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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की बढ़ी मुश्किलें, जानें अब किस मामले में क्या सजा मिली है

आकाश रंजन : सीबीआई अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को आठ अक्टूबर को 2002 में एक पूर्व प्रबंधक की हत्या के लिए दोषी ठहराया था। 2002 हत्याकांड में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सज़ा मिली है। 

पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को 2002 की हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह पर 31 लाख रुपये और बाकी सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अन्य चार आरोपियों में गुरमीत राम रहीम सिंह का अनुयायी जसबीर सिंह, डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधक कृष्ण लाल, डेरा प्रमुख का बंदूकधारी सबदिल और संप्रदाय के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी अवतार सिंह शामिल है।

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एचपीएस वर्मा ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, राम रहीम सहित सभी पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है पहले से ही बलात्कार और एक अन्य हत्या के लिए जेल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 में अपने पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश के लिए 8 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था। हम सजा से संतुष्ट हैं। मेरे परिवार के लिए यह एक लंबी लड़ाई रही है। हम इतने सालों से डर में जी रहे हैं लेकिन न्याय पाने के लिए संघर्ष किया है। जबकि डेरा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए जहां वह बंद हैं। चार अन्य सजा के समय अदालत में मौजूद थे।

सुनवाई के लिए पंचकूला जिला अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। अधिकारियों ने दोषी बाबा के अनुयायियों द्वारा हिंसा की आशंका से पूरे जिले में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने के खिलाफ रोक लगा दी थी। इससे पहले एक स्थानीय अदालत द्वारा गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अगस्त 2017 में पंचकूला में 36 लोगों की मौत हो गई थी।

स्वयंभू बाबा को 12 अक्टूबर को पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया था। लेकिन अदालत ने सजा की मात्रा पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और सोमवार को मामले की सुनवाई करने का फैसला किया। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पूर्व अनुयायी रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियन में उनके पैतृक गांव में चार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने अपने आरोप पत्र में कहा कि रणजीत सिंह की हत्या इसलिए की गई क्योंकि गुरमीर राम रहीम सिंह को संदेह था कि डेरा परिसर में महिला शिष्यों के यौन शोषण को उजागर करने वाले एक गुमनाम पत्र के प्रसार के पीछे वह था।

गुरमीत राम रहीम सिंह पहले से ही दो अनुयायियों से बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। और 2002 में एक पत्रकार की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 2002 और 2003 के बीच गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कम से कम तीन मामले दर्ज किए गए थे। पहला मामला महिला शिष्यों के यौन शोषण से संबंधित था, दूसरा पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या से जुड़ा था। तीसरा, नवीनतम जिसमें गुरमीत राम रहीम को पिछले सप्ताह दोषी ठहराया गया था, उनके शिष्य रंजीत सिंह की हत्या से संबंधित है।

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