; 'सिक्स सिग्मा समिट' में बोले आर्मी चीफ: उकसाने वाले नेताओं के हाथ में न जाए देश की बागड़ोर - Namami Bharat
‘सिक्स सिग्मा समिट’ में बोले आर्मी चीफ:  उकसाने वाले नेताओं के हाथ में न जाए देश की बागड़ोर
-कार्यक्रम में आठ देशों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
-डेढ़ हजार चिकित्सक रहे मौजूद
-पत्रकार रमेश ठाकुर को दिया गया जर्नलिस्ट आफ द ईयर

दिग्विजय चतुर्वेदी /नई दिल्ली। इसी सप्ताह सेवानिवृत हो रहे सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बड़ा राजनीतिक बयान देकर सियासत में खलबली मचा दी है। उनका बयान नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हो रहे उपद्रव पर केंद्रित है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि एक सफल नेतृत्व वहीं होता है जो सर्वसमाज में एकजुटता का संदेश दे। पर, आजकल ऐसे बहुत से संस्थान और विश्वविद्यालय हैं जो हिंसा की शिक्षा दे रहे हैं। जिस पर हमें एक बार फिर ध्यान देने की जरुरत है। आर्मी में सैनिकों को विषम से विषम परिस्थति में भी डट कर देश की रक्षा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है जब कहीं जाकर एक सैनिक तैयार होता है जो दुर्गम क्षेत्रों में भी देश की रक्षा कर रहा होता है।
आर्मी प्रमुख और चीफ ऑफ द स्टाफ जनरल बिपिन रावत यह बात दिल्ली में आयोजित सिक्स सिग्मा समिट में बोली। उनके बयान से कांग्रेस बेहद खफा है। हालांकि कुछ रिटायर्ड सेना के अधिकारियों ने भी आर्मी चीफ के बयान पर नाराजगी जताई है। पूर्व नेवी चीफ एल. रामदास ने कहा, सेना के लोगों को हमेशा निष्पक्ष और तटस्थ रहना चाहिए। विवाद ज्यादा बढ़ा तो देर रात सेना की ओर से सफाई दी गई, कहा सेना प्रमुख का बयान राजनीतिक नहीं है। समझने की जरूरत है?

समिट की खासियत
सिग्स सिग्मा हेल्थ केयर हाई ऑल्टीट्यूड देश का मात्र ऐसा स्वास्थ्य विंग है जो सैनिकों व दुर्गम पहाड़ियों में लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराता है। संस्था के मुखिया डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि हमारे देश में तीर्थ यात्राएं बहुत होती है लेकिन सभी भगवान भरोसे। सिक्स सिग्मा का उद्देश्य ऐसी जगहों पर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना होता है जहां चिकित्सक नहीं पहुंच पाते, हम माउंटेन मेडिसिन के नाम से भी लोगों को हाई ऑल्टीड्यूड मेडिसिन का प्रशिक्षण देते हैं। कार्यक्रम में देशभर से आए करीब डेढ़ हजार चिकित्सकों ने भाग लिया। दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रनदीप गुलेरिया ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में कई नए प्रयोग हुए हंै तकनीकि में भी बदलाव हुए है लेकिन हमें जमीनी समस्याओं पर भी काम करना है। इसके लिए ऐसे संस्थानों की जरुरत है जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सही जानकादी दे सकें।


समिट में रमेश ठाकुर हुए सम्मानित
हेल्थ सेक्टर में कई बड़ी खबरों को करने के लिए पत्रकार रमेश ठाकुर को बेस्ट जर्नलिस्ट आॅफ दी ईयर चुना गया। सेना प्रमुख बिपिन रावत के हाथों उन्हें सम्मानित होना था। उनके नाम की घोषणा हुई लेकिन उस वक्त वह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे। बाद मेंेेंेें केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने रमेश ठाकुर को अवार्ड प्रदान किया। अवार्ड के लिए रमेश ठाकुर ने आर्मी चीफ और सिक्स सिग्मा का धन्यवाद दिया।
News Reporter
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