पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश,कोतवाल पर गाज गिरना तय
नीरज कुमार। पीलीभीत जिले के पूरनपुर नगर में चार दिन पूर्व पुलिस दबिश की दहशत में महिला की मौत के मामले में एसपी बालेन्दु भूषण सिंह ने आज और बड़ी कार्रवाई कर डाली। पूरनपुर कोतवाली के आरोपी एसएसआई व पांचों पुलिस कर्मियों को उन्होंने निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ एफआईआर के आदेश भी दे दिए हैं। अब कोतवाल पर भी गाज गिरना संभव माना जा रहा है।
नगर के मोहल्ला साहूकारा लाइनपार निवासी हाजी सिद्दीक ने चार दिन पूर्व पुलिस अधीक्षक को संबोधित तहरीर एएसपी रोहित मिश्र को सौंपकर कहा था कि उसके पुत्र इरशाद ने गांव
गहलुइया निवासी नूर नबी से भैंस का 31800 में सौदा किया था। भैंस जब लेने गए तो नूर नबी ने 500 रूपए अधिक मांगे इसको लेकर दोनों का विवाद हो गया। नूर नबी ने अपने साथियों की मदद से उसकी पिटाई की। जब वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने जा रहा था तो प्रधान पति हसीन ने उसे फोन कर रोक लिया, और कहा कि वह अभी बाहर है आकर समझौता करा देगा। दो दिन बाद 21 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे फैसला करने की बात पर दोनों पक्ष एकत्र हुए। जिसमें फैसला तो नहीं हो पाया बल्कि आरोपियों ने इरशाद को बुरी तरह पीटा। जिसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुंच गए। पुलिस ने इरशाद व गहलुइया पक्ष के दो लोगों को बंद कर दिया। हाजी सददीक का आरोप है कि पुलिस ने दस हजार रूपए तय कर सुबह शांति भंग की आशंका में चालान करने की बात कही।
यह भी आरोप है कि पुलिस को एक दलाल ने सूचना दी कि यह बहुत मोटी पार्टी है और दो लाख रूपए मिल जाएंगे। सद्दीक ने बताया कि उसी व्यक्ति ने पुलिस के आने की सूचना उनको भी दी। जिस पर वे सब लोग घरों से हट गए सिर्फ महिलाएं घरों में रह गई। कोतवाली के एसएसआई नगर चौकी व पवन मोबाइल के सिपाहियों के साथ पहुंच गए और जबरन घर का दरवाजा खुलवाने के बाद उन्होंने महिलाओं से अभद्रता शुरू कर दी। आरोप है जब उनकी पत्नी हज्जन नसीम बेगम 50 ने इसका विरोध किया तो उनसे पुलिस दरोगा ने उन्हें धक्का दे दिया जिससे उसकी गिरकर वहीं पर मौत हो गई। इसके बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए और पुलिस वहां से रफूचक्कर हो गई।
सददीक ने बताया कि पुलिस ने थाने जाकर वहां बंद उसके पुत्र को यह कहते हुए छोड दिया कि जाओ तुम्हारी मां छत से गिर गई है। इस घटना के बाद पुलिस अपने बचाव में उतर आई और उसने एक नई कहानी को जन्म दिया कि लूट की तहरीर मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो नसीम बेगम बीमार थी और कुछ महिलाएं पहले से मालिश कर रही थीं।
घटना के बाद आक्रोश पनप गया। मामले की शिकायत आला अधिकारियों से की गई, तो एसपी के निर्देश पर एएसपी रोहित मिश्र, एसडीएम जेपी चौहान, सीओ कमल सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने भीड के आक्रोश को देखते हुए 36 घंटे के अंदर कार्रवाई का आश्वासन दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कल एसपी बालेन्दु भूशण सिंह भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने मृतका के पति हाजी सददीक व पुत्र इरशाद से एक घंटे तक वार्ता की। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने कोतवाल की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश जताया था।
बुधवार देर शाम एएसपी रोहित मिश्र की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पांचों आरोपी सिपाहियों को एसपी ने निलंबित कर दिया और सभी के खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दिए। इस मामले में एसपी श्री सिंह का कहना है कि कोतवाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। कोतवाल केशव कुमार तिवारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।