; विद्यालय के सर्वांगीण विकास का आधार है एसएमसी
विद्यालय के सर्वांगीण विकास का आधार है एसएमसी
  • एसएमसी के सदस्यों को किया जाएगा प्रशिक्षित
  • हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना के तहत 2 फरवरी से 15 फरवरी तक होगा प्रशिक्षण

चंडीगढ़/हरियाणा, विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) विद्यालय का संपूर्ण विकास करने का मजबूत मंच है। यह विद्यालय के सर्वांगीण विकास का आधार है। एसएमसी में अभिभावक, शिक्षक, पंचायत/नगर निगम पार्षद सदस्य व क्लस्टर अधिकारी शामिल होते हैं। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूलों में एसएमसी का गठन अनिवार्य है। अभिभावक और शिक्षकों के बीच की साझेदारी मजबूत हो, इसके लिए एसएमसी सदस्यों का प्रशिक्षण आवश्यक है। इसके लिए 2 से 15 फरवरी तक हरियाणा के सभी सरकारी विद्यालयों के एसएमसी सदस्यों का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण इसलिए उपयोगी है क्योंकि सशक्त विद्यालय प्रबंधन समिति संपूर्ण विकास की अहम कड़ी है। इसका प्रत्येक सदस्य जिम्मेदार और जानकार हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यालय के विकास में एसएमसी सदस्यों की भूमिका, जिम्मेदारी और एसएमसी को सक्रिय करने पर चर्चा होगी। इसमें हरियाणा के सभी 14465 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भागीदारी रहेगी। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना के माध्यम से सभी सदस्यों को विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यालय के विकास में एसएमसी सदस्यों की भूमिका, जिम्मेदारी और एसएमसी को सक्रिय करने पर चर्चा होगी। प्रशिक्षण में एसएमसी पोर्टल और विद्यांजलि पोर्टल पर पंजीकरण व उसके उपयोग की भी जानकारी मिलेगी। अभिभावकों की भागीदारी को मजबूत करने के लिए ‘सामर्थ्य’ नामक संस्था एचएसएसपीपी के सहयोग से इन प्रशिक्षणों सत्रों का संचालन कर रही है, जिसकी पहल एचएसएसपीपी की साइंस कोऑर्डिनेटर सोनाली वोहरा एचएसएसपीपी ने की है। उक्त जानकारी ‘सामर्थ्य’ संस्था की प्रोग्राम डायरेक्टर केतिका नरूला ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।


चार चरणों में होगा प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के प्रथम चरण में सभी जिलों के डीईओ, डिप्टी डीईओ, डीपीसी, एपीसी-4 के साथ एक ऑनलाइन ओरिएंटेशन हुआ है। इसे एचएसएसपीपी ने कराया। दूसरे चरण में सभी मेंटर ट्रेनर, जो नामांकित बीआरपी हैं को 23 से 25 जनवरी को एचएसएसपीपी ने प्रशिक्षण दे दिया है। तीसरे चरण में सभी बीआरपी और एबीआरसी के लिए उनके जिलों के मेंटर ट्रेनर प्रशिक्षण देंगे। अंतिम चरण में सभी विद्यालयों के एसएमसी सदस्यों का प्रशिक्षण एबीआरसी या बीआरपी के माध्यम से विद्यालय-स्तर पर 2 फरवरी से 15 फरवरी के बीच होंगे।
प्रशिक्षण का व्यापक स्तर पर होगा प्रचार-प्रसार
एसएमसी सदस्यों की अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एसएमसी सदस्यों को प्रशिक्षण देने का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार होगा। अधिकारी समाचार पत्र के माध्यम से प्रशिक्षण की जानकारी देंगे। इसके अलावा गांव में मुनादी, ह्वाट्सएप मैसेज आदि के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे। इस सम्पूर्ण

प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक स्तर पर राज्य एवं ज़िला अधिकारियों की तरफ से नियमित निरीक्षण होगा।
मेंटर ट्रेनरों व बीआरपी ने बताया उपयोगी
दूसरे चरण में मेंटर ट्रेनर और बीआरपी का प्रशिक्षण हुआ। यमुनानगर के बीआरपी सुखविन्दर सिंह ने कहा कि यह एक सुखद अनुभव रहा। संवाद दोनों तरफ से हुआ और अपनी बात रखने का मौका मिला। बीआरपी चरखी दादरी ज्योती रानी की मानें तो प्रशिक्षण में स्पष्ट जानकारी मिली। बीआरपी हिसार उपेन्द्र सिंह यह प्रशिक्षण एसएमसी सदस्यों को प्रेरित करने के लिए बहुत उपयोगी होगा

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