590 वर्गमी0, चौधरी चरण सिंह घाट, अयोध्या स्थित पर्यटन विभाग की 3600 वर्गमी0 तथा मिश्रिख-नैमिषारण्य सीतापुर, स्थित पर्यटन विभाग की 20000 वर्गमी0 भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि जनपद वाराणसी, अयोध्या तथा नैमिषारण्य को महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय गन्तव्य स्थल के रूप में स्थापित किये जाने के लिए जनसुविधाओं का विकास, अवस्थापना सुविधाओं का आधुनिकीकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन सुविधाओं के सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास एवं विस्तारीकरण से पर्यटकों के आवागमन में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। जनपद अयोध्या में भगवान श्रीराम चन्द्र जी का भव्य मंदिर निर्माण के उपरान्त देश एवं विदेश से भारी संख्या में पर्यटकों के अयोध्या भ्रमण हेतु आगमन संभावित है। इसी प्रकार 88 हजार ऋषि मुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किये जाने के लिए पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। नैमिषारण्य आने वाले पर्यटकों की संख्या में वर्ष 2021 के सापेक्ष वर्ष 2022 में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है।उन्होंने बताया कि देश में पर्यटन उद्योग के बदलते हुए परिदृश्य को देखते हुए हेलीकाप्टर सेवा की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसके लिए हेलीपैड के निर्माण एवं संचालन में विशेषज्ञ संस्थाओं की जरूरत है। इन हेलीपोटर््स को प्रदेश सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों के माध्यम से विकसित व संचालित कराने पर राज्य सरकार को कोई अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी। बल्कि इस निर्णय से राज्य सरकार को आमदनी होगी। उन्होंने बताया कि उस फैसले से पर्यटन सेक्टर से जुड़े कारोबारियों के व्यवसाय में भी बढ़ोत्तरी होगी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर इकानॉमी की ओर ले जाने का संकल्प लिया है। इसमें पर्यटन सेक्टर का अहम योगदान होगा और निजी निवेश के माध्यम से एक बड़ी पूंजी को आकर्षित किया जा सकेगा। इसके साथ ही रोजगार सृजन, पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन सुविधाओं का सृजन तथा देशी-विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आवागमन की सुविधा और बेहतर होगी। इससे पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी तथा स्थानीय स्तर रोजगार के नये-नये अवसर सृजित होगे। इसके अलावा प्रदेश के अन्य एयरपोर्ट एवं एयरस्ट्रिप्स से भी इनकी कनेक्टिविटी बढ़ाकर एयर एम्बुलेंस, ज्वायराइड्स आदि को भी संचालित किया जा सकेगा।