; भारत का पहला डिजिटल रेरा कोर्ट लॉन्च करने के लिए गुरुग्राम रेरा ने ज्यूपिटिस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए - Namami Bharat
भारत का पहला डिजिटल रेरा कोर्ट लॉन्च करने के लिए गुरुग्राम रेरा ने ज्यूपिटिस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

गुरुग्राम: हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी, गुरुग्राम (हरेरा) ने आज घोषणा कर बताया कि गुरुग्राम रेरा की शिकायत निवारण प्रणाली के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया है। इस साझेदारी के तहत, हरियाणा पहला डिजिटल रेरा कोर्ट बनाने में अग्रणी बनेगा, जिसके चलते सभी हितधारकों को अपने घर या कार्यालय में बैठ कर आराम से एंड-टू-एंड विवाद समाधान तंत्र ऑनलाइन निष्पादित करने में सुविधा प्राप्त होगी। श्री केके खंडेलवाल, अध्यक्ष, गुरुग्राम रेरा, और श्री रमन अग्रवाल, संस्थापक और सीईओ, ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलॉजीज की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

एमओयू की शर्तों के तहत, ज्यूपिटिस विवाद समाधान की सुविधा हेतु, हरेरा के लिए अन्य तकनीकी विशेषज्ञता के साथ एक विशेष डिजिटल रेरा कोर्ट का डिजाइन करेगा जिससे सरल, तेज, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से न्याय प्रदान किया जाएगा। दूसरी ओर, हरेरा इस डिजिटल रेरा कोर्ट को बढ़ावा देगा और प्रक्रिया में शामिल विवादों और अन्य हितधारकों के लिए आसान और प्रभावी विवाद समाधान के लिए एंड-टू-एंड कार्यवाही आदि का संचालन करेगा।

इस मंच के साथ, उपयोगकर्ता को एक ही मंच पर विवाद दायर करने से लेकर निर्णय लेने तक, अर्ध-न्यायिक तंत्र के तहत पूरी कार्यवाही करने के लिए शुरू से अंत तक सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए, हरियाणा रेरा के अध्यक्ष श्री केके खंडेलवाल ने कहा, “कोविड-19 के चलते पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाई गई है। गुरुग्राम रेरा को एक ऐसी तकनीक की भी जरूरत थी जो उपभोक्ताओं के जीवन को जोखिम में डाले बिना शिकायतों के त्वरित समाधान में हमारी मदद कर सके। हमने उस तकनीक को ज्यूपिटिस के रूप में पाया। जुपिटिस ने हमें डिजिटल रेरा कोर्ट के रूप में एक संभावित समाधान पेश किया। मुझे विश्वास है कि यह डिजिटल रेरा कोर्ट गुरुग्राम रेरा में शिकायतों को संबोधित करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और अन्य राज्यों के लिए ऐसी तकनीकों को अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

“यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि रेरा अधिकारियों के लिए भी फायदेमंद होगा। अब, उपभोक्ताओं को अपने मामले की कार्यवाही के लिए रेरा कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है, वे अपने विवादों को कहीं से भी, कभी भी और किसी भी डिवाइस से आसानी से हल कर सकते हैं, ”श्री खंडेलवाल ने कहा।

जुपिटिस के फाउंडर और सीईओ श्री रमन अग्रवाल ने बताया की, “हरेरा और जुपिटिस दोनों ने एक साथ मिल कर एक बेहतरीन तालमेल बनाया है जो की रेरा के विवाद का पूरे तरीक़े से निवारण करने में सक्षम है। इस पार्टनरशिप के तहत हम रियल एस्टेट उद्योग में आ रहे शिकायतकर्ताओं / विवादकर्ताओं के बड़े स्तर पर सभी जरूरतों का समाधान करने में सक्षम है। एआई और ब्लॉकचैन जैसी न्यू-एज टेक्नोलॉजीज की मदद से हम सभी विवादों की गहराई में जा कर उनका निपटारा कर सकते है वो भी बेहद सस्ते दामों में।”

श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि डिजिटल रेरा कोर्ट एआई इनेबल्ड स्व-प्रतिनिधित्व का भी समर्थन करेगा, जबकि मामलों से संबंधित सभी उपयोगी दस्तावेजों को ब्लॉकचैन-सक्षम डिजिटल लॉकर के माध्यम से पूर्ण रूप से सुरक्षित किया जाएगा।

जुपिटिस दुनिया की पहली न्याय प्रौद्योगिकी कंपनी है जिसने “जस्टटेक” नामक तकनीकी क्षेत्र में एक नया स्थान बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। गुरुग्राम रेरा में अधिकारियों के साथ बैठक की एक श्रृंखला के बाद, जुपिटिस ने त्वरित विवाद निवारण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रेरा कानून के उचित और प्रभावी प्रशासन में जुपिटिस द्वारा विकसित तकनीक का लाभ उठाने के लिए गुरुग्राम रेरा के लिए एक रणनीति और सामरिक योजना की परिकल्पना की है।

इसके अलावा, ज्यूपिटिस और गुरुग्राम रेरा जल्द ही अपने सदस्यों के लिए अर्ध-न्यायिक तंत्र में न्याय प्रौद्योगिकी के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विशेष कार्यशालाएं, सेमिनार, वेबिनार, परामर्श कार्यक्रम और ऑनलाइन प्रश्नोत्तर आयोजित करेंगे।

News Reporter
Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
error: Content is protected !!