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बीजेपी ने अनधिकृत इलाकों में दुकानों-रेस्टोरेंट्स को अचानक लाइसेंस देने से किया इनकार – आतिशी

*- कई सालों से कॉमर्शियली प्रॉपर्टी टैक्स, कन्वर्ज़न और पार्किंग शुल्क ले रही भाजपा ने अनधिकृत इलाकों में दुकानों-रेस्टोरेंट्स को अचानक लाइसेंस देने से किया इनकार, शो कॉज़ नोटिस भेजा

*- शो कॉज़ नोटिस भेजकर भाजपा आखरी के तीन महीनों में और ज्यादा उगाही करने की फिराक में है- आतिशी

*- पुरानी प्रक्रिया के अनुसार एमसीडी के पोर्टल के माध्यम से दुकानों, ढ़ाबों, रेस्टोरेंट्स को हेल्थ और ट्रेड लाइसेंस जारी किए जाते थे- आतिशी

*- अब यह प्रक्रिया एमएचए पोर्टल के अन्तर्गत आ गयी है जो सिर्फ उन्हीं को लाइसेंस दे रही है जो आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं- आतिशी

*- जिन अनधिकृत कॉलोनियों को भाजपा सरकार चुनाव से पहले नियमित करने की बात करती हैं, एमसीडी उनका लाइसेंस रिन्यू न करके शो कॉज़ नोटिस भेज रहा है- आतिशी

*- अबतक एमसीडी कॉमर्शियल रेट पर प्रॉपर्टी टैक्स, कन्वर्ज़न और पार्किंग शुल्क लेती रही है, तो आज अचानक उन्हें शो कॉज़ नोटिस क्यों भेज रही है- आतिशी

‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा जिनसे कई सालों से कॉमर्शियली प्रॉपर्टी टैक्स, कन्वर्ज़न शुल्क और पार्किंग शुल्क लेती आ रही, उन अनधिकृत इलाकों मे दुकानों-रेस्टोरेंट्स को अचानक लाइसेंस देने से किया इनकार कर दिया है। भाजपा उन्हें शो कॉज़ नोटिस भेज रही है जिससे वह उनसे मोटी रकम कमा सके। भाजपा आखरी के तीन महीनों में और ज्यादा उगाही करने की फिराक में है। आतिशी ने कहा कि पुरानी प्रक्रिया के अनुसार एमसीडी के पोर्टल के माध्यम से दुकानों, ढ़ाबों, रेस्टोरेंट्स को लाइसेंस जारी किए जाते थे। अब एमसीडी सिर्फ उन्हीं को लाइसेंस दे रहा है जो आधिकारिक तौर पर अधिसूचित हैं। जिन अनधिकृत कॉलोनियों को भाजपा सरकार चुनाव से पहले नियमित करने की बात करती है, एमएचए उनका लाइसेंस रिन्यू न करके शो कॉज़ नोटिस भेज रही है। आतिशी ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि इतने सालों में आज अचानक उन्हें शो कॉज़ नोटिस क्यों भेज रहे हैं? यह बहुत स्पष्ट है कि यह सिर्फ और सिर्फ उगाही का नया तरीका है।

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। आतिशी ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से हमने एमसीडी में जो भाजपा की सरकार है, भाजपा के जो पार्षद हैं, उनकी उगाही और भ्रष्टाचार से जुड़े हुए कई मुद्दे आप लोगों के सामने रखे हैं। आज भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण मुद्दा हम आप लोगों के सामने लेके आए हैं। जिस तरह एमसीडी में भाजपा ने पिछले 5 सालों से भ्रष्टाचार किया है, दिल्ली की जनता उस भ्रष्टाचार से परेशान हो गई है। आज भाजपा को यह समझ आ गया है कि 3 महीनों बाद जैसे ही एमसीडी के चुनाव होंगे, तो दिल्ली की जनता उन्हें एमसीडी की सत्ता से बाहर कर देगी। अब एमसीडी में शासित भाजपा की सरकार और पार्षदों ने मन बना लिया है कि आखरी तीन महीनों में जितनी उगाही कर सकते हैं कर लें। जितना भार्ष्टाचार करना है कर लें क्योंकि इसके बाद इन्हें मौका नहीं मिलने वाला है।

एमसीडी के भ्रष्टाचार का नया उदाहरण देते हुए आतिशी ने कहा कि पिछले कुछ समय में हमने एमसीडी से संबंधित कई उदाहरण हमने आपके सामने रखे हैं। अब एक नया उदाहरण पिछले कुछ समय में सामने आया है। एमसीडी की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, लाइसेंस देना। इसमें हेल्थ लाइसेंस, ट्रेड लाइसेंस आदि शामिल होते हैं। तो अभी तक लाइसेंस की प्रक्रिया यह रही थी कि एमसीडी के पोर्टल पर अलग-अलग दुकानें, रेस्टोरेंट लाइसेंस के लिए अप्लाई करते थे। उस पोर्टल के माध्यम से उन्हें यह लाइसेंसेस जारी किए जाते थे।

