; ट्वीट के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिए राजनीति छोड़ने का संकेत, कांग्रेस संगठन पर साधा निशाना - Namami Bharat
ट्वीट के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिए राजनीति छोड़ने का संकेत, कांग्रेस संगठन पर साधा निशाना

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब और राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड में भी कांग्रेस के अंदर कलह शुरू हो गई है। बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत के एक के बाद एक ट्वीट ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी। हरीश रावत के ट्वीट से यह साफ लग रहा है कि वह संगठन के कुछ नेताओं से नाराज हैं। सियासी गलियारों में चर्चा यहां तक है कि हरीश रावत मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नाम का ऐलान करवाने और अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए यह दांव चला है। 

पार्टी सूत्रों की मानें तो एक दिन पहले स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग हुई थी और उसमें संकेत मिले थे कि हरीश रावत के काफी समर्थकों के टिकट कट रहे हैं। इससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि उनके समर्थकों को पर्याप्त टिकट हीं नहीं मिलेगा तो मुख्यमंत्री बनाने के समय हरीश रावत का पत्ता काटना भी आसान होगा। इस खबर के बाद से ही हरीश रावत ने पार्टी के प्रति ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी जतानी शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत राजनीति से जल्द ही संन्यास भी ले सकते हैं। माना जा रहा है कि नए साल के पहले सप्ताह में हरीश रावत इसकी घोषणा भी कर सकते हैं। 

गौरतलब है कि खुद को सीएम का चेहरा न घोषित किए जाने से नाराज हरीश रावत ने कांग्रेस पार्टी पर तीन ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की। हरीश रावत ने पहले ट्वीट में लिखा है, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है। सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने की बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’ यही नहीं दूसरे और ट्वीट में रावत ने लिखा, ‘सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं।

मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है।’ तीसरा ट्वीट भी नाराजगी भरा रहा। हरीश रावत ने लिखा, ‘चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्”। बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे। हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो रावत की ये टिप्पणियां पार्टी में अंतर्कलह को उजागर करती हैं। इसके अलावा राज्य के चुनाव में भी पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकती हैं। ऐसे में इस विवाद की टाइमिंग कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है। अब तक हरीश रावत की टिप्पणी पर किसी नेता का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
error: Content is protected !!