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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का मंत्र: हमें किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करना

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हमें समन्वय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।

बीते शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया। भगवत ने कहा कि हमे किसी को भी धर्मांतरित करने की कोई जरूरत नहीं है। इसके साथ भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए समन्वय के साथ मिलकर आगे बढ़ने का आह्वान भी किया। 

आरएसएस प्रमुख ने कहा, “हमें किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करना है बल्कि जीवन जीना सिखाना है। हम पूरी दुनिया को जीवन जीने का तरीका सीखाने के लिए भारत भूमि में पैदा हुए हैं। हमारी संस्कृति किसी की पूजा प्रणाली को बदले बिना ही उन्हें एक अच्छा इंसान बनाना हैं।” 

उन्होंने आगे कहा, “जो कोई भी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, वह देश के हिसाब से तय होगा। हमें भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए समन्वय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। भागवत ने कहा कि वे मानते हैं कि पूरी दुनिया एक परिवार है।”

मालूम हो कि मोहन भागवत आरएसएस संगठन के सदस्यों द्वारा कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ में हैं।

आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले का स्वागत किया। और कहा कि यह बिलुक सही फैसला लिया गया हैं। हालांकि, बीकेएस ने किसान नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन जारी रखने का उनका “अहंकारी रवैया” दर्शाता हैं। यह छोटे किसानों के लिए फायदेमंद नहीं है।

भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, संसद में तीन विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी के बाद ही चल रहे कृषि विरोधी कानूनों का विरोध वापस लिया जाएगा।

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