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पैंडोरा पेपर्स खुलासा, जानें कितने भारतीयों के विदेश में कितनी बेनामी संपत्ति ?

आकाश रंजन : पैंडोरा पेपर्स में 300 से ज़्यदा भारतीय राजनेता, मशहूर हस्तियां, उद्योगपतियों को नामजद किया है। पेंडोरा पेपर्स की जांच में दुनिया भर की 14 विभिन्न वित्तीय सेवा कंपनियों के करीब 1.2 करोड़ दस्तावेजों की जांच के बाद खुलासा किया है।

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स द्वारा जांच के बाद रविवार को एक लम्बी सूची प्रकाशित की है। जिसमे राजनेताओ के साथ उद्योगपतियों, मशहूर हस्तियों और खिलाड़ियों की एक लंबी फेहरिश्त है। दावा किया गया है कि इनसभी नामजद लोगो ने गुप्त तरीके से टैक्स गबन कर करोड़ो की संपत्ति बनाई है। पेंडोरा पेपर्स की जांच दुनिया भर की 14 विभिन्न वित्तीय सेवा कंपनियों के कुछ 1.2 करोड़ दस्तावेजों की जांच के बाद प्रकाशित की गयी है।

पेंडोरा पेपर्स में 300 से अधिक भारतीयों के नाम शामिल हैं। साथ ही जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री लेडी बाबिस, केन्याई राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा, इक्वाडोर के राष्ट्रपति गिलर्मो लासो  के साथ लगभग 700 पाकिस्तानी लोगो के नाम शामिल हैं। 117 देशों के 150 मीडिया आउटलेट्स के लगभग 600 पत्रकारों द्वारा की गई जांच के अनुसार, प्रधान मंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस सूची में नामजद किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जो जांच का हिस्सा है, अनिल अंबानी जिन्होंने यूके की एक अदालत में खुद को दिवालिया घोषित किया था, के पास 18 संपत्ति रखने वाली कंपनियां हैं। इसमें कहा गया है कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन ने एक ट्रस्ट की स्थापना की थी। रिपोर्ट के अनुसार, बायोकॉन की प्रमोटर किरण मजूमदार शॉ के पति ने एक व्यक्ति के साथ एक ट्रस्ट की स्थापना की, जिसे सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए पहले से प्रतिबंधित किया हुआ है।

जांच से पता चला है कि कई मालिकों ने पनामा पेपर्स के बाद के नए सिरे से टैक्स गबन की नीति बनाई और अंजाम दिया है। इससे पहले पनामा पेपर्स उजागर होने के बाद कई देशों ने नियमों को कड़ा कर दिया था। पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद कई लोगों ने अपने खातों में बदलाव का किया था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर, उनकी पत्नी और उनके पिता की भी कई कंपनी सामने आयी है जो पनामा के खुलासे के बाद बंद हो गयी थी। दावा किया गया है कि गुप्त तरीके से टैक्स गबन करने का काम करती है ये कंपनियां। सचिन तेंदुलकर ने पनामा पेपर्स के तीन महीने बाद ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में अपनी टैक्स गबन करने की कमपनी बनाई है। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स या पनामा जैसे बड़े टैक्स हेवन के अलावा समोआ, बेलीज या कुक आइलैंड्स कुछ पसंदीदा टैक्स हैवन हैं।

पेंडोरा पेपर्स ने खुलासा किया कि जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने गुप्त रूप से यूएस और यूके में $ 100 मिलियन की संपत्ति बनाई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन भारतीयों पर बैंकों का हजारों करोड़ का कर्ज है उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इन टैक्स गबन करने वाली कंपनियों को बनाने और उनमें निवेश करने में किया है।

भारत में सार्वजनिक पद पर आसीन रहे पूर्व सांसदों के नाम भी शामिल हैं। पेंडोरा पेपर्स में पाकिस्तान के कुछ मंत्रियों और प्रधान मंत्री इमरान खान के आंतरिक सर्कल के प्रमुख सदस्यों जैसे वित्त मंत्री शौकत तारिन, जल संसाधन मंत्री मूनिस इलाही, सीनेटर फैसल वावदा, उद्योग और उत्पादन मंत्री खुसरो बख्तियार के परिवार सहित 700 से अधिक पाकिस्तानियों का नामजद किया है।

पेंडोरा पेपर्स की जांच पनामा पेपर्स से बड़ी है जिसने 2016 में दुनिया को हिलाकर रख दिया था। जबकि पनामा पेपर्स मोसैक फोंसेका की फाइलों से आया था। पेंडोरा पेपर्स में वकीलों और बिचौलियों का एक समूह शामिल है। लगभग 3 टेराबाइट डेटा के माध्यम से दुनिया के 38 विभिन्न न्यायालयों में व्यापार करने वाले 14 विभिन्न सेवा प्रदाताओं से लीक हुए हैं। रिकॉर्ड 1970 के दशक के हैं लेकिन अधिकांश फाइलें 1996 से 2020 तक की हैं।

मालूम हो कि इससे पहले स्विस लीक्स में 11 सौ से ज़्यदा, पनामा पेपर्स में 5 सौ से ज़्यदा, पैराडाइज़ पेपर्स में 7 सौ से ज़्यदा और अब पैंडोरा पेपर्स में 3 सौ से ज़्यदा भारतीयों का नाम आ चूका है।

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Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
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