; भाजपा ने 67 जिलों में जीत दर्ज कर सपा का रिकार्ड तोड़ा, कांग्रेस और बसपा शून्य
भाजपा ने 67 जिलों में जीत दर्ज कर सपा का रिकार्ड तोड़ा, कांग्रेस और बसपा शून्य

लखनऊ। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने 67 जिलों में जीत दर्ज कर रिकार्ड कायम किया है। वहीं समाजवादी पार्टी महज पांच जिलों तक ही सिमटकर रह गई। कन्नौज। मैनपुरी। औरैया फर्रुखाबाद जैसे प्रमुख गढ़ माने जाने वाले जिलों में भी सपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा है। शनिवार को 53 जिलों में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने 46 जिलों में जीत दर्ज की। सपा ने चार. जनसत्ता दल. रालोद व निर्दलीय ने एक-.एक जिले में जीत दर्ज की। इससे पहले 21 जिलों में भाजपा और एक जिले इटावा में सपा के निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं। चुनाव के दौरान बलिया, प्रतापगढ़ और संतकबीर नगर में विवाद हुआ जबकि अन्य जिलों में चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ।

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए 53 जिलों में सुबह 11 बजे से मतदान शुरू हुआ। दोपहर 3 बजे से मतगणना शुरू होने के बाद 3-15 बजे तक नतीजे आने शुरू हो गए। शाम साढ़े पांच बजे तक सभी जिलों के नतीजे घोषित कर दिए गए। लखनऊ में भाजपा की आरती रावत अध्यक्ष निर्वाचित हुई। बाराबंकी, अयोध्या, रायबरेली व अमेठी सहित कुल 67 जिलों में भाजपा को जीत मिली है।

सपा को एटा, इटावा, आजमगढ़, संतकबीर नगर और बलिया में जीत मिली है। बागपत में सपा के सहयोगी रालोद की उम्मीदवार ममता जयकिशोर निर्वाचित हुई हैं। जौनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी डॉ. श्रीकला रेड्डी और प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल की माधुरी पटेल अध्यक्ष निर्वाचित हुई है। इस चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। कांग्रेस ने जालौन और रायबरेली में उम्मीदवार खड़े किए थे। दोनों जगह उसके उम्मीदवार हार गए।
 
कांग्रेस और सपा के गढ़ हिले
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रहे अमेठी में भी भाजपा ने परचम फहराया है। वहीं सपा के प्रभाव वाले कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, बदायूं, फर्रुखाबाद, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद और संभल जैसे जिलों में भाजपा ने परचम फहराया है।

पश्चिम से पूरब तक  दबदबा
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पश्चिम से लेकर पूरब तक भाजपा ने दबदबा कायम रखा। भाजपा के संगठनात्मक क्षेत्रों की दृष्टि से पश्चिम क्षेत्र में 14 जिलों में से 13 में भाजपा और एक बागपत में रालोद ने चुनाव जीता है। ब्रज क्षेत्र के 12 जिलों में से 11 में भाजपा और एक एटा में सपा विजयी हुई है। कानपुर,बुंदेलखंड क्षेत्र की 14 में से 13 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इटावा में सपा उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। अवध क्षेत्र की सभी 13 जिलों में भाजपा का कब्जा रहा। काशी क्षेत्र में 12 में से दस जिलों में भाजपा ने चुनाव जीता है जबकि जौनपुर में निर्दलीय और प्रतापगढ़ में जनसत्ता पार्टी ने चुनाव जीता है। गोरखपुर क्षेत्र में भाजपा ने 10 में से सात जिलों में जीत दर्ज की है। तीन जिलों में सपा को जीत मिली है।

सपा का रिकार्ड तोड़ा
इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने सपा के  2016 में 63 जिलों में जीत का रिकार्ड तोड़ दिया है। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद राजनीतिक पंडित मान रहे थे कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा सपा का रिकार्ड नहीं तोड़ पाएगी। लेकिन सरकार और संगठन की साझा रणनीति से भाजपा ने न केवल पिछला रिकार्ड तोड़ा बल्कि नया रिकार्ड भी बना दिया है।
पंचायत चुनाव आंकड़ों की नजर से
जिला पंचायत अध्यक्ष कुल सीट . 75
भाजपा . 67
सपा. 5
रालोद . 1
जनसत्ता दल . 1
निर्दलीय . 1
कांग्रेस . शून्य
बसपा . शून्य
….
निर्विरोध नतीजे
भाजपा . 22
सपा . 1
 …….
शनिवार को चुनाव के बाद नतीजे
चुनाव .  53 जिले
भाजपा . 46 जिले
सपा . 4 जिले
जनत्ता दल . 1 जिले
रालोद . 1 जिले
निर्दल . 1 जिले

News Reporter
पंकज चतुर्वेदी 'नमामि भारत' वेब न्यूज़ सर्विस में समाचार संपादक हैं। मूल रूप से गोंडा जिले के निवासी पंकज ने अपना करियर अमर उजाला से शुरू किया। माखनलाल लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में परास्नातक पंकज ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारिता की और पंजाब केसरी के साथ काम करते हुए राष्ट्रीय राजनीति को कवर किया है। लेकिन मिट्टी की खुशबू लखनऊ खींच लाई और लोकमत अखबार से जुड़कर सूबे की सियासत कवर करने लगे। 2017 में पंकज ने प्रिंट मीडिया से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरफ रुख किया। उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित चैनल न्यूज वन इंडिया से जुड़कर पंकज ने प्रदेश की राजनीतिक हलचलों को करीब से देखा समझा। 2018 से मार्च 2021 तक जनतंत्र टीवी से जुड़े रहें। पंकज की राजनीतिक ख़बरों में विशेष रुचि है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही पॉलिटिकल रिपोर्टिंग की तरफ झुकाव रहा है। वह उत्तर प्रदेश की राजनीति की बारीक समझ रखते हैं।
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