; ड्राइवरों को राहत देने के लिए ओला ने शुरू किया ‘ड्राइव द ड्राइवर फंड
ड्राइवरों को राहत देने के लिए ओला ने शुरू किया ‘ड्राइव द ड्राइवर फंड

ड्राइवरों को राहत देने के लिए ओला ने शुरू किया ‘ड्राइव द ड्राइवर फंड’; आपातकालीन सहायता और अत्यावश्यक आपूर्ति को सुचारु बनाने के लिए आम नागरिक भी इसमें कर सकते हैं योगदान

● यह फंड ओला फाउंडेशन के तहत शुरू किया गया है। यह ऑटो-रिक्शा, कैब, काली-पीली और टैक्सी के ड्राइवरों और उनके परिवारों की मदद करेगा, जिनके सामने फिलहाल कमाई का संकट है

● ओला ग्रुप और उसके कर्मचारी इस फंड में 20 करोड़ रुपए की प्रारंभिक पूंजी का योगदान कर रहे हैं; सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल एक साल का वेतन देंगे

● आम नागरिक भी फंड में योगदान कर सकें इसके लिए क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है; 50 करोड़ रुपए तक जुटाने का है इरादा

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते देश के ड्राइवरों को रोजाना की आय नहीं हो पा रही है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े -हेलिंग प्लेटफॉर्म में से एक ‘ओला’ ने आज अपनी सामाजिक कल्याण शाखा ‘ओला फाउंडेशन’ के तत्वाधान में ‘ड्राइव द ड्राइवर फंड’ शुरू करने की घोषणा की। इस फंड का उद्देश्य ओला ग्रुप व निवेशकों के योगदान से और नागरिकों व अन्य संस्थानों के लिए एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए ऑटो-रिक्शा, कैब, काली-पीली और टैक्सी ड्राइवरों को सहारा देना है। इस फंड में इकट्‌ठा होने वाली धनराशि कोविड -19 महामारी के चलते लागू प्रतिबंधों से प्रभावित हुए चालकों और उनके परिवारों के कल्याण और उनका हौसला बढ़ाने में मदद करेगी।

इस तनावपूर्ण समय में मोबिलिटी उद्योग के पहिए थम गए हैं और आय का स्रोत न होने के कारण ड्राइवरों के लिए अपने परिवार के खर्च पूरे कर पाना मुश्किल हो रहा है। ओला की इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों, निवेशकों और साझेदार संगठनों जैसे तंत्र के विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना है, ताकि वे लाखों ड्राइवरों और उनके परिवारों को सहारा देने में हाथ बंटा सकें। इसके तहत ओला ग्रुप और उसके कर्मचारी 20 करोड़ रुपए का योगदान देंगे, जबकि ओला के सह-संस्थापक और सीईओ, भाविश अग्रवाल अपना एक साल का वेतन देंगे। ये दोनों धनराशियां फंड में जमा होंगी।

यह पहल आपातकालीन सहायता और अत्यावश्यक चीजों की आपूर्ति जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो इस चुनौतीपूर्ण दौर में ड्राइवरों के लिए अत्यधिक महत्व के हैं। ड्राइवरों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा परामर्श भी उपलब्ध होगा। उचित समय आने पर ओला फाउंडेशन ड्राइवरों को बच्चों की शिक्षा और अन्य मामलों में सहायता करने के लिए भी कदम उठाएगा।

उपायों पर विस्तार से चर्चा करते हुए ओला के प्रवक्ता और संवाद प्रमुख, आनंद सुब्रमण्यिन ने कहा, “संकट के इस समय ने उन हजारों ड्राइवरों को आय से वंचित कर दिया है जो शेयर्ड मोबिलिटी की रीढ़ हुआ करते हैं। परीक्षा की इस घड़ी में उन्हें सहारा देने के लिए हम ‘ड्राइव द ड्राइवर’ फंड शुरू कर रहे हैं, जो ऑटो-रिक्शा से लेकर काली-पीली तक सभी ड्राइवर पार्टनर्स को अत्यावश्यक आपूर्ति, मुफ्त चिकित्सा और आपातकालीन सहायता के रूप में जरूरी संसाधन मुहैया कराएगा। इसके तहत, फंड में आरंभिक पूंजी योगदान करने के लिए ओला ग्रुप एकजुट हुआ है, जिसका उपयोग तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “लाखों ड्राइवर और उनके परिवार प्रभावित हुए हैं, ऐसे में एक छोटा-सा योगदान भी उनकी खुशहाली पर अहम असर डाल सकता है। हम मोबिलिटी उद्योग के सभी हितधारकों को आमंत्रित करते हैं कि आप जिस भी तरीके से जुड़ सकते हैं, हमारे साथ जुड़ें, और हमें एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले लोगों को इस मुश्किल वक्‍त में सहयोग दें। साथ मिलकर हम और मजबूत होंगे।”

ओला ने कोरोनोवायरस प्रकोप के दौरान अपने ड्राइवर पार्टनर्स और ग्राहकों की मदद करने के लिए कई सक्रिय उपाय किए हैं। पिछले हफ्ते, कंपनी ने अपने ड्राइवर पार्टनर्स और उनके जीवन साथी के लिए विशेष कोविड-19 बीमा कवर की घोषणा की। इसके अलावा, ओला ने अपनी सहायक कंपनी, ओला फ्लीट टेक्नोलॉजीज़ के स्वामित्व वाले वाहनों का इसके लीज कार्यक्रम के तहत संचालन करने वाले ड्राइवर पार्टनर्स को लीज रेंटल्स में एक ईएमआई के बराबर पूरी छूट दी है। इसने निरंतर निगरानी और किसी भी मुद्दे पर पार्टनर केयर तथा सेफ्टी रिस्पॉन्स टीमों की 24×7 उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आंतरिक विभागों के सदस्यों वाले एक मजबूत टास्क फोर्स का गठन भी किया है।

ड्राइव द ड्राइवर फंड में योगदान करने के लिए नागरिक यहां लॉग ऑन कर सकते हैं

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