पिछले कुछ समय में एमसीडी ने अपने पोर्टल से हटाकर एमएचए के पोर्टल पर डाल दिया। जबसे एमएचए के पोर्टल पर लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हुई है, तो सिर्फ और सिर्फ उन्हीं, क्षेत्र, दुकानों और रेस्टोरेंट्स को लाइसेंस मिल रहे हैं जो आधिकारिक तौर पर अधिसूचित क्षेत्र में हैं। लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि दिल्ली में 75% से ज्यादा रिहाइश अनधिकृत कॉलोनियों में है। और यह अनधिकृत कॉलोनियां वह हैं जिसके बारे में हर चुनाव से पहले भाजपा, प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी, सभी यह कहते हैं कि हम इन अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करेंगे। लेकिन अब जब उनकी दुकानों को लाइसेंस देने की बात आ रही है, तो अब उसी भाजपा की एमसीडी और उसी भाजपा की एमएचए कह रही है कि आप तो अनधिकृत हैं इसलिए हम आपको लाइसेंस नहीं दे सकते हैं।

लाइसेंस न देने का उनका जो मुखोटा है, उसके पीछे की असलियत है उगाही। तो हो क्या रहा है, इन दुकानों को, ढ़ाबों को, रेस्टोरेंट्स को और खासकर ईस्ट एमसीडी के ज्यादातर इलाकों को शो कॉज़ भेजा जा रहा है। क्योंकि ईस्ट एमसीडी में 60-70% से अधिक क्षेत्र अनधिकृत हैं। कुछ ऐसे इलाके हैं, जैसे करावल नगर विधानसभा, उस पूरी विधानसभा में सिर्फ 50% क्षेत्र ही कॉमर्शियली अधिसूचित हैं। जो मुस्तफाबाद विधानसभा है, उसकी एक मीटर जमीन भी कॉमर्शियली अधिसूचित नहीं है। तो क्या अब इन क्षेत्रों में दुकानें नहीं रहेंगी? तो क्या हम यह मान लें कि उन इलाकों में रेस्टोरेंट नहीं रहेंगे? अब इन सब इलाकों को एमसीडी द्वारा शो कॉज़ यानी कि कारण बताओ अधिसूचना भेजा जा रहा है।

कुछ दस्तावेज पेश करते हुए ‘आप’ विधायक ने कहा कि इसका एक उदाहरण हम आपको देना चाहेंगे कि किस प्रकार यह शो कॉज़ नोटिस दुकानों, ढ़ाबों और रेस्टोरेंट्स को भेजे जा रहे हैं। मैं आपको दो कागज़ दिखा रही हूं। पहला इस होटल का पुराना हेल्थ और ट्रेड लाइसेंस है जो पहले ईस्ट एमसीडी से इन्हें मिला हुआ था। लेकिन आज उसी होटल को शो कॉज़ नोटिस दे दिया गया है, जबसे यह प्रक्रिया एमएचए के अंतर्गत आई है। इन शो कॉज़ नोटिस के नाम से अब भाजपा के पार्षद पूरी दिल्ली में बेधड़क उगाही कर रहे हैं कि शो कॉज़ नोटिस दो फिर शॉ कॉज़ नोटिस वापस लेने के लिए मोटी रकम भरो तभी यह नोटिस वापस दिया जाएगा और तभी आपको लाइसेंस मिलेगा।

एमसीडी से हमारा यह सवाल है कि इतने सालों से इन दुकानों से, होटल से, रेस्टरेंट्स से आप कॉमर्शियल रेट पर प्रॉपर्टी टैक्स ले रहे हैं। आप इन दुकानों से कन्वर्ज़न शुल्क और पार्किंग शुल्क ले रहे हैं तो आज दिसंबर 2021 में पहुंचकर एकदम से उन्हें शो कॉज़ नोटिस क्यों दे दिया। जब आप उनसे खुद कॉमर्शियली प्रॉपर्टी टैक्स लेते आए हैं, कन्वर्ज़न शुल्क लेते आए हैं, पार्किंग शुल्क लेते आए हैं तो यह बहुत स्पष्ट है कि यह सिर्फ और सिर्फ उगाही का नया तरीका है। भाजपा को पता है कि सिर्फ तीन महीने का वक्त बाकी है। इन तीन महीनों में ज्यादा से ज्यादा जेब भरने का उनका प्रयास है।

News Reporter
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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