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लखीमपुर कांडः 52 से अधिक वीडियो वायरल, राम इकबाल भी आए किसानों के साथ

लखीमपुर खीरी कांड में 52 से अधिक वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस कांड में इन वीडियो के वायरल होने से बीजेपी के अपने ही उसे घेर रहे हैं। कई वीडियो में ये साफ दिख रहा है कि कार, किसानों को पीछे से रौंदती हुई जा रही है।

वहीं यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी को इस कांड से लखीमपुर की कई सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस कांड से बीजेपी से पहले ही वरुण गांधी जैसे नेता नाराज चल रहे हैं, अब इस कड़ी में राम इकबाल का नाम भी जुड़ गया है। राम इकबाल बलिया के पूर्व विधायक हैं।

बता दें राम इकबाल ने कहा है कि राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को तुरंत गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। एनडीटीवी के अनुसार राम इकबाल ने कहा- मंत्री का बेटा उसी दिन गिरफ्तार हो जाता तो बात ही समाप्त हो जाती। जांच के नाम पर लटकाने की जो आदत हो गई है, उसने सरकार की किरकिरी करा दी।

दरअसल लखीमपुर कांड का असर यूपी के छह जिलों पर पड़ सकता है। इन जिलों में 39 विधासभा की सीटें हैं। जिसमें से अभी 34 पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन जिस तरह से इस घटना के वीडियो स्थानीय लेवल पर वायरल हो रहे हैं, स्थानीय विधायकों को अगले चुनाव में नुकसान होने का डर सता रहा है। हालांकि इस कांड का डर तो राज्य बीजेपी नेतृत्व को भी है। इस मामले के विरोध में कुछ लोग कार्रवाई के डर से चुप हैं तो अब कुछ खुलेआम अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

इस कांड को लेकर जिस तरह से कांग्रेस, बीजेपी के खिलाफ आक्रमक रूख अपना रखा रही है, उससे भी बीजेपी को इन सीटों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी खुद इशारों ही इशारों में इस घटना पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व और सीएम योगी, केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे को लेकर एक तरह से चुप ही हैं।

बता दें कि लखीमपुर खीरी केस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसकी गाड़ियों ने ही प्रदर्शन कर रहे किसानों को पीछे से रौंद दिया था। इसका वीडियो भी सामने आया  है। इस घटना में चार किसानों की मौत हो गई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी और बीजेपी के तीन कार्यकर्ता और एक स्थानीय पत्रकार इस हिंसा में मारे गए।

 आपको बतातें चलें काफी विवादों के बाद हालांकि आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन किसान संगठनों समेत विपक्ष की मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया जाए।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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