; 'मैं फकीर नहीं हूं जो झोला उठाकर चल दूंगा', दशहरा रैली में जमकर बरसे उद्धव ठाकरे - Namami Bharat
‘मैं फकीर नहीं हूं जो झोला उठाकर चल दूंगा’, दशहरा रैली में  जमकर बरसे उद्धव ठाकरे

महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को वार्षिक दशहरा उत्सव को संबोधित करते बीजेपी, संघ पर जमकर हमला बोला। लेकिन सीएम उद्धव के संबोधन में हैरान करने वाली बात ये रही कि उन्होंने पीएम मोदी पर सीधा हमला किया। उद्धव ने तंज भरे अंदाज में उद्धव ने कहा कि मैं फकीर नहीं हूं जो झोला उठाकर चल दूंगा। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व को बाहर वालों से नहीं बल्कि उन नव हिंदुत्ववादियों से खतरा है, जिन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल किया।

बता दें उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व’ को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुत्व का मतलब राष्ट्र प्रेम है। बालासाहेब ने कहा था कि पहले हम देशवासी हैं, उसके बाद धर्म आता है। धर्म घर पर रख हम जब बाहर निकलते हैं, तब देश हमारा धर्म होता है। हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन विचारधारा हिंदुत्व की एक जैसी है। हम इसीलिए भाजपा के साथ गए थे, लेकिन उन्होंने वादा पूरा नहीं किया। नहीं तो हम साथ ही रहते। मैं इसलिए सीएम बना, क्योंकि मैंने बालासाहेब से वादा किया था कि एक दिन शिवसैनिक भी सीएम बनेगा।’

साथ ही उद्धव ने कहा कि पहले मुझे नींद नहीं आती थी। दरवाजे पर टकटक होती थी तो रोंगटे खड़े हो जाते थे। फिर मैं बीजेपी में चला गया। अब मैं कुंभकरण के जैसा सोता हूं। दशहरा रैली में एक टीवी ऐड की नकल करते हुए शिवसेना चीफ ने कहा कि पूर्व कांग्रेस नेता ने बीजेपी में आने के बाद कुछ ऐसा कहा था। उन्होंने कहा कि बाला साहब ने हमें सिखाया है कि किसी से नहीं डरना चाहिए। हमें ईडी, सीबीआई का डर नहीं है। हम उन लोगों में से नहीं हैं जो पुलिस के पीछे छिप जाते हैं।

उन्होंने कहा कि  भाजपा न तो सावरकर को समझ पाई  है और न तो महात्मा  गांधी को। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा पर गर्व है, लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते वह सभी नागरिकों के लिए समान भाव रखते हैं। ठाकरे ने आगे कहा कि शिवसेना को ऐसे मंसूबों से बचना चाहिए और मराठी लोगों और हिंदुओं की एकता के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और शिवसेना को निशाना बनाया जा रहा था, क्योंकि उनकी पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है।

उन्होंने NCB पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया में केवल महाराष्ट्र में ही गांजे का धंधा चल रहा है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ महाराष्ट्र में ड्रग्स मिली है। मुंद्रा बंदरगाह पर करोड़ों का ड्रग्स मिला। लेकिन क्या उसे लेकर कोई ढोल पीटा जा रहा है। उनका सवाल था कि किसी एक सेलिब्रिटी को पकड़ते हो, फोटो खींचते हो और ढोल बजाते हो। खबरें सिर्फ यही आती है कि बेल हुई की नहीं।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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