; उद्यान विभाग की मशरूम के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास
उद्यान विभाग की मशरूम के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास

क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र लखनऊ द्वारा आज 03 दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण का तेरवॉ बैच प्रारम्भ किया गया ।इस अवसर पर निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डा आर० के० तोमर ने कहा कि मशरूम हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, मशरूम में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्वों की मानव शरीर की जरूरत पूरी होती है। इस प्रशिक्षण से रोजगार नवयुवक एवं नवयुवकों को एक नयी दिशा प्रदान होगी। मशरूम का व्यवसाय बहुत ही लाभकारी इसको छोटे स्तर पर प्रारम्भ कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।


प्रशिक्षण के अन्तर्गत प्रथम दिन डॉ0 आर0के0 तोमर निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ एवं डॉ0 एस0के0 चौहान, निदेशक, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से प्रशिक्षण का उद्घाटन किया गया। डॉ0 तोमर द्वारा प्रशिक्षण में आये हुए, मशरूम की दैनिक जीवन में उपयोगिता के बारे में अवगत कराया ।इस प्रशिक्षण को महिलाओं के काफी उपयोगी बताया कि इस मशरूम उत्पादन एवं प्रोसेसिंग से काफी आय बढेगी, एवं जनमानस को मशरूम उत्पादन एवं उनकी उपयोगिता के बारे में समाज को जागरूक करें, जिससे अधिकतम लोग कुपोषण से बाहर निकले। भारत सरकार द्वारा द्वारा भी यह अपेक्षा की गयी है कि मशरूम एवं शहद को जनमानस के उपभोगार्थ उनके मूल्य संवर्धित उत्पादों को तैयार कराकर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।


प्रदेश के किसान/नवयुवक/प्रशिक्षार्थी/भावी उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ओस्टर मशरूम, बटन मशरूम का उत्पादन किस प्रकार से किया जाता है का प्रैक्टीकल डेमोस्ट्रेशन स्वयं लाभार्थियों के माध्यम से कराया गया। मशरूम के विभिन्न मूल्य सवंर्धित उत्पादों यथा सुखा हुआ मशरूम, मशरूम पाउडर, मशरूम सूप, मशरूम आचार, श्रीखण्ड, योगर्ट, कुकीज, मफिन्स, बेबी फूड, कैनिंग, मशरूम की विभिन्न सब्जियॉ, पुलाव, मशरूम सैंडविच, मशरूम बर्गर आदि के बनाने की तकनीकी जानकारी प्रैक्टीकल डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से लाभार्थियों को उपलब्ध करायी गयी है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जनमानस को मशरूम आधारित उत्पादों का उपयोग दैनिक दिनचर्या में किस प्रकार अधिक से अधिक से प्रसारित किया जा सकता है एवं इसके उपयोग से अपने शरीर को निरोग एवं स्वस्थ्य बनाया जा सकता है।

मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित उत्पादों को तैयार कर उनकी बिक्री विभिन्न स्थानों जैसे की स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, मॉल, रिटेल बाजार, जिम आदि में आनलाइन/आफलाइन कराकर एक उद्यम स्थापित किया जा सकता है। इन सभी चीजों की तकनीकी जानकारी एवं मार्गदर्शन उद्यान विभाग में द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।


डॉ0 एस0के0 चौहान, निदेशक, क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ ने अवगत कराया कि संस्थान के उद्देश्यों की पूर्ति की कढ़ी में किसानों/बेरोजगार नवयुवकों को कम पूंजी में मशरूम उत्पादन एवं उससे निर्मित विभिन्न उत्पादों को तैयार करते हुए अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के साथ-साथ समाज के हर स्तर के जनमानस में उपलब्ध कुपोषण को भगानें में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।


प्रशिक्षण के प्रथम दिन डॉ0 एस0के0 चौहान, निदेशक, क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ, बटन एवं ओस्टर मशरूम के उत्पादन की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी, मशरूम उत्पादन एवं मार्केटिंग के क्षेत्र में कार्य करने वाली अपनी सफलता के बारे में प्रशिक्षार्थियों को अवगत कराया एवं प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में किस प्रकार कम्पोस्ट तैयार की जाती है, के प्रयोगात्मक कार्य को सम्पन्न कराया।

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