; दिल्ली में भी स्वाइन फ्लू के फैलने का खतरा, जानिए लक्षण और सावधानियाँ
दिल्ली में भी स्वाइन फ्लू के फैलने का खतरा, जानिए लक्षण और सावधानियाँ

नई दिल्ली। राजस्थान में स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों को देखते हुए दिल्ली सरकार एलर्ट पर है। गौरतलब है कि राजस्थान में अब तक 70 से ज्यादा जानें स्वाइन फ्लू की वजह से हो चुकीं हैं। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। गौरतलब है कि मौसमी इन्फ्लुएंजा ए एच 1 एन 1 एक प्रकार का स्वंय-सीमित वायरल रोग है । I यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है । I यह वायरस हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं । जैसे कि  दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल पहले किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा किया गया हो I

लक्षण :

बुख़ार एंव खाँसी, गला ख़राब, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में तकलीफ़ एवं अन्य लक्षण जैसे बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आना इत्यादि भी हो सकते हैं I

केटेगरी-A

  • बुखार, खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द होना व थकान महसूस होना
  • इस केटेगरी के मरीजों का इलाज लक्षणों पर आधारित होता है i ऐसे लक्षणों में टेमीफ्लू दवा लेने की या जांच की जरूरत नही होती । मरीज को घर पर ही आराम करना चाहिए ।

केटेगरी-B

(। i) इन मरीजों में केटेगरी-A के लक्षणों के अतिरिक्त तेज बुखार और गले में तेज दर्द होता है

(।। i) इन मरीजों में केटेगरी-A के लक्षणों के साथ,निम्नलिखित हाई रिस्क कंडीशन होती है

  • गर्भवती महिलायें
  • 65 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति
  • फेफड़े कि बीमारी,दिल कि बीमारी, गुर्दे कि बीमारी, मधुमेह  रोग, कैंसर इत्यादि से ग्रसित व्यक्ति
  • छोटे बच्चे

केटेगरी-B (।) और (।।i) के रोगी को मौसमी इन्फ्लुएंजा ए एच 1 एन 1 की दवा टैमिफ्लू दी जाती है । इनको भी जांच की जरूरत नही होती । मरीज को घर पर ही आराम करना चाहिए

केटेगरी-C

इन रोगियों में  ऊपर लिखे केटेगरी-A और केटेगरी-B के लक्षणों के अतिरिक्त निम्नलिखित गंभीर लक्षण भी पाए जाते हैं :

  • साँस लेने में दिक्कत
  • छाती में तेज दर्द
  • गफलत में जाना
  • ब्लड प्रेशर कम होना
  • बलगम में खून आना
  • नाखून नीले पड़ जाना

इन रोगियों को अस्पताल में भर्ती करना चाहिये व रोगी को अलग से रखा जाना चाहिए (आइसोलेशन),रोगी को टैमिफ्लू दी जाती है और जांच भी आवश्यक है

क्या करें – क्या न करें

             क्या करें              क्या न करें
·        खाँसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़े अथवा रुमाल से अवश्य ढकें

·        अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोयें

·        भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें

·        फ्लू से संक्रमित हों तो घर पर ही आराम करें

·        फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ तक की दूरी बनाए रखें

·        पर्याप्त नींद और आराम लें

·        पर्याप्त मात्रा में पानी / तरल पदार्थ पियें और पोषक आहार खाएं

·        फ्लू से संक्रमण का संदेह हो तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें I

 

·        गंदे हाथों से आँख, नाक अथवा मुँह को छूना

·        किसी को मिलने के दौरान गले लगना, चूमना या हाथ मिलाना

·        सार्वजनिक स्थानों पर थूकना

·        बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाएं लेना

·        इस्तेमाल किए हुए नेपकिन, टिशू पेपर इत्यादि खुले में फेंकना

·        फ्लू वायरस से दूषित सतहों का स्पर्श (रेलिंग,दरवाज़े इत्यादि)

·        सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना

·        अनावश्यक एच 1 एन 1 की जांचें करवाना

 

 

 

News Reporter
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.
error: Content is protected !!