; सैनिकों के गाँव में नहीं पहुँची मूलभूत सुविधाएं,चुनाव में NOTA दबाने का ऐलान
सैनिकों के गाँव में नहीं पहुँची मूलभूत सुविधाएं,चुनाव में NOTA दबाने का ऐलान

गोण्डा। देश गणतंत्र दिवस मना रहा है…गणतंत्र दिवस यानी “अपना हक”…कुछ ऐसा ही अपना हक मांग रहे है गोण्डा जिले के नारायनपुर गांव के फौजी…इसी साल यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर  नारायणपुर गांव के ग्रामीणों ने एक स्वर में नोटा का बटन दबाए जाने की चेतावनी दी है। नारायणपुर गांव सेना में नौकरी करने वालों की संख्या कई दर्जनों में है। इसलिए इस गांव को फौजियों का गांव भी कहा जाता है। गांव में रहने वाले फौजी जो अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा में सीमा खड़े रहते है वो आज अपने ही गांव में अपने हक़ के लिए लड़ रहे है….।

नारायणपुर गांव में रहने वाले रिटायर्ड फौजियों का कहना है कि उनके गांव की सड़क पिछले 18 सालों से उजड़ी पड़ी है। जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी से की और तमाम बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी सड़क को बनवाने की गुहार लगाई लेकिन उनकी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और सड़क आज भी जर्जर पड़ी है। अपनी इसी समस्या को लेकर गांव के लोगों ने एक स्वर में इस बार के लोकसभा चुनाव में नोटा का बटन इस्तेमाल किये जाने का ऐलान किया है और अपनी इन्ही मांग को आज से लेकर गांव के लोगों ने प्रदर्शन भी किया इनका कहना है कि अगर उनके गांव की सड़क नहीं बनी तो वह 2019 के चुनाव का बहिष्कार करेंगे। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार सूचित भी किया फिर भी इनके कान में जूं तक नही रेंगी। नेताओं और अधिकारियों की इसी उदासीनता के चलते यंहा के ग्रामीणों ने अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए एक स्वर में एलान कर दिया है रोड नही तो वोट नही।

यंहा के ग्रामीणों ने गांव के बाहर बकायदा एक बोर्ड लगा दिया है जिसमे लिखा है कि “रोड नही तो वोट नही …. नोटा …. सड़क नही बनेगी तो करेंगे 2019 चुनाव का बहिष्कार …. सौजन्य से समस्त ग्रामवासी।
सालों से विकास की राह देख रहे और विकास के लिए तरस रहे यहां के ग्रामवासी आज इस कदर आक्रोशित है की वह नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी एक आवाज़ में बुलंद कर रहे है। स्थानीय ग्रामीण दिनेश ने बताया की हमारे गांव की रोड 18 साल पहले बनी थी …. अब इतना गड्ढा हो गया है कि आये दिन एक्सीटेंड होते रहते हैं और जो भी नेता आते हैं सिर्फ आश्वासन देते जिसके बाद चले जाते हैं। अपने गांव की इस बदहाली पर ग्रमीणों ने कहा कि अब तो बच्चों को भी स्कूल आने – जाने में काफी दिक्क़त होती है और नेता आते हैं फिर चले जाते हैं तो अब हम लोगों ने ठान लिया है कि अगर रोड नही बनी तो इस बार के लोकसभा चुनाव में सभी नेताओं का बहिष्कार करते हुए ग्रामसभा की पूरी जनता नोटा का बटन दबाएगी। वही जब इस बारे में जिले के डीएम से पूछा गया तो डीएम ने बिना गंभीरता कहा कि यह कोई नई बात नहीं है विगत वर्षों हिंदुस्तान में ऐसा कई बार हुआ है…ग्रमीणों की जनभावना का अनुसरण करते हुए उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।

News Reporter
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