नई दिल्ली। पुरुष अधिकार के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ट्रिपल तलाक कानून खत्म करने की बात का स्वागत किया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि कम से कम किसी भी तरह पुरुष के साथ हो रहे प्रताड़ना को कोई तो समझ रहा है और सही कदम लेने की भी बात कर रहा है। यह कांग्रेस ही थी जिसने इतने सारे पुरुष विरोधी कानून लाए पर आज, पुरुष के सम्मान के लिए पहला कदम भी उठाने के लिए कांग्रेस हीं आगे आयी है। यह ऐसा पहली बार है जब किसी बड़ी राजनैतिक पार्टी ने पुरुष प्रताड़ना के खिलाफ कदम उठाने का वचन दिया है, चाहे यह किसी एक विशेष समुदाय के लिए हीं क्यूँ ना हो, शुरुआत कही से हो तो रही है।
सेव इंडियन फैमिली के कुमार एस रतन (बाल अधिकार कार्यकर्ता एवं समन्यवक) ने कहा कि अभी जब पिछले साल ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में लाया गया था तो, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने, 498a मे पति और उसके परिवार वालों के जेल जाने की बात कही थी, साथ में कहा था कि इन्हे तो दिक्कत नहीं. पर मै रवीशंकर जी कहना चाहता हूँ, कि उन्होने किससे पूछा था या कोई रिपोर्ट ऐसा छपा था जो कि यह बताता हो कि, 498a मे परिवारों को दिक्कत नहीं ? मै रविशंकर जी से कहना चाहता हूं कि, सुने आप साल लगते हैं bail लेने मे, 1 दिन या एक महीना नहीं. यह कैसा equality है, एक महिला के लिए 1 से ज्यादा महिलाओं को प्रताड़ित करना. रविशंकर जी आप जरा NCRB डाटा पर गौर फरमाये, पुरुष से कम नहीं प्रताड़ित है महिलाएं इस दहेज उत्पीड़न के कानून से।
उनहोंने कहा कि मै सारे रजनैतिक दलों को कहना चाहता हूं, कि अभी भी समय है, हमारी माँग को अपने Manifesto मे डाले और हमारा समर्थन भी उन्हीं को होगा. प्रताड़ित पुरुषों की तादात कुछ करोड़ो मे है, और यह सभी भारतीय है, इन्हे भी संविधान के अनुसार कानून के समक्ष बराबर खड़ा होने के अधिकार हैं. यह कानून जो कि महिला उत्थान के लिए बना था आज यह पुरुष विरोधी का रूप ले लिया है और पुरुष को प्रताड़ित करने के लिए इस्तेमाल हो रहा है आप सोचे कैसा लगता होगा किसी 60/70 साल के पिता के ऊपर उसकी बहु के द्वारा attempt to rape or molestation जैसे केस में जेल भेज दिया जाता है, यहाँ यह कोई नहीं सोचता कि यह बुजुर्ग तो इतने सालो से इज्जत बचा कर रखा था वो इसी लिए क्या कि बहू आएगी और रेप या attempt to rape करेगा. तो यह सारी घटनाक्रम सिर्फ पुरुष विरोधी हीं नहीं समाज विरोधी भी है।
हमारी मांगे नहीं माने जाने की स्थिति में, तकरीबन 500 पुरुष अधिकार के कार्यकर्ता NOTA t-shirt पहन कर NCR मे इसका promote करने का निश्चय किया है।