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आतंकियों से भरी है नई अफगान सरकार, देखें पूरी लिस्ट

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी बने मंत्री और प्रधानमंत्री 

आकाश रंजन: अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार की घोषणा। तालिबान ने बताया की अफ़ग़ानिस्तान अब ‘इस्लामिक अमीरात’ है. जिसमें नए मंत्रियों को अब इस्लामिक कानून लागू करने को कहा गया है। 

तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को नई अफगान सरकार में ‘कार्यवाहक’ प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया है, जिसमें मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और मुल्ला अब्दुल सलाम उप प्रधानमंत्री हैं। तालिबान नेता मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है, जबकि हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री बनाया गया। वहीं उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनेकजई को बनाया गया है इसका भारत के साथ पुराना रिश्ता है। ये दहरादून स्तिथ मिलिट्री एकेडमी (IMA) में ट्रेनिंग ले चुका है। इसने कुछ समय अफगान सेना में बिताने के बाद तालिबान का दामन थाम लिया।

मुल्ला मुहम्मद हसन आखुंद , प्रधानमंत्री

1990 के दशक में तालिबान के संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में देखे जाने वाले हसन आखुंद प्रधानमंत्री की भूमिका निभाएंगे। वह 1990 के दशक में सत्ता संभालने वाली तालिबान सरकार के दौरान पूर्व उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री थे। तालिबान के सत्ता से हटने के बाद के दो दशकों के विद्रोह के दौरान, वह लो-प्रोफाइल में रहे.

सिराजुद्दीन हक्कानी, गृह मंत्री

सिराजुद्दीन हक्कानी, जिसे नई अंतरिम सरकार में गृह मंत्री के रूप में शामिल किया गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका इसे अल कायदा के साथ संबंधों के कारण “विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी” के रूप में बताता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य विभाग के तहत ‘न्याय के लिए पुरस्कार’ कार्यक्रम में सिराजुद्दीन हक्कानी की गिरफ्तारी के लिए सीधे सूचना देने वाले को 37 करोड़ का इनाम दे रहा है। 

सिराजुद्दीन हक्कानी के खिलाफ एफबीआई द्वारा जारी किया गया वांछित पोस्टर। (एफबीआई).

हक्कानी 2008 में पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई पर हत्या के प्रयास की योजना बनाने में भी कथित रूप से शामिल था। सिराजुद्दीन हक्कानी जनवरी 2008 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक होटल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है माना जाता है कि इस हमले में एक अमेरिकी नागरिक सहित छह लोग मारे गए थे.

हक्कानी ने 2008 में भारतीय दूतावास पर हमला किया था, जिसमे 58 लोग मारे गए थे. इसके बाद 2012 में अमरीका ने हक्कानी नेटवर्क को बैन किया था फिर 2014 में पाकिस्तान के पेशावर के एक स्कूल में हमला कराया इस आत्मघाती हमले में 200 बच्चों की जान गई थी. 2017 में इसने फिर से पाकिस्तान के काबुल में हमला कर 150 से अधिक लोगों की जान ली.

मौलवी मुहम्मद याकूब, रक्षा मंत्री

मौलवी मुहम्मद याकूब तालिबान के सैन्य आयोग का प्रमुख या यूं कहें नए तालिबान का रक्षा मंत्री होगा। 2016 में तालिबान के नेतृत्व के उत्तराधिकार के दौरान इसका नाम लोगों के ध्यान में आया था। याकूब को कुछ सैन्य कमांडरों का समर्थन प्राप्त था. जिससे वह बाद के वर्षों में प्रमुखता से उभरा गया। हाल के दिनों में याकूब ने अपने समूह के बीच सबसे जबरदस्त भूमिका निभाई। उसने अपने लड़ाकों को सख्त चेतावनी दी कि किसी भी तरह की लूटपाट करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचना देश के साथ विश्वासघात माना जायेगा। आगे याकूब ने हिदायत देते हुए कहा, ‘किसी भी लड़ाके को किसी से भी किसी चीज, कार या घर लेने की इजाजत नहीं है. याकूब के इस कदम से उसके समूह में एकजुटता बनी रही.

