; किसानो की हत्या के बाद यूपी सरकार की घोषणा, सरकारी नौकरी के साथ 45 लाख रुपये मुआवज़ा मिलेगा - Namami Bharat
किसानो की हत्या के बाद यूपी सरकार की घोषणा, सरकारी नौकरी के साथ 45 लाख रुपये मुआवज़ा मिलेगा

आकाश रंजन : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेताओं को सोमवार तड़के सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि उन्हें लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा के पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं मिली। इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस द्वारा लखीमपुर खीरी जाने से रोकने के बाद उन्होंने अपने विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास के बाहर सैकड़ों समर्थकों के साथ धरना दिया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में हिरासत में लेने के बाद भूख हड़ताल पर बैठ गईं है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाये, हमें वहां लखीमपुर खीरी जाने और पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति क्यों नहीं है? कल पुलिस ने प्रियंका गांधी के साथ बदसलूकी की और बिना वारंट के उन्हें सीतापुर में रोक दिया। क्या किसी से हमदर्दी करना अब गुनाह है? बीजेपी उनके खिलाफ किसी भी आवाज को बर्दाश्त नहीं कर सकती। अधिकांश विपक्षी नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या नजरबंद कर दिया गया है। हमारी मांग है कि केंद्रीय मंत्री को हटाया जाए। यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि हत्या है।

वही कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि कल देश भर के हर जिले में डीएम कार्यालय का घेराव होगा। यह एक देशव्यापी आंदोलन बनेगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पीएम और यूपी के सीएम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। आगे उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा को लखीमपुर खीरी जाते समय सीतापुर में रोका गया। हुड्डा के साथ मारपीट की। उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। राजनीतिक नेताओं को स्वतंत्र आवाजाही से रोकने की यह प्रथा बहुत खतरनाक है। प्रियंका को रिहा कर देना चाहिए।

एडीजी उत्तर प्रदेश (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार के अनुसार, विपक्ष के किसी नेता को लखीमपुर खीरी में प्रवेश की इजाजत नहीं है। लेकिन किसान नेताओं को जाने की इजाजत है। बीते दिन लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे मामले की जांच करेंगे।

लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में नवजोत सिंह सिद्धू को भी पंजाब के गवर्नर हाउस के बाहर हिरासत में लिया गया है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद लखीमपुर खीरी के तिनकुनिया गांव पहुंचे है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मुझे सूली पर चढ़ा दिया होता तो भी मैं यहां पहुंच जाता। हम किसानों के साथ हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार सामने आया है कि जिस शख्स की कल मौत हुई वह बहराइच के नानपारा का रहने वाला था। एक प्रदर्शनकारी समाजवादी पार्टी की रुद्रपुर इकाई के जिलाध्यक्ष हैं। ऐसे कई लोग शामिल थे। एफआईआर दर्ज की जाए और जांच कराई जाए।

पंजाब में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राघव चड्ढा, कुलतार संधवा और बलजिंदर कौर के साथ आज लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होंगे।

यूपी पुलिस अधिकारी ने कहा कि कल दोपहर तक लखीमपुर खीरी में हालात सामान्य हो जाएंगे। पीड़ित परिवारों के साथ कई दौर की बातचीत हुई है। हम अभी भी परिवारों के संपर्क में हैं और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी सभी मांगों को नोट कर लिया गया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है दोपहर दो बजे तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।

क्या हुआ था रविवार दोपहर को जिससे पुरे देश में बवाल मचा हुआ है  

यूपी के डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी सिलसिले में रोड के साइड में हजारों किसान काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। साशन प्रसाशन को इस प्रदर्शन के बारे में मालूम था। योगी प्रशासन चाहता तो यही से केशव प्रसाद मौर्य को लखनऊ वापस जाने को कह सकता था। लेकिन इतने भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद मौर्य के काफ़िले को सांसद ओर केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव की ओर रवाना कर दिया गया। पहले हेलीकॉप्टर से जाने का प्लान था लेकिन टेनी के पैतृक गाँव के करीब किसानों ने उप मुख्यमंत्री के लिए बनाये गये हेलीपैड पर कब्जा कर लिया। और उस पर अपनी ट्रैक्टर ट्राली खड़ी कर दी थी।

सांसद के पैतृक गांव बनवीरपुर से पहले तिकुनिया के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान पर सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे। उधर से डिप्टी सीएम आ रहे थे ओर इधर गाँव से डिप्टी सीएम को रिसीव करने के लिए सांसद के बेटे आशीष मिश्रा ने कुछ गाड़िया रवाना की। गांव के इस रोड पर पहले से भारी संख्या में किसान मौजूद थे। किसानों का कहना है कि रिसीव करने आई गाड़ियों ने साइड में चल रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाना शुरू कर दिया। जिससे कुछ किसानो की मौके पर ही मौत हो गयी। इसके बाद नाराज किसानो ने भाजपा नेताओं को गाड़ियों से निकाल-निकालकर पीटा और उनकी दो गाड़ियों में तोड़फोड़ कर डाली। किसानों का गुस्सा इस पर शांत नहीं हुआ तो उन्होंने कुछ गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया।

तो यही से शुरू हुआ सारा बवाल जिसके बाद से आज पूरे देश में बवाल मचा हुआ है।

News Reporter
Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
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