“सन्यास से औद्योगिक क्रांति की ओर” विषयक अखिल भारतीय ऑनलाइन चित्रकार शिविर कम प्रतियोगिता का शुभारम्भ आज दिनांक 11 जुलाई 2020 को पूर्वान्ह 11:30 पर उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी जी द्वारा Google Meet के माध्यम से किया गया। इस चित्रकार शिविर में कुल 50 चित्रकारों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है माननीय मंत्री जी द्वारा सभी कलाकारों को उक्त आयोजन की रूपरेखा के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। माननीय मंत्री जी द्वारा कहा गया कि कोई भी कला कलाकार की आत्मा की अनुभूति का प्रतिरूप होती है एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत अपना मूर्त रूप लेती है। सांस्कृतिक विकास में गोरक्षपीठ की भूमिका पर भी मंत्री जी ने प्रकाश डाला।
कोविड-19 के इस संक्रमण काल में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालने के साथ मंत्री जी ने कहा कि कोरोना की जंग के दौरान माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी में आध्यात्मिक एवं भौतिक पक्ष के समन्वित स्वरूप के साथ-साथ अद्वितीय एवं निर्भीक समाज सेवक के दर्शन होते हैं। इस अवधि में आपके द्वारा कई अतुलनीय कार्य सम्पादित किए गए हैं- 1. प्रतिदिन कोरोना की स्थिति की समीक्षा करना 2. स्थलीय निरीक्षण को प्राथमिकता देना 3. कम्युनिटी किचन में भोजन की गुणवत्ता एवं वितरण प्रणाली का निरंतर परीक्षण 4. प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने की सर्वप्रथम पहल 5. घर वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों एवं कामगारों से स्वयं गाजियाबाद की सीमा पर जाकर मिलने का कार्य 6. अन्य प्रदेशों में काम करने वाले मजदूरों एवं कामगारों से दिन-रात सीधा संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करना 7. मजदूरों एवं कामगारों को सहायता राशि उपलब्ध कराना 8. प्रदेश में वापस आए मजदूरों व कामगारों को जीवन यापन हेतु रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित कराना 9. कोटा से प्रदेश के अध्ययनरत छात्रों को वापस लाने की सर्वप्रथम पहल 10. ऑनलाइन शिक्षा नीति को प्राथमिकता देना 11. विभिन्न कुटीर एवं लघु उद्योगों की स्थापना को प्राथमिकता देना 12. विभिन्न औद्योगिक घरानों को प्रदेश में अपने उद्योग स्थापित करने के अवसर प्रदान करना। 13. आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की भूमिका सुनिश्चित करने का कार्य 14. कानून के राज्य की स्थापना करना 15. एक जिला एक उत्पाद योजना को मूर्त रूप प्रदान करने कार्य 16. औद्योगिकीकरण हेतु सकारात्मक वातावरण तैयार करना 17. स्वदेशी भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करना 18. पटरी व्यापारी, रेहड़ी व्यापारी एवं अन्य छोटे से छोटे व्यापारी तक शासकीय मदद पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित करना। मंत्री जी ने कहा कि सन्यासी के रूप में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का प्रगति रथ निरंतर चलाएमान है।
सभी कलाकारों को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि कलाकार आयोजित कला शिविर में कलाकृतियों का सृजन पूर्ण लगन के साथ करें और कला को एक नया स्तर प्रदान करें कलाकारों के इस कला सृजन को राज्य ललित कला अकादमी, उ.प्र. द्वारा एक ऑनलाइन प्रदर्शनी के माध्यम से सभी के समक्ष प्रदर्शित किया जाएगा। मंत्री जी ने कह कि राज्य ललित कला अकादमी का ऑनलाइन माध्यम से चित्रकार शिविर का यह आयोजन अत्यंत अद्भुत एवं सराहनीय है।
संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव श्री जितेन्द्र कुमार जी द्वारा मैसेज के माध्यम से कहा गया कि यह चित्रकार शिविर अपने लक्ष्य को पूर्ण करेगा एवं शिविर में सृजित कलाकृतियां का सचित्र एक कैटलॉग भी प्रकाशित किया जाएगा।
राज्य ललित कला के माननीय अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह पुंढीर जी द्वारा भी अकादमी के इस आयोजन के प्रतिभागी कलाकारों को संबोधित किया गया, साथ ही भविष्य में इस तरह के प्रयासों को करने का आश्वासन भी अध्यक्ष जी द्वारा सभी कलाकारों को दिया गया।
सचिव, राज्य ललित कला अकादमी डॉ. यशवंत सिंह राठौर द्वारा चित्रकार शिविर की रूपरेखा के संदर्भ में अवगत कराते हुए बताया कि इस शिविर में उत्तर प्रदेश के 36 कलाकार एवं अन्य राज्यों के 14 कलाकार प्रतिभाग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी जिलों में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मथुरा, बरेली, मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद, मिर्जापुर, जौनपुर, बलिया, मुजफ्फरनगर, बांदा, चित्रकूट, झांसी, फतेहपुर के कलाकार हैं।अन्य राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आसाम, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा के कलाकार हैं। इन 50 कलाकारों में लखनऊ से चार कलाकार प्रतिभाग कर रहे हैं। यह कलाकार शिविर 15 जुलाई तक चलेगा। इसमें प्रत्येक कलाकार द्वारा एक कलाकृति सृजित की जाएगी, जिसे कला शिविर की समाप्ति के पश्चात कलाकार द्वारा अकादमी को उपलब्ध कराया जाएगा। 50 कलाकृतियां अकादमी को शिविर के पश्चात प्राप्त होंगी। तत्पश्चात इनका एक सचित्र कैटलॉग प्रकाशित किया जाएगा एवं एक ऑनलाइन प्रदर्शनी भी सभी के अवलोकनार्थ प्रस्तुत की जाएगी।