जबीहुल्लाह मुजाहिद, सूचना एवं संस्कृति मंत्री

जबीहुल्लाह मुजाहिद कई वर्षों से तालिबान का मुख्य प्रवक्ता और मुख्य प्रचारक रहा है, यह पत्रकारों के सवालों का जवाब देता रहा है. जबीहुल्लाह मुजाहिद अकसर सोशल मीडिया पर सक्रीय रहता है। खास बात यह है की दुनिया ने इसका चेहरा 17 अगस्त से पहले तक नहीं देखा, यह दुनिया के सामने तब आया जब इसने काबुल में तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अपने प्रेस कार्यक्रम में इसने इस बात पर बेहद जोर दिया की ‘हम नहीं चाहते अफगानिस्तान अब युद्ध का मैदान बने – आज से, युद्ध समाप्त हो गया है’.

अब्दुल हक वासिक, खुफिया प्रमुख

अफगानिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी का मुखिया अब्‍दुल हक वासिक को बनाया गया है. वासिक वही आतंकी है जिसे साल 2014 में बराक ओबामा ने ग्‍वांतनामो बे से रिहा किया था. तालिबान की सरकार में इंटेलीजेंस एजेंसी का डिप्‍टी ताज मीर जावेद को नियुक्‍त किया गया है.

आमिर खान मुतक्‍की

आमिर खुद को हेलमंद प्रांत का बताता है। ये लंबे समय से तालिबान के साथ जुड़ा रहा है। पिछली सरकार में भी इस पर तालिबान ने भरोसा किया था और इसको शिक्षा मंत्री की जिम्‍मेदारी सौंपी थी। इस बार इसका कद बढ़ाया गया है और इसको विदेश मंत्री बनाया गया है।

ये रही नई अफगान सरकार की पूरी लिस्ट 

प्रधानमंत्री – मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद

डिप्टी PM 1 – मुल्ला बरादर

डिप्टी PM 2 – अब्दुल सलाम हनाफी

गृह मंत्री – सिराजुद्दीन हक्कानी

रक्षा मंत्री – मोहम्मद याकूब मुजाहिद

वित्त मंत्री – मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी

विदेश मंत्री – मौलवी आमिर खान मुतक्की

शिक्षा मंत्री – शेख मौलवी नूरुल्ला मुनीर

न्याय मंत्री – मौलवी अब्दुल हकीम शरिया

उच्च शिक्षा मंत्री – अब्दुल बाकी हक्कानी

ग्रामीण विकास मंत्री – यूनुस अखुंदजादा

शरणार्थी मामलों के मंत्री – खलीलउर्रहमान हक्कानी

जन कल्याण मंत्री – मुल्ला अब्दुल मनन ओमारी

पवित्रता मंत्री – शेख मोहम्मद खालिद

मिनिस्टर ऑफ कम्युनिकेशन – नजीबुल्ला हक्कानी

माइन्स एंड पेट्रोलियम मंत्री – मुल्ला मोहम्मद अस्सा अखुंद

मिनिस्टर ऑफ इलेक्ट्रिसिटी – मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसौर

मिनिस्टर ऑफ एविएशन – हमीदुल्लाह अखुंदजादा

मिनिस्टर ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कल्चर – मुल्ला खैरुल्लाह खैरख्वाह

मिनिस्टर ऑफ इकोनॉमी – कारी दिन मोहम्मद हनीफ

हज एंड औकाफ मिनिस्टर – मौलवी नूर मोहम्मद साकिब

मिनिस्टर ऑफ बॉर्डर्स एंड ट्राइबल अफेयर्स – नूरउल्लाह नूरी

उप विदेश मंत्री – शेर मोहम्मद स्टेनेकजई (इन्होंने ही पिछले दिनों दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल से मुलाकात की थी)

उप वित्त मंत्री – मुल्ला मोहम्मद फाजिल अखुंद

संस्कृति मंत्रालय के डिप्टी मिनिस्टर – जबीउल्लाह मुजाहिद

रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ – कारी फसीहउद्दीन (ताजिक मूल के तालिबान कमांडर, इनके नेतृत्व में ही तालिबान ने पंजशीर की लड़ाई लड़ी और जीती)

सेना प्रमुख – मुल्ला फजल अखुंद

डायरेक्टर जनरल ऑफ इंटेलिजेंस – अब्दुल हक वासिक

डिप्टी चीफ ऑफ इंटेलिजेंस – मुल्ला ताज मीर जवाद

नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्यूरिटी (NDS) प्रमुख – मुल्ला अब्दुल हक वासिक

चीफ ऑफ अफगानिस्तान बैंक – हाजी मोहम्मद अद्दरैस

एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ अफेयर्स – मौलवी अहमद जान अहमदी

चीफ ऑफ स्टाफ – फसिहुद्दीन

News Reporter
Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
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