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Economic Survey 2022-23: संसद में पेश हुआ आर्थिक सर्वे, जानिए इस वित्तीय वर्ष जीडीपी कितना रहेगा ?

सोमवार की सुबह संसद में आर्थिक सर्वे को पेश किया गया। आर्थिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी 8-8.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।

Economic Survey 2022-23: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह यानी सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया है। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विभिन आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने का भरोसा जताया गया है। आर्थिक सर्वे में सोमवार को निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत में अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 8% से 8.5% की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2% की वृद्धि से काफ़ी कम है।

मंगलवार को सालाना बजट से पहले संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बाज़ारो ने संकेत दिया कि अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, इसके साथ कृषि और औद्योगिक उत्पादन में काफी वृद्धि देखने को मिलेगी।

क्या होता है ये आर्थिक सर्वे ?
आसान भाषा में समझे तो मौजूदा वक़्त में किसी देश की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष में कैसा चल रहा है, इसकी पूरी सर पैर आगे पीछे की सारी जानकारी को एक रिपोर्ट में पेश किया जाता है और इसी रिपोर्ट को आर्थिक सर्वे कहा जाता है। आने वाले अगले वित्त वर्ष में सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर देश की आर्थिक विकास दर को लेकर क्या रणनीति रहने वाली है, इन सभी चीज़ो का पूरा रोडमैप आर्थिक सर्वे में पेश किया जाता है। देश की अर्थव्यवस्था के हर एक सेक्टर में कैसा प्रदर्शन रहा है और आगे किसी भी सेक्टर को कैसे बेहतर बनाना है ये सारी चीज़े भी आर्थिक सर्वे में ही बताई जाती है।

News Reporter
Akash has studied journalism and completed his master's in media business management from Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. Akash's objective is to volunteer himself for any kind of assignment /project where he can acquire skill and experience while working in a team environment thereby continuously growing and contributing to the main objective of him and the organization. When he's not working he's busy reading watching and understanding non-fictional life in this fictional world.
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