; कल दिल्ली में 20 हजार नए केस आए और आज 22 हजार केस आने की संभावना है- अरविंद केजरीवाल - Namami Bharat
कल दिल्ली में 20 हजार नए केस आए और आज 22 हजार केस आने की संभावना है- अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की रफ्तार बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। उसको लेकर मैं हमेशा चिंतित था। हालांकि मैं होम आइसोलेशन में था, लेकिन फोन पर मैं लगातार अपने स्वास्थ्य मंत्री, सभी अधिकारियों और मुख्य सचिव समेत सभी से संपर्क में था। जिस तरह से दिल्ली में कोरोना की गति बढ़ रही है और इसकी रोकथाम को लेकर जो-जो इंतजाम किए जा रहे हैं, उस पर मैं लगातार नजर बनाए हुए था। पूरे देश में कोरोना बहुत तेजी से बढ़ रहा है और दिल्ली में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली में रफ्तार ज्यादा तेज है। कल के हेल्थ बुलेटिन में लगभग 20 हजार नए केस आए थे। आज शाम को आने वाले हेल्थ बुलेटिन में लगभग 22 हजार नए केस आने की संभावना है। प्रतिदिन बहुत तेजी से केस बढ़ रहे हैं, यह एक चिंता का विषय तो है। लेकिन जैसा कि मैंने पहले भी बोला था कि घबराने की जरूरत नहीं है। जब मैं बोल रहा हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है, तो यह सारा डेटा का विश्लेषण करके बोल रहा हूं। 

इस लहर मौतें भी कम हो रहीं और लोगों को अस्पताल भी काफी कम जाना पड़ रहा है- अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अप्रैल 2021 में जो कोरोना की पिछली लहर आई थी, उसमें 7 मई को करीब इतने ही केस आए थे। जैसे कल 20 हजार केस आए। इसी तरह 7 मई 2021 को भी 20 हजार केस आए थे। लेकिन 7 मई को 341 मौतें हुई थीं। वहीं कल जब 20 हजार केस आए, तो 7 मौत हुई हैं। एक भी मौत नहीं होनी चाहिए, लेकिन मई की तुलना में कल सात मौत हुई थी। 7 मई को जब 20 हजार केस आए थे, तो दिल्ली में लगभग 20 हजार बेड भरे हुए थे। लेकिन जब 20 हजार केस आए हैं, तो लगभग 1500 बेड केवल दिल्ली में भरे हुए हैं। इस तरह से इस लहर के दौरान मौत भी काफी कम हो रही है और लोगों को अस्पताल जाने की भी काफी कम जरूरत पड़ रही है। यह डेटा मैंने इसलिए नहीं बताया कि अब हम मास्क पहनना बंद कर देंगे और गैर जिम्मेदार हो जाएंगे। यह डेटा मैंने इसलिए बताया कि घबराने और डरने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन जिम्मेदारी के साथ काम करने की जरूरत है। मैं बार-बार बोल रहा हूं कि मास्क पहनना सबसे जरूरी है। कई लोग मेरे से प्रश्न पूछ रहे हैं कि लॉकडाउन लगेगा। हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं। अगर आप मास्क पहनते हैं, तो दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगेगा। मास्क पहन कर घर से बाहर निकलिए। अगर जरूरी न हो तो थोड़े दिन तक घर से बाहर न निकलें। लेकिन मास्क पहनना और सोशल डिस्टेसिंग बहुत जरूरी है। हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं और लॉकडाउन लगाने की हमारी कोई मंसा नहीं है। 

जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे जाकर जरूर लगवा लें- अरविंद केजरीवाल

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी कोरोना की यह लहर खत्म हो। हमारी कोशिश है कि हम कम से कम प्रतिबंध लगाएं, ताकि लोगों की रोजी-रोटी और रोजगार चलते रहें। एलजी साहब और मैं, दोनों मिलकर पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। कल हमारी डीडीएमए की दोबारा बैठक है। उसमें विशेषज्ञों के साथ हम फिर से वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे कि क्या और करने की जरूरत है। केंद्र सरकार से हम लोग लगातार संपर्क में हैं। केंद्र सरकार से भी हमें पूरा सहयोग मिल रहा है। मैं, एलजी साहब, हमारे सारे अधिकारी और केंद्र सरकार, सब लोग मिलकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और स्थिति पर नियंत्रण किए हुए हैं। पहले भी हम सब दिल्ली वासियों ने मिलकर अप्रैल में आई कोरोना की इतनी खतरनाक लहर पर पार पा लिया। इस लहर पर भी हम लोग पार पा लेंगे। चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिम्मेदारी के साथ काम करने की जरूरत है। जिन-जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे जरूर वैक्सीन लगवा लें। वैक्सीन लगवाने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना नहीं होगा, लेकिन अगर कोरोना हुआ, तो आपको माइल्ड कोरोना होगा और आपकी जान को खतरा नहीं होगा। हो सकता है कि आपको अस्पताल जाने की जरूरत न पड़े।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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