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भाजपा शासित नगर निगम में हुआ 100 करोड़ रुपये का विज्ञापन घोटाला

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम में हुआ 100 करोड़ रुपये का विज्ञापन घोटाला हुआ है। नियमों को दरकिनार कर निजी कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर भाजपा ने निजी कंपनी को गैंट्री और फ्लाईओवर पैनल विज्ञापन के जरिए 100 करोड़ से अधिक कमाने की छूट दी। यह 100 करोड़ रुपये एमसीडी की जेब में आने चाहिए थे, लेकिन यह पैसे निजी कंपनी को दिए गए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गैंट्री और फ्लाईओवर पैनल विज्ञापन पर प्रतिबंध इसलिए लगाया था क्योंकि इनसे ड्राइवर का ध्यान ध्यान भटक सकता है। इस तरह से कई सारे हादसे हुए हैं। अवैध विज्ञापनों की वजह से डीएनडी पर दुर्घटनाएं बढ़ीं हैं। दिल्ली नगर निगम, भाजपा के नेताओं की मिलीभगत और भ्रष्टाचार के कारण कई लोगों की मौत हुई है।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली नगर निगम कहती है कि इनके पास पैसा नहीं है और राजस्व नहीं आ रहा है। वहीं मुकदमा होने पर दिल्ली सरकार बार-बार हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर करती है कि पिछली सरकारों के मुकाबले दिल्ली सरकार ने एमसीडी को करीब दो गुना पैसा दे रही है। इसके बावजूद एमसीडी इतनी कंगाल क्यों है। डॉक्टरों, अध्यापकों, सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं देते हैं। कर्मचारियों को तनख्वाह लेने के लिए बार-बार हड़ताल करनी पड़ रही है। पूरी दिल्ली के अंदर कूड़ा फैलाया जाता है। इसकी जांच करने की कई बार कोशिश की, लेकिन एमसीडी किसी भी मामले में किसी दूसरी संस्था को जांच नहीं करने देती है। दिल्ली के अंदर लगभग 90 फीसदी विज्ञापन साइट ऐसी हैं, जहां पर एमसीडी को कोई पैसा नहीं आ रहा है। इसका कारण यह है कि वहां पर भाजपा ने अपने विज्ञापन मुफ्त में लगा रखे हैं। ऐसे में किसी कंपनी के विज्ञापन से जो पैसा आना था वह आना बंद हो गया। एमसीडी को संपत्तिकर से जो पैसा आ सकता था। कागजों में दिखाया जा रहा है कि जमीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, मगर भ्रष्टाचार के चलते वहां पर पार्किंग सहित अन्य काम हो रहे हैं। इस तरह वहां से पैसा नहीं लिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि एमसीडी में अब सौ करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। यह पैसा एमसीडी के पास आना चाहिए था लेकिन नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट का एमसी मेहता वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया का 3 अगस्त 2017 का आदेश है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि फ्लाईओवर पैनल के ऊपर पर विज्ञापन नहीं लगाए जा सकते हैं। जिसके बाद एमसीडी ने नीति बनाई और इस पॉलिसी के अंदर स्पष्ट कर दिया गया कि फ्लाईओवर के पैनल पर विज्ञापन की अनुमति नहीं है। उसी हिसाब से प्राइवेट कंपनी के साथ विज्ञापन को लेकर करार किया है। इसके उलट दिल्ली-नोएडा डीएनडी पर नियमों का उल्लंघन कर विज्ञापन लगाए जा रहे हैं। दिल्ली-नोएडा डीएनडी के फ्लाईओवर पर पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का बाकायदा विज्ञापन लगा हुआ है। बैंक सरकारी होने से स्पष्ट है कि पैसा देकर यहां पर पैनल लगवा रहे हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद गैलेंट्री लगी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गैलेंट्री पर प्रतिबंध लगाया क्योंकि विज्ञापन ऊपर लगा होता है। ड्राइवर का ध्यान ऊपर जाने से ध्यान भटक सकता है। इस तरह से टोल पर कई सारे हादसे हुए हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगायी है। लेकिन नोएडा-दिल्ली डीएनडी पर काउंटी, एटीएस, कैसियो की गैलेंट्री लगी हुई है। डीएनडी पर अगस्त-सितंबर एसबीआई, काउंटी, जीएल बजाज, दिल्ली सरकार, एनसीआर फर्स्ट वैलनेस होम एटीएस की गैलेंट्री लगी हैं। दिल्ली सरकार और सरकारी कंपनियों तक से पूरी तरह से अवैध पैसा लिया जा रहा है। 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस कंपनी से इनके रेट लिए हैं। दिल्ली-नोएडा डीएनडी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है। यहां पर 4 बड़ी गैलेंट्री हैं, एक का रेट 25 लाख रुपए महीना है। ऐसे में 1 करोड रुपये  महीना हो गया। इसके अलाव 6 गैलंट्री छोटी है, उनका रेट 10-10 लाख रुपये महीना है। इसके हिसाब से 60 लाख रुपये महीना हो गया। फ्लाईओवर पैनल दो हैं, जिनका रेट 13.50-13.50 लाख रुपये है। इस तरह से 27 लाख रुपए महीना हो गया। इन तीनों को जोड़ा जाए तो हर माह 1.86 करोड़ रुपए की चोरी दक्षिणी दिल्ली के द्वारा की जा रही है। जब से यह पॉलिसी आई है तब से अब तक 55 महीने का 102 करोड रुपए बनता है। यानी कि 102 करोड रुपए की चोरी हो गई है। 

उन्होंने कहा कि एमसीडी के बड़े बड़े अधिकारी, एमसीडी के मेयर, स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष, एमसीडी के लीडर ऑफ द हाउस और भाजपा के नेता यहां से गुजरते हैं। उनके सामने खुल्लम-खुल्ला चोरी चल रही है। एमसीडी की जेब में 102 करोड रुपए आने थे वो एक प्राइवेट कंपनी के पास जा रहे हैं। इनकी कंपनी से क्या रिश्तेदारी है और कहां से पैसा वापस भाजपा के पास आता है। निश्चित ही पैसा वापस भाजपा के पास आता होगा वरना क्यों किसी प्राइवेट कंपनी को 100 करोड रुपए कमाने दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा-सीधा उल्लंघन करके पैसे लिए जा रहे हैं। इस तरह के अवैध कार्यों की वजह से बहुत ज्यादा एक्सीडेंट डीएनडी पर बढ़े हैं। डीएनडी पर कई लोगों की मौत दिल्ली नगर निगम, भाजपा के नेताओं की मिलीभगत और उनके भ्रष्टाचार के कारण हुई है। एमसीडी के उच्च अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के अंदर कोर्ट की अवमानना याचिका दायर होनी चाहिए। एमसीडी के मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दायर होनी चाहिए। एमसीडी में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार का भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने तीन माह पहले खुलासा किया था कि पूरी दिल्ली के अंदर भाजपा के विज्ञापन लगे हुए हैं, जिससे करीब 2600 करोड रुपए सालाना दिल्ली नगर निगम को आ सकता है। लेकिन उसके बाद में इसका कोई जवाब नहीं आया है। भाजपा से विज्ञापनों को एमसीडी को पैसा देने का सबूत मांगा था। क्योंकि दिल्ली भाजपा के सभी जगह पर होर्डिग  लगे हुए हैं। लेकिन एक बिल भी अभी तक नहीं दिखा पाए। क्योंकि आम जनता का पैसा भाजपा वालों की जेब में जा रहा है। एमसीडी के अंदर सीधा सीधा लूट हो रही है।

एमसीडी के अंदर जब पैसा नहीं आएगा तो दिल्ली सरकार के आगे कटोरा लेकर खड़े हो जाएंगे। तब फिर कहेंगे कि दिल्ली सरकार हमें पैसा नहीं दे रही है। ऐसे में कर्मचारियों की तनख्वाह बंद कर देंगे और दिल्ली में कूड़ा फैला देंगे। एमसीडी का पैसा प्राइवेट कंपनियों को कमवाओ और कटोरा लेकर दिल्ली सरकार के सामने खड़े हो जाओ। कुछ दिनों बाद बहुत बड़ा भ्रष्टाचार एमसीडी का इसी तरह से सामने लेकर आएंगे कि निजी कंपनी के साथ मिलकर कैसे 1000 करोड़ से अधिक आय के स्त्रोत में लूट की है।

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