देश के विकास के लिए 19वीं शताब्दी के एक्ट में हो बदलाव

फैजाबाद/फैजाबाद के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन व लोक सेवक पर आज एक सेमिनार संपन्न हुआ जिसमें लोक प्रशासन को लोक सेवक में बदलने की जरूरत महसूस की गई। सेमिनार में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा की कुलपति प्रो सुषमा यादव व देश के कई शिक्षाविदों ने भाग लिया।देश में लोक प्रशासन से लोक सेवक में सिस्टम बदलने के लिए मंथन किया गया। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा की कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि भारत में भी लोक प्रशासन में भारतीय समस्याओं के समाधान के तरीके खोजने की जरूरत है।

जिसमें शिक्षाविदों का योगदान भी महत्वपूर्ण है उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन अब न्यू पब्लिक सर्विस में बदला गया है।अब लोक प्रशासन को लोक सेवा में परिवर्तित करने की जरूरत है वहीं अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत के एक्ट 19वीं शताब्दी के है। भारतीय पुलिस एक्ट भी उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ के है। आईपीसी व सीआरपीसी 18वीं और 19वीं शताब्दी के है। इसमें सुधार की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ लेकिन संविधान के एक्ट ब्रिटिश संविधान की तरह है। तंज कसते हुए प्रो मनोज दीक्षित ने कहा कि फॉर्म भरने में गलती हुई तो आपकी जिम्मेदारी।शासन प्रशासन से आप कोई जवाब मांगे वह ना दे  तो सरकार की जिम्मेदारी नहीं। सारी जिम्मेदारी पब्लिक की मानी जाती है।सरकार किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं। अब इसे बदलने की जरूरत है।

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