; सीतापुर में जिद्दी इंसान और अन्धविश्वाश के बीच चढ़ गयी 5 मासूम बच्चों की बलि
सीतापुर में जिद्दी इंसान और अन्धविश्वाश के बीच चढ़ गयी 5 मासूम बच्चों की बलि

सीतापुर/उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के थाना सदना क्षेत्र के बेहड कला ग्राम पंचायत में एक ऐसा सनसनीखेज़ मामला सामने आया है जिसको सुनते ही होश फाख्ता हो जायेंगे. यहां एक शख्स ने अन्धविश्वास के खिलाफ एक जंग छेड़ दी है। जिसमें वो अंधविश्वास से हारना नहीं चाहता है, इसी जिद की वजह से बलि लेने वाली देवी ने उससे उसके 5 मासूम बच्चों को भी छीन लिया है. वो मासूम कब कैसे अचानक मौत की नींद सो जाते है पता तक नहीं चलता. जिससे इलाके में सनसनी बनी हुई है। सभी दहशत में रहते है, लेकिन वह ऐसा शख्स है की टूटने और झुकने को तैयार नहीं, वो अभी भी बलि लेनी वाली नाराज देवी की पूजा नहीं करना चाहता।
आप को बताते चले कि सीतापुर मुख्यालय से 34 किलोमीटर दूर थाना संदना क्षेत्र में बेहडा कला नाम का एक गाँव है, जहां संतोष का परिवार रहता है. संतोष की पत्नी राम बेटी संतोष के साथ रहती है. राम बेटी न तो बोल पाती है और न ही सुन पाती है। इसी घर में संतोष के पिता राधे श्याम भी रहते है. सभी पासी बिरादरी के लोग है. इनके यहां मरी नाम की देवी की पूजा की जाती है और पूजा के बाद बलि देने की परंपरा है, फिर वो किसी इंसान की हो या जानवर की।
राधे श्याम के पिता मरी नाम की देवी की पूजा पिछले कई सालों से करते चले आ रहे थे. और हर बार किसी न किसी जानवर की बलि भी देते आये. लेकिन उनके गुज़र जाने के बाद. पिछले 25 सालों से संतोष के पिता राधे श्याम ने मरी नाम की देवी की पूजा बंद कर दी. जिससे देवी नाराज़ है और वो बच्चो की बलि ले रही है। पीड़ित लड़की राम बेटी के पिता का कहना है की अगर ये लोग पूजा फिर से शुरू कर दे तो मेरी बेटी के मासूम बच्चों की मौत न हो. लेकिन सतोष के पिता राधे श्याम तैयार नहीं है।
इलाके के लोगों का कहना है की हम पासी बिरादरी के लोग सभी इस पूजा को करते है और बलि के नाम पर कुछ न कुछ देते रहते है। मरी देवी को हम निराश नहीं करते, लेकिन अगर इन्होंने मरी देवी की पूजा नहीं की तो इसके घर इसी तरह की घटना होती रहेगी कोई रोक नहीं पायेगा क्योंकी देवी इनसे नाराज़ है और यही वजह है की इनके सपनो में नहीं आई।
अभी दो दिन पहले 07 जुलाई 2018 को ही 2 साल के मासूम की मौत हो गयी थी। जब घर में कोई नहीं था सभी काम से खेतों में गए हुए थे और वो खाट पर घर में ही खेल रही थी. माँ अपने कामो में व्यस्त थी। इसी बीच जब घर में संतोष और उनके पिता लौट कर आये तो बच्ची की मौत हो चुकी थी. सभी ने पीडित माँ राम बेटी पर ही हत्या का आरोप लगा दिया. लेकिन जब पुलिस ने बच्ची का पोस्मार्टम कराया तो उसमे कुछ नहीं आया. स्वाभाविक मौत की रिपोर्ट आई. अब बच्चों की मौत कैसे हुई इसको लेकर पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
रिपोर्ट :- नैमिष शुक्ला

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