; अधिकारियों और दबंगों के उत्पीड़न से परेशान आमरण अनशन पर बैठी दलित महिला
अधिकारियों और दबंगों के उत्पीड़न से परेशान आमरण अनशन पर बैठी दलित महिला

गोण्डा/यूपी के जनपद गोण्डा के मनकापुर तहसील में एक दलित महिला अधिकारियों और दबंगों के उत्पीड़न से परेशान होकर तहसील में अधिकारियों के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठ गई।  एक दलित महिला ने अपने पति के साथ इंसाफ के लिए दर – दर भटकने के बाद थक हार कर एसडीएम कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया। मामला आकस्मिक मृत्यु को आत्महत्या साबित करने की साजिश का है । दलित महिला का कहना है कि एक वर्ष पहले उसकी सास की मौत घर में लगी आग से जलकर हो चुकी है लेकिन घर जलने और सास की आकस्मिक मौत के कारण जो मुआवजे की सहायता राशि मिलनी थी उसे गांव के दबंगों ने अधिकारी नायब तहसीलदार से मिलीभगत कर सास की आकस्मिक मौत को आत्महत्या दिखाकर रोक दिया।

महिला ने बताया कि जब भी नायब तहसीलदार जांच करने के लिए गए हर बार गांव के दबंगों के साथ मेरे घर पहुँचे। नायब तहसीलदार जिस दबंग के साथ जांच के लिए गए उस पर कई तरह के आपराधिक मामले दर्ज है और जिसकी कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है साथ ही एक आपराधिक मामले में दबंग जमानत पर बाहर है।

दबंग व प्रशासनिक उत्पीड़न का शिकार आमरण अनशन बैठा यह दलित परिवार मनकापुर तहसील के गांव तिरूखा बुजुर्ग का है जहां  इसी गांव के रहने वाले धनेश्वर की मां की मौत एक वर्ष पहले आग में जलकर हो गई थी। जिसकी सूचना उसने उसी समय पुलिस व आपदा विभाग को दी। आपदा राहत कोष से मिलने वाली धनराशि पर गांव के दबंग अरविंद सिंह को नागवार गुजरी और उसने अपने रुतबे का फायदा उठाते हुए प्रशासनिक अधिकारी नायब तहसीलदार से मिलकर जांच रिपोर्ट को बदलवाकर धनेश्वर की मां की आग में जलकर हुई आकस्मिक मौत को आत्महत्या दिखा दिया ।

जिससे दलित परिवार को मिलने वाली सहायता राशि रुक गई और जिसकी शिकायत लेकर दलित परिवार ने जिले के आलाधिकारियों सहित डीएम तक गुहार लगाई। डीएम के आदेश पर नायब तहसीलदार पीड़ित परिवार के घर दबंग के साथ जांच करने पहुँचे। पीड़ित का कहना है कि नायब तहसीलदार जांच करने के लिए गये लेकिन दबंग के साथ गए जो उनका विरोधी है और जिस पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज है। जांच निष्पक्ष नहीं हो रही। पीड़ित परिवार ने बताया कि जब तक जांच निष्पक्ष नही होगीं तब हम आमरण अनशन पर बैठे रहेगें।

जब इस पूरे मामले पर मीडिया हस्तक्षेप के बाद प्रशासन गहरी नींद से जागा वैसे ही दो दिन से अनशन पर बैठे दलित परिवार के पास जैसे ही वहां मीडिया पहुँची वैसे ही उच्च अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से संपर्क करना शुरू कर दिया। आनन – फानन में  एसडीएम सौरभ भट्ट ने पीड़ित परिवार से संपंर्क किया और एक हफ्ते में परिवार की समस्या दूर करने का आश्वासन दिया। जिले के डीएम प्रभांशु श्रीवास्तव ने निष्पक्ष जांच का वादा करते हुए कहा कि जांच जो होगी वो तथ्यात्मक होगी, अगर पात्रता की श्रेणी में आता है तो उसकी सहायता होगी। किसी दबंग के कहने या आपत्ति दर्ज करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

-यज्ञविजय चतुर्वेदी